कौन ले सकता है शेयर बाजार से लाभ
कौन ले सकता है शेयर बाजार से लाभ

कौन ले सकता है शेयर बाजार से लाभ  

संजय बुद्धिराजा
व्यूस : 13008 | अप्रैल 2016

किसी भी जातक या निवेशक को शेयर बाजार में पदार्पण करते समय सबसे पहले यह देखना चाहिये कि क्या जातक की जन्म कुंडली में शेयर बाजार से धन लाभ के योग हैं या नहीं। यदि ये योग विद्यमान हैं तो जातक को धनी बनने से कोई नहीं रोक सकता और यदि ये योग विद्यमान नहीं हैं तो शेयर बाजार में निवेश करने से हानि ही होगी। तकनीक व ज्योतिष का एक साथ प्रयोग कर सबसे ज्यादा खतरे वाले बाजार से फायदा लिया जा सकता है। शेयर बाजार से लाभ कमाने के योग किसी भी जन्म कुंडली में द्वितीय, पंचम, अष्टम व एकादश भाव धन से संबंधित होते हैं।


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नवम भाव भाग्य को बताता है। तृतीय, षष्ठ व द्वादश भाव हानि से संबंध रखते हैं। ग्रहों में गुरू व राहु-केतु भी शेयर बाजार से लाभ के कारक हैं। ƒ धन के ग्रह गुरू व जुये आदि से आय के ग्रह राहु केंद्र व त्रिकोण में स्थित हों या केंद्रेश या त्रिकोणेश से युति करते हों तो शेयर बाजार से धन लाभ होता है। उदाहरण के लिये यदि सति (13 जुलाई 1985, 06ः34, कानपुर) की कर्क लग्न की जन्म कुंडली पर विचार किया जाय तो यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि धन का कारक गुरु व शेयर बाजार का कारक राहु दोनांे ग्रह केंद्र में स्थित हैं और राहु तो लग्नेश चंद्रमा के साथ ही है। लाभेश भी स्वराशि में है। इन योगों के फलस्वरुप ही जातिका ने शेयर बाजार में निवेशक के तौर पर लाखों रुपये कमाये। ƒ पंचम, नवम व एकादश भाव के स्वामी केंद्र या त्रिकोण में स्थित हों व शुभ ग्रहों से युक्त हों तो शेयर बाजार लाभ देता है।

उदाहरण के लिये महिंद्र (22 सितंबर 1989, 19ः05, दिल्ली) की मीन लग्न की जन्म कुंडली को देखा जाय तो हम पाते हैं कि पंचमेश चंद्रमा, नवमेश मंगल व एकादशेश शनि ये तीनों ग्रह केंद्र में स्थित हैं और शुभ ग्रह गुरु से भी संबंध बनाये हुये हैं। इसी कारण जातक ने छोटी उम्र मे ही शेयर बाजार से काफी अच्छा पैसा कमाया है। ƒ एकादश भाव का केतु लाॅटरी, जुआ या शेयर बाजार से धन लाभ करवाता है। उदाहरण के लिये रमेश व्यास (05 जनवरी 1969, 04ः00, गुडगांव) की वृश्चिक लग्न की जन्म कुंडली से पता चलता है कि एकादश भाव में केतु स्थित है और उसकी पंचमेश गुरु से युति भी है। इसके अतिरिक्त नवमेश यानि भाग्येश चंद्रमा भी स्वराशिस्थ है। जातक कई सालों से शेयर बाजार का एक कामयाब निवेशक है। ƒ सर्वाष्टक वर्ग में यदि पंचम, नवम व एकादश भावों में अधिक शुभ बिंदु (28 या अधिक) हैं

तो शेयर बाजार में पूंजी लगायी जा सकती है। उदाहरण के लिये संदीप बहल (18 जनवरी 1977, 08ः10, अमृतसर) की मकर लग्न की जन्म कुंडली में यदि सर्वाष्टक वर्ग के शुभ बिंदु देखे जाय तो हम पाते हैं कि पंचम भाव में 29, नवम भाव में 30 व एकादश भाव में 31 बिंदु हैं जिसकारण जातक ने शेयरों में निवेश किया और करोड़ों रुपये कमाये। ƒ पंचम, नवम व एकादश भावस्थ ग्रहों व पंचम, नवम व एकादश भावेशों व अष्टमेश की दशा, अंतर्दशा में शेयर बाजार से लाभ होता है। उदाहरण के लिये यदि उपरोक्त संदीप बहल (18 जनवरी 1977, 08ः10, अमृतसर) की मकर लग्न की कुंडली को ही देखें तो फरवरी 2000 के बाद जातक ने एक साल के अंदर ही अंदर शेयर बाजार से बहुत लाभ कमाया था। तब जातक पर सूर्य की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही थी। यहां सूर्य अष्टमेश होकर लग्न में स्थित है और लग्नेश शनि से भी दृष्ट है।

