हस्ताक्षर विज्ञान:हस्ताक्षर या लिखावट से हमारा सीधा संबंध मानसिक विचारों से होता है यानी हम जो सोचते हैं, करते हैं, जो व्यवहार में लाते हैं,वह सब अवचेतन रूप में कागज पर अपनी लिखावट व हस्ताक्षर के द्वारा प्रदर्शित कर देते हैं। जीवन साथी का चयन
हस्ताक्षर हमारे व्यवहार, समय, जीवन और चरित्र का दर्पण है। व्यक्ति के हस्ताक्षर को देखकर जीवन के प्रति उसकी सोच और दूसरों के प्रति उसके व्यवहार का अनुमान लगाया जा सकता है। हस्ताक्षर से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का विश्लेषण करने के लिए यह आवश्यक है कि हस्ताक्षर बिना रुके होना चाहिए अर्थात हस्ताक्षर पूर्ण गति में बिना कलम रोके हो, ऐसा हस्ताक्षर ‘‘विश्लेषण’’ के लिए सबसे अच्छा हस्ताक्षर माना जाता है।
हस्ताक्षर विज्ञान पद्धति का प्रयोग जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं- कानूनी विवाद, शैक्षणिक क्षेत्र, कर्मचारियों का चुनाव, स्वयं की पहचान, कैरियर का मार्गदर्शन, जीवन साथी का चुनाव।
हस्ताक्षर और वैवाहिक जीवन
आज व्यक्ति का जीवन संघर्षों और विषम परिस्थितियों से भरा है इसे खुशहाल और सार्थक बनाने में अनुकूल जीवन साथी की विशेष भूमिका होती है परंतु यथार्थ में बहुत सी ऐसी परिस्थितियां होती हैं जब मानसिक स्तर के अनुकूल जीवन साथी नहीं मिल पाता है और बात बिगड़ने लगती है। ऐसे संबंधों में दोनों व्यक्ति अपने जीवन के मूल्यवान वर्ष दुःख में गवांते हैं।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शादी से पहले कुंडली मिलान की पंरपरा वर्षों से चली आ रही है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर-वधु की कुंडली में जितने अधिक गुण मिलें उनका दाम्पत्य जीवन उतना ही सुखी होगा। लेकिन आज के जमाने में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास अपना सही जन्म विवरण नहीं है या फिर उनके पास कुंडली उपलब्ध नहीं होती हैं।
इस स्थिति में कुंडली मिलान करना संभव नहीं हो पाता है ऐसे में भावी वर-वधु के हस्ताक्षरों के द्वारा मेलापक करना अधिक उपयुक्त रहता है। आईये हस्ताक्षर विज्ञान के विभिन्न नियमों से व्यक्ति के सामान्य व्यक्तित्व की विशेषताओं को समझने का प्रयास करें- यह पद्धतियां भविष्य में वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने वाले लड़के और लड़की को अपने जीवन साथी का चयन करने में अवश्य सहयोग देगी।
हस्ताक्षरों के आधार पर विवाह मेलापक सारणी
हस्ताक्षरों की गति |
तत्वानुसार विचार एवं गुण |
मिलान |
अंक |
हस्ताक्षरकर्ता की बौद्धिकता, चनात्मकता, कार्यों में संलग्नता, उत्तरदायित्व, क्रोध व सहनशीलता को दर्शाती है |
1. यदि दोनों की हस्ताक्षर गति समान है |
3 |
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2. यदि दोनों की हस्ताक्षर गति असमान है |
0 |
हस्ताक्षरों का दबाव |
वाणी की कठोरता, स्वभाव, सयमशीलता, चित्तवृत्ति, इच्छा शक्ति व भावुकता को दर्शाता है |
1. यदि दोनों की हस्ताक्षर गति समान है |
0 |
|
2. यदि हल्का दबाव है |
2 |
|
3. यदि एक में दबाव अधिक व दूसरे में कम है |
2 |
हस्ताक्षरों का आकार |
स्वच्छंदता, उन्मुक्तता क्रियाशीलता, मानवता, उत्साह, एकाग्रता, सूझबूझ को दर्शाता है |
1. यदि दोनों के हस्ताक्षर बड़े आकार के हैं |
3 |
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2. छोटे आकार के हैं |
3 |
|
3. असमानता |
0 |
हस्ताक्षरों की बनावट |
विनियोजन, बौद्धिक मानसिकता, उतावलापन प्रवृत्ति, तर्क शक्ति को दर्शाती है |
1. यदि दोनों हस्ताक्षर श्रेष्ठ श्रेणी के हैं |
5 |
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2. निकृष्ट श्रेणी के हैं |
0 |
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3. सामान्य हैं |
5 |
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4. असमानता है |
0 |
हस्ताक्षरों का कोणीय मापन |
