वेल्लूरू स्थित स्वर्ण मंदिर श्रीपुरम् का वास्तु

वेल्लूरू से 7 किलोमीटर दूर थिरूमलाई कोडी में स्वर्ण से बना श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर श्रीपुरम् है।... और पढ़ें

वास्तुदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलअध्यात्म, धर्म आदि

दिसम्बर 2010

व्यूस: 4202

नारद पुराण में वास्तुषास्त्र का सूक्ष्म वर्णन

श्रीसनन्दन जी कहते हैं ‘‘-------- देवर्षे, ज्योतिष शास्त्र में चार लाख श्लोकों को बताया गया है। उसके तीन स्कंध हैं, जिनके नाम ये हैं-गणित (सिद्धांत), जातक (होरा) और संहिता।।’’ नारद पुराण के ‘त्रिस्कन्ध ज्योतिष के ‘संहिता’ स्कन्ध म... और पढ़ें

वास्तुदेवी और देववास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2015

व्यूस: 13450

दिशाओं में छिपी समृद्धि: पंचतत्व व इष्टदेव

व्याधिं मृत्यं भय चैव पूजिता नाशयिष्यसि। सोऽह राज्यात् परिभृष्टः शरणं त्वां प्रपन्नवान।। प्रण्तश्च यथा मूर्धा तव देवि सुरेश्वरि। त्राहि मां पùपत्राक्षि सत्ये सत्या भवस्य नः।। ”तुभ पूजित होने पर व्याधि, मृत्यु और संपूर्ण भयों का ना... और पढ़ें

वास्तुदेवी और देवसंपत्तिगृह वास्तुव्यवसायिक सुधार

अप्रैल 2012

व्यूस: 14283

लक्ष्मी आगमन के विशेष वास्तु उपचार

गृह के मुख्य द्वारा को गृहमुख माना जाता है. इसका वास्तु शास्त्र में विशेष महत होता हा. यह परिवार व् गृहस्वामी की शालीनता,समृद्धि विद्वता दर्शाता है. इसलिए मुख्य द्वार को हमेशा बाकी द्वारों की अपेक्षा कुछ बड़ा व् सुसज्जित रखने की प्... और पढ़ें

वास्तुदेवी और देवसंपत्तिभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2009

व्यूस: 13623

तीर्थ गुरु पुष्कर का माहात्म्य

कहते हैं तीर्थ गुरु पुष्कर में शुभ समय एवं ग्रह योग में जाकर पूजा उपासना करने से जातक विवाह, पुत्र संतान, ज्ञान, यश, धन के सुख प्राप्त कर अपना जीवन सुखमय बना सकता है। इस लेख में पूजा की सरल विधि व पुष्कर जी के महात्म्य का वर्णन कि... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलअध्यात्म, धर्म आदि

जनवरी 2010

व्यूस: 12476

खरगोन - नवग्रह कृत अरिष्टों के निवारण के लिए जहाँ पूजी जाती हैं. माता बगलामुखी

खरगोन का भी श्री नवग्रह मंदिर संपूर्ण भारतवर्ष में अपना एतिहासिक महत्व रखता हैं. इस मंदिर में माता बगलामुखी देवी स्थापित हैं. यहाँ नवग्रहों की शान्ति के लिए माता पीताम्बरा की पूजा अर्चना एवं आराधना की जाती हैं.... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

मार्च 2009

व्यूस: 9940

सीतामढ़ी

सीतामढ़ी

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

संसार भर के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक प्रदेश में जम्बूद्वीप के धराधाम पर अवस्थित मगध की महिमा अक्षुण्ण है। मगध की पवित्र भूमि न सिर्फ विपुल नैसर्गिक सौंदर्य व गौरवमय ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है वरन् इस देवभूमि ... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलविविध

जुलाई 2014

व्यूस: 9446

पितृभक्तों का पुण्यमय तीर्थ: गया

पितृभक्तों का पुण्यमय तीर्थ: गया

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

धरती पर कुछ ऐसे विशिष्ट तीर्थ स्थल भी हैं, जहां परमपिता परमात्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लोककल्याणार्थ न सिर्फ अपनी लीलाओं का संचालन किया वरन् अपने भक्तों को दर्शन-उपदेश से चमत्कृत भी किया।... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

सितम्बर 2010

व्यूस: 8459

अनूठा है जलमंदिर

अनूठा है जलमंदिर

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

आदि अनादि काल से धर्म सम्मत रहे भारतवर्ष में गया की भूमि मोक्ष धाम है। इस पुण्य धरा पर प्रकारान्तर से ही श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण की निर्बाध परंपरा रही है और इस घोर कलियुग में भी यहां की महिमा अक्षुण्ण है। हजारों बर्षों के गौरवशा... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

फ़रवरी 2015

व्यूस: 9949

आस्था और विश्वास का महातीर्थ श्री वासुकीधाम

ऐतिहासिक और पौराणिक गाथाओं से अलंकृत पुरातन प्रज्ञा का प्रदेश बिहार भले ही 15 नवंबर सन् 2000 को विभक्त होकर झारखंड राज्य बन गया पर यहां के कंकड़-कंकड़ में शंकर विराजमान हैं जहां का चप्पा-चप्पा शिव विभूति से संपृक्त है। प्राची... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जुलाई 2015

व्यूस: 8737

बेशकीमती ऐतिहासिक‘रवि’ देवालय

बेशकीमती ऐतिहासिक‘रवि’ देवालय

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

तकरीबन तीन सौ वर्षों तक बिहार, बंगाल व झारखंड क्षेत्र में शासन सत्ता स्थापित कर अपने गौरवनामा का परचम लहराने वाला पालवंश भारतीय कला संस्कृति के अभ्युदय काल के स्वरूप का स्पष्ट दिग्दर्शन है। इस युग में जहां एक ओर तथागत और उनसे जुड़े... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

अप्रैल 2015

व्यूस: 7928

जैन धर्म के दो अविस्मरणीय स्थल

जैन धर्म के दो अविस्मरणीय स्थल

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

पारसनाथ यह संसार नश्वर है। यही कारण है कि इस दुनिया-जहान में जो आता है एक न एक दिन उसका जाना सुनिश्चित है, परंतु एक ही पर्वत क्षेत्र में किसी धर्म-संप्रदाय के बीस महात्माओं को निर्वाण प्राप्त होना निश्चय ही उसकी प्रतिष्ठा-प्रभविष्... और पढ़ें

स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलविविध

अप्रैल 2016

व्यूस: 8919

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