अध्यात्म, धर्म आदि

अध्यात्म, धर्म आदि


वेल्लूरू स्थित स्वर्ण मंदिर श्रीपुरम् का वास्तु

वेल्लूरू से 7 किलोमीटर दूर थिरूमलाई कोडी में स्वर्ण से बना श्री लक्ष्मी नारायणी मंदिर श्रीपुरम् है।... और पढ़ें

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिवास्तुमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

दिसम्बर 2010

व्यूस: 3071

अध्यात्म ज्योतिष और वास्तु

कुतः सर्वमिदं जातं कस्मिश्च लयमेफ्यति। नियंता कश्च सर्वेषां वदस्व पुरूषोत्तम।। यह जगत किससे उत्पन्न हुआ है और किसमें जा कर विलीन हो जाता है? इस संसार का नियंता कौन है? हे पुरुषोत्तम ! यह बताने की कृपा करें। महेश्वरः परोऽव्यक्तः चर... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिवास्तु

अकतूबर 2004

व्यूस: 6179

जगत की गति का द्योतक है 108

अंक शास्त्र के अनुसार मूलांक अर्थात 1 से लेकर 9 तक के अंक नवग्रहों के प्रतीक है। इसी प्रकार दर्शन शास्त्र ने भी अंकों के सन्दर्भ में व्याख्या की है। शिकागो के विश्वधर्म सम्मलेन में स्वामी विवेकानंद से शून्य पर बोलने को कहा गया था।... और पढ़ें

अंक ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिविविध

अप्रैल 2013

व्यूस: 8085

वास्तु की नजर में गया एवं बोध् गया

किसी भी शहर के सुव्यवस्थित वास्तु पर उस शहर का समृद्धि एवं विकास निर्भर करता है। अतः शहर वास्तु के अनुरूप हो, तो उस शहर का विकास चरमोत्कर्ष पर होता है। जहां तक बोध गया एवं गया का सवाल है, यह एक प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक शहर है... और पढ़ें

स्थानअध्यात्म, धर्म आदिवास्तुमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जनवरी 2004

व्यूस: 6793

पितृ मोक्षधाम का महातीर्थ ब्रह्मकपाल

वैदिक परंपरा के अनुसार पुत्र, पुत्रत्व तभी सार्थक होता है जब पुत्र अपने माता-पिता की सेवा करे व उनके मरणोपरांत उनकी मृत्यु तिथि व पितृपक्ष में विधिवत श्राद्ध करें। भारतीय वैदिक आदि सनातन हिंदू धर्म में मानव के जन्म मात्र से ही तीन... और पढ़ें

स्थानउपायअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जुलाई 2013

व्यूस: 15350

तीर्थ गुरु पुष्कर का माहात्म्य

कहते हैं तीर्थ गुरु पुष्कर में शुभ समय एवं ग्रह योग में जाकर पूजा उपासना करने से जातक विवाह, पुत्र संतान, ज्ञान, यश, धन के सुख प्राप्त कर अपना जीवन सुखमय बना सकता है। इस लेख में पूजा की सरल विधि व पुष्कर जी के महात्म्य का वर्णन कि... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जनवरी 2010

व्यूस: 9515

उद्धव जी की ब्रज यात्रा

उद्धव जी की ब्रज यात्रा

फ्यूचर पाॅइन्ट

उद्धवजी वृष्णिवंशियों में एक प्रधान पुरुष थे। वे साक्षात बृहस्पति जी के शिष्य और परम बुद्धिमान थे। वे भगवान् श्री कृष्ण के प्यारे सखा तथा मंत्री भी थे। एक दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय भक्त और एकांतप्रेमी उद्धवजी का हाथ अपने ... और पढ़ें

स्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

मार्च 2013

व्यूस: 7460

राहु-केतु पीड़ा निवारक तक्षक तीर्थ

काल सर्प योग राहु और केतु के माध्यम से बनता है। राहु को सर्प का मुख एवं केतु सर्प की पूंछ माना गया है। सांपों का भारतीय संस्कृति से बहुत गहरा संबंध है।... और पढ़ें

स्थानउपायअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

दिसम्बर 2010

व्यूस: 3889

सर्वकल्याणक श्री पंचमुखी हनुमान जी

सर्वकल्याणक श्री पंचमुखी हनुमान जी

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

संसार भर के वीरों में अद्वितीय, ज्ञानियों में सर्वश्रेष्ठ, अष्टसिद्धि के स्वामी श्री रामभक्त हनुमान की आराधना प्राचीन काल से लेकर आज तक संपूर्ण भारतीय प्रायद्वीप में निर्बाध रूप से जारी है जो भक्तों के कल्याणार्थ इस भू-धरा पर शिव ... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जून 2016

व्यूस: 4814

शिव शक्ति आराधना का फलदायी केंद

शिव शक्ति आराधना का फलदायी केंद

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

युगों-युगों से भारतभूमि को शृंगारित करने वाली शिवप्रिया गंगा देश की पहचान है और इसके तट पर तीर्थों का बाहुल्य है। अटूट जनास्था और धार्मिक आस्था, विश्वास की प्रतीक बनी मातृरूपा मां गंगा के तट पर जयादातर शैव तीर्थ, शक्ति तीर्थ व ... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जुलाई 2016

व्यूस: 4390

एक सभ्य समाज के निर्माण की प्रक्रिया

विश्वव्यापी बहाई समुदाय इस कार्य में तल्लीन है कि किस प्रकार सभ्यता निर्माण की प्रक्रिया में यह अपना योगदान दे सके। यह दो प्रकार के योगदान को महत्व दे रहा है। पहले प्रकार का योगदान बहाई समुदाय के विकास और उन्नति से सम्बन्धित है और... और पढ़ें

ज्योतिषस्थानअध्यात्म, धर्म आदिसुखविविध

मई 2014

व्यूस: 16309

विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव का

विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव का

राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’

भारत देश की सांस्कृतिक राजधानी और मंदिरों की महानगरी वाराणसी में मंदिरों की कोई कमी नहीं। काशी तीर्थ में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक एक से बढ़कर एक मान्यता प्राप्त पौराणिक देवालय हैं पर इनकी कुल संख्या कितनी ह... और पढ़ें

देवी और देवस्थानअध्यात्म, धर्म आदिविविधमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जून 2013

व्यूस: 13385

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