1- जिस पुरूष की कुंडली में शुक्र खाना नं. 6 में हो उसके ससुराल वालों को चाहिए कि सोने का क्लिप अपनी लड़की को दें।
2- यदि शुक्र खाना नं. 4 में हो या सूर्य, राहु, चंद्र खाना नं. 2 में या फिर राहु खाना नं. 1,5 या 7 में हो (पुरुष के टेवे में) तो ऐसे में जातक को चांदी का चैकोर टुकड़ा ससुराल वालों से लेकर हमेशा अपने पास रखना चाहिए।
3- यदि टेवे में केतु खाना नं. 8 में हो तो शादी के तुरंत बाद व्यक्ति को काला सफेद कंबल धर्म स्थान में रखना चाहिए।
4- यदि चंद्रमा खाना नं. 6 में हो तो कुंडली में पितृदोष बनता है, ऐसे में व्यक्ति को दिन के समय 100 कुत्तों को मीठी रोटी, शादी के तुरंत बाद डालनी चाहिए।
5- यदि बुध टेवे के खाना नं. 12 में हो तो स्टेनलेस स्टील के बिना जोड़ के दो छल्ले बनवाने चाहिए, जिनमें से एक शादी के समय धारण करना चाहिए और दूसरा पानी में बहाना चाहिए।
6- खाना नं. 6 व खाना नं. 10 के कुप्रभाव को बचाने के लिए टेवे का खाना नं. 5 देखें, वहां बैठे ग्रह के शत्रु ग्रह की चीज़ें ज़मीन के नीचे दबाएं।
7- बृहस्पति खाना नं. 10 में, शुक्र खाना नं. 11 में, केतु खाना नं. 8 में और शनि खाना नं. 5 में हो तो बेटे के वजन के बराबर आटे की रोटियां 25 से 48 दिन तक कुत्तों को खिलाएं।
8- खाना नं. 2 और खाना नं. 12 में लाभदायक ग्रह हों तो षष्ठस्थ ग्रह को जगाएं। इसके लिए अपने मामा या अपनी बेटियों की सहायता और सेवा करें।
9- वर्षफल में जो ग्रह षष्ठ में आए वह जातक के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। उस ग्रह से संबंधित वस्तुएं दान में देनी चाहिए।
10- जन्म कुंडली के खाना नं. 11 में जो ग्रह हो और वर्षफल में खाना नं. 11 या 8 में आए तो उस ग्रह की कारक वस्तुएं मत खरीदें।
11- यदि खाना नं. 3 और 5 खाली हों तो खाना नं. 2 के माध्यम से खाना नं. 9 को जगाना चाहिए।
12- यदि खाना नं. 10 खाली हो तो खाना नं. 4 के ग्रह चाहे अच्छे भी जो फल नहीं देते, इसके लिए 10 अंधों को भोजन खिलाएं पर भोजन के लिए पैसे न दें।
13- खाना नं. 11 में स्थित सूर्य तब तक शुभ फल देता है जब तक व्यक्ति शाकाहारी रहे। यदि मांस, मदिरा का सेवन करे तो संतान के लिए अशुभ।
14- यदि टेवे में बृहस्पति और केतु शुभ हो तो खाना नं. 11 का चंद्रमा अति शुभ फल देता है, कम से कम उस उम्र तक जब तक व्यक्ति की माता जीवित हैं।
15- यदि टेवे में बृहस्पति अशुभ फल दे रहा हो तो बेटी की शादी के समय सोने के 2 टुकड़े बराबर वजन के बनवा कर एक पानी में बहा दें, और एक दुल्हन को दें। दुल्हन उसे बेचे नहीं, सदा के लिए अपने पास रखे।
16- यदि सूर्य अशुभ फल दे तो तांबे के टुकड़ों का उपरोक्त ढंग से इस्तेमाल करें।
17- यदि चंद्रमा अशुभ फल दे तो मोती उपरोक्त ढंग से इस्तेमाल करें।