व्यक्ति विशेष के चरित्र, गुण, अवगुण तथा जीवन का संक्षिप्त विवरण दर्शाता है |
1. यदि दोनों का कोणीय माप एक है |
5 |
|
2. असमान |
0 |
हस्ताक्षरों का झुकाव |
स्वास्थ्य, उदासीनता, प्रसन्नता उत्साह, स्फूर्ति, भावनात्मकता, आत्मविश्वास, नेतृत्व शक्ति, मिलनसारिता, आचरेण एवं परिपक्वता को दर्शाता है |
1. दोनों का झुकाव दायीं ओर है |
3 |
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2. बायीं ओर है |
3 |
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3. असमान है |
0 |
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4. सीधा है |
3 |
हस्ताक्षरों की मौलिक स्पष्टता |
आत्मनिर्णय शक्ति, आत्मविश्वास, नेतृत्व शक्ति को दर्शाते हैं |
1. यदि दोनों पढ़े जा सकते हैं |
3 |
|
2. नहीं पढ़े जा सकते हैं |
2 |
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3. एक स्पष्ट है, दूसरा अस्पष्ट है |
0 |
हस्ताक्षरों की सुंदरता रचनात्मकता एवं कलात्मकता |
नम्रता, शत्रुता, गुण-अवगुण, आत्मबल, कल्पना- शक्ति, प्रतिभा-शक्ति और आचरण केा दर्शाता है |
1. यदि दोनों हस्ताक्षर सुंदर हैं |
2 |
|
2. नहीं है |
2 |
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3. एक सुंदर है और दूसरा कुरुप |
0 |
हस्ताक्षर में अक्षरों की आनुपातिक दूरी |
सहजता, सजगता, जागरुकता, अपमान इत्यादि को दर्शाती है |
1. यदि दोनों में आनुपातिक दूरी समान है |
2 |
|
2. असमान है |
2 |
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3. एक में अधिक और दूसरे में कम है |
0 |
हस्ताक्षर में रेखाएं |
1. शिरोरेखा युक्त: जागरुकता, विवेक, सहजता, सावधानी, चिंतन इत्यादि। |
1. यदि दोनों में शिरोरेखाएं हैं |
2 |
2. शिरोरेखा मुक्त: स्वन्छदता, एकाग्रता, गंभीरता, वैचारिक कल्पनाशीलता, आत्मविश्वास इत्यादि। |
2. अधोरेखाएं हैं |
2 |
3. अधोरेखा युक्त: नियम पालन, सोच विचार, उŸारदायित्व, दृढ़ इच्छाशक्ति। |
3. शिरोरेखाएं नहीं है |
2 |
4. अधोरेखा मुक्त: कूटनीति, चालाकी, स्वच्छंदता, नियम पालन, आत्मविश्वास इत्यादि। |
4. अधोरेखाएं नहीं है |
2 |
|
5. एक में शिरोरेखा है दूसरे में नहीं है |
0 |
|
6. एक में अधोरेखा है दूसरे में नहीं है |
0 |
|
7. एक में अधोरेखा है दूसरे में शिरोरेखा है |
0 |
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8. एक में शिरोरेखा है दूसरे में अधोरेखा है |
0 |
हस्ताक्षरों में चिह्न |
गोपनीयताआस्तिकता-नास्तिकता, निरंकुशता, क्रोध, संयम, स्वभाव, चरित्र, मनोवृŸिा, रहन -सहन-खान-पान इत्यादि को दर्शाते हैं |
1. यदि दोनों चिह्नों का प्रयोग है |
2 |
|
2. नहीं है |
2 |
|
3. एक में है दूसरे में नहीं है |
0 |
हस्ताक्षरों के बिंदु |
सावधानी, असावधानी, गोपनीयता, संयमशीलता, चरित्र, व्यक्तित्व, भावनात्कता इत्यादि को दर्शाते हैं |
1. दोनों में बिंदुओं का प्रयोग आवश्यकतानुसार है |
2 |
|
2. अनावश्यक बिंदु है |
2 |
|
3. नहीं है |
0 |
हस्ताक्षरों की मात्राएं |
प्रदर्शन-प्रवृŸिा, रहन-सहन, खान-पान, विवेक, धैर्य इत्यादि को दर्शाते हैं |
1. दोनों में मात्राओं का प्रयोग आवश्यकतानुसार है |
2 |
|
2. अनावश्यक है |
2 |
|
3. नहीं है |
0 |
विशेष नोट: ववाह हेतु कम म 22 अंक अवश्य होने चाहिए।
परीक्षण फल: 1. सर्वश्रेष्ठ - यदि दोनों के 36 अंक मिलते हैं। 2. श्रेष्ठ - यदि दोनों के 30 अंक मिलते हैं। 3. उŸाम - यदि दोनों के 24 अंक मिलते हैं। 4. सामान्य - यदि दोनों 18 अंक मिलते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं कि जीवन साथी का चयन करने में हस्ताक्षर विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दिनों-दिन इस विद्या का प्रयोग बढ़ता जा रहा है यह केवल कल्पना पर आधारित ज्ञान नहीं, अपितु एक नियोजित विषय है जो ठोस धरातल पर स्थित है, परीक्षणों की कसौटी पर खरा उतरता है। इसकी सहायता से वैवाहिक संबंध पहले की अपेक्षा मधुर एवं दृढ़ बन सकते हैं।