अष्टम भाव से भी शेयर बाजार का लाभ लिया जा सकता हैं। शुक्र यहां राज योग कारक होकर धन के द्वितीय भाव में स्थित है और उस पर आकस्मिक धन कारक राहु की केंद्र से दृष्टि भी है। ƒ गोचरानुसार यदि गुरू व राहु शुभ स्थानों में भ्रमण कर रहे हैं तो शेयर बाजार से सफलता मिलती है। उदाहरण के लिये पुनः यदि उपरोक्त संदीप बहल (18 जनवरी 1977, 08ः10, अमृतसर) की मकर लग्न की जन्म कुंडली को ही देखा जाय तो जातक ने फरवरी 2000 से शेयर बाजार से काफी धन कमाया था। उस समय गुरु ग्रह का गोचर मेष राशि से था जो कि जातक के चतुर्थ भाव में स्थित है। राहु का गोचर कर्क राशि से था जो जातक के सप्तम स्थान में स्थित है।

स्पष्ट है कि गुरु व राहु का गोचर शुभ स्थानों से होने के कारण जातक को शेयर बाजार का लाभ मिला। ƒ अष्टमेश भी यदि केतु के साथ द्वितीयस्थ हो तो लाॅटरी व शेयरों से लाभ मिलता है। उदाहरण के लिये यू.वी. प्रसाद (24 जनवरी 1967, 23ः07, दिल्ली) की कन्या लग्न की कंुडली को देखें तो हम देखते हैं कि अष्टमेश मंगल है जो केतु के साथ द्वितीय भाव में स्थित है। इसके अतिरिक्त लग्नेश बुध व नवमेश शुक्र की पंचम भाव में युति भी है। इन्हीं योगों के कारण ही जातक को शेयर बाजार बहुत भाया और उसने खूब धन कमाया। ƒ जन्म चंद्रमा किसी भी तरह से पीड़ित होने पर जातक भावनात्मक रूप से शेयर से जुड़ जाता है और दिमाग से फैसले कम कर पाता है। उस अवस्था में शेयर बाजार में नुकसान होने की अवस्था में उसके कुछ कर गुजरने की भी आशंका रहती है। अतः जन्म चंद्रमा का बली होना भी अति आवश्यक है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी से शुक्ल पक्ष की अष्टमी तक चंद्रमा बली कहा जाता है।

अशुभ ग्रहों का चंद्रमा पर प्रभाव न होने से भी चंद्रमा बली होता है। उदाहरण के लिये वसुंध् ारा (05 जून 1978, 19ः25, फरीदाबाद) की वृश्चिक लग्न की कुंडली में हालांकि नवमेश चंद्रमा उच्च का होकर सप्तम भाव में स्थित है परंतु अष्टमेश बुध से युति में है, एकादश भाव के राहु से दृष्ट है और दशम भाव के शनि से दृष्ट है जिस कारण जातिका का चंद्रमा अति पीड़ित अवस्था में है। जातिका को शेयर बाजार से दूर रहना चाहिये था लेकिन ध् ान कमाने की लालसा में जातिका ने पति से छुपकर व बाजार से उधार लेकर लाखों रुपयों के शेयरों का लेन देन कर डाला जिसमें जातिका को बहुत बड़े स्तर पर ध् ान हानि हुई और जिसे वो सहन नहीं कर पायी और अगस्त 2013 में उसने आत्महत्या कर ली। ƒ गुरूवार का दिन शेयर खरीदने के उद्देश्य से लाभदायक रहता है। इसके बाद बुधवार, शुक्रवार व सोमवार आते हैं जिस दिन शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है।


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कुछ सावधानियां ƒ शेयर बाजार में निवेश करते समय यदि चंद्रमा का गोचर अष्टम भाव से हो तो उन दिनों में शेयर बाजार में निवेश से बचना चाहिये। ƒ जातक के जन्म नक्षत्र से तीसरे, पांचवें या सातवें नक्षत्र से यदि चंद्रमा का गोचर हो तो भी निवेश नहीं करना चाहिये। ƒ लंबे समय के निवेश के लिये मंगलवार को शेयर नहीं खरीदना चाहिये। ƒ जिन लोगों ने शेयर बाजार से लाभ कमाया है, उनकी जन्म कुंडलियों के अनुसार उनकी शुभ दशा व अंतर्दशा चल रही होती थी।

अतः निवेशक को भी उचित समय यानि शुभ दशा अंतर्दशा का इंतजार करना चाहिये। ƒ अपने ईष्ट देवता की आराधना करना नहीं भूलना चाहिये। (इस लेख का उद्देश्य पाठकों को केवल शेयर बाजार व ज्योतिष का संबंध समझाना भर है। किसी भी निवेश से लाभ या हानि होने का संबंध लेख से नहीं जोड़ा जाना चाहिये।)



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