नैर्ऋत्य में द्वार व बोरिंग के दुष्परिणाम
नैर्ऋत्य में द्वार व बोरिंग के दुष्परिणाम

नैर्ऋत्य में द्वार व बोरिंग के दुष्परिणाम  

गोपाल शर्मा
व्यूस : 3769 | अप्रैल 2017

पंडित जी को 21 दिसंबर को नोयडा स्थित एक इलेक्ट्राॅनिक उपकरण बनाने वाली फैक्ट्री के वास्तु सुधार के लिये निमंत्रित किया गया। दोनों निदेशकों से विस्तृत वार्तालाप द्वारा पता चला कि 2008 से 2013 तक कंपनी बहुत बढ़िया चल रही थी। 2014 में फैक्ट्री में काफी विस्तार किया गया। इसी दौरान द्वितीय तल पर निर्माण, लिफ्ट का लगना व पानी की कमी के कारण प्रवेश द्वार के नजदीक बोरिंग के लिये खुदाई की गई जिसके बाद 2 पार्टनर कम्पनी से अलग हो गये तथा धीरे-धीरे फैक्ट्री में नुकसान बढ़ता चला गया।

विश्लेषण व सुझाव:- भूखंड का मुख पश्चिम दिशा की ओर है जो इंडस्ट्रीज के लिए उत्तम है। इस इंडस्ट्री का प्रवेश द्वार नैर्ऋत्य दिशा से है जो कि वास्तु के अनुसार एक बहुत बड़ा दोष है। इस कारण से नीति निर्धारण में देरी, धीरे-धीरे लाभ में कमी व अंततः आर्थिक हानि होने लगती है।

- इसके दोष के प्रभाव को हटाने के लिए मुख्य द्वार की दहलीज पर पीला पेण्ट करें और अंदर से चार फीट ऊँची अस्थायी दीवार उठाएं जिससे कि इस प्रवेश द्वार से आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो जाए।

दिन-प्रति दिन के आवागमन के लिए आॅफिस के आकार को छोटा करके पश्चिम से द्वार बनाएं। यदि कभी साल-दो साल में किसी भारी बड़ी मशीन आदि को अन्दर/बाहर ले जाना हो तो इस अस्थायी निर्माण को गिराकर दोबारा बना सकते हैं।

- दक्षिण दिशा में सीढ़ियां उत्तम हैं।

- हरी बोतलें, सूखे फूल, टूटी एवं रूकी हुई घड़ियां और दीवार में लगी खाली कीलें, किसी भी प्रकार का कूड़ा सभी तलों से हटा देना चाहिए। ऐसा करने से रूके हुए कार्य निपटने शुरू हो जाएंगे और व्यापार में आमदनी की वृद्धि होगी। फ्लोर पर टूटे हुए पत्थर नहीं होने चाहिए और दीवारों में सीलन नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से लड़ाई-झगडे़ खत्म होंगे और मुकद्दमेबाजी में जीत होगी।

- फैक्ट्री के क्षेत्र एवं आस-पास सफाई का ध्यान रखें, ऐसा करने से ग्राहकों का आपकी इंडस्ट्री के प्रति आकर्षण बना रहेगा।

बेसमेन्टः-

- उत्तर, ईशान एवं पूर्व दिशा में बेसमेंट लाभ, नाम व प्रगति के लिये उत्तम है।

- इन्वर्टर की अधिकांश बैटरियां नैर्ऋत्य दिशा में हैं। इन्हें पूर्व की दिशा में स्थानांतरित कर देना चाहिए क्योंकि इस कारण से अनचाहे खर्चों में वृद्धि और मानसिक असंतुष्टि रहती है। एक भारी फरनेस मशीन नैर्ऋत्य दिशा में है, जब से वहां मशीन लगी तब से ठीक नहीं चल रही। आर्थिक स्थिति को बेहतर करने और धन के आवागमन के लिए इस मशीन को गैलरी के नीचे वाले हिस्से में दक्षिण दिशा में स्थानांतरित कर दें।

भूतल:-

- जो द्वार के पास बोरिंग की हुई है, वह भाग नैर्ऋत्य दिशा में है और वास्तु के सिद्धांतांे के अनुसार यह किसी तरह से ग्राह्य नहीं है, यह वास्तु दोष भयंकर स्थिति उत्पन्न कर देता है और कोई कार्य सही से नहीं चलता।

यह आपसी सामंजस्य तथा पार्टनर/निदेशक के स्वास्थ्य के लिए भी अति हानिकारक है। इस बोरिंग को रेत से भर कर अति शीघ्र बंद कर दें और ईशान कोण में नई बोरिंग करें। यह नई खुदाई शुभ मुहूत्र्त निकलवा कर करें, आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंगे।

- आॅफिस के क्षेत्र में वायव्य कोण कटा हुआ है अतः इसके कारण कम्पनी झगडे़, मुकदमे आदि में फँसी रहती है। उन्हें बताया गया कि कृपा करके जिस प्रकार साइट पर आपको लिंक डोर बनाने को कहे गये हैं, वैसा करें। इससे फैक्ट्री का आकार आयताकार हो जाएगा और इंडस्ट्री में सामंजस्य एवं प्रसिद्धि बढे़गी।

- विस्तार के समय आॅफिस के ईशान कोण में घुमावदार सीढ़ियां भी बनवाई गईं जो स्टाफ के स्वास्थ्य और कम्पनी की आर्थिक स्थिति के लिए अत्यंत खराब हैं। सीढ़ियों के लिए गैलरी के छोर से अन्य व्यवस्था की जा सकती है जो कि नैर्ऋत्य दिशा में है तथा सीढ़ियों के लिये सर्वोत्तम है।

- पीछे भी ईशान दिशा में बहुत भारी लोहे की सीढ़ियां हैं। ये कंपनी की शांति और उन्नति के लिए बाधक हैं, अतः इन्हें जल्द से जल्द हटा देना चाहिए। पूर्वी जोन में टाॅयलेट मान्य है परन्तु फिर भी इनकी साफ-सफाई निरंतर होती रहनी चाहिए। डोर क्लोजर सही होना चाहिए और नलंे लीक नहीं होनी चाहिए। टाॅयलेट की छत से पानी नीचे नहीं आना चाहिए।

- काॅन्फ्रेंस रूम में जो टेबल पड़ी है वह आयताकार होनी चाहिए जिससे कि उसका अधिक सकारात्मक प्रयोग हो सके। दक्षिण की गैलरी में जितने भी मेन होल हैं, उनके ढक्कनों को नीचे से मैरून अथवा लाल रंग से पेंट कर दें। ऐसा करने से इंडस्ट्री में अनावश्यक खर्चों में कमी आयेगी तथा उत्पादन में वृद्धि होगी।

प्रथम तल (महाप्रबंधक आॅफिस) - आॅफिस के अन्दर जो टेबल है वह भी आयताकार होनी चाहिए। उसको समानांतर करने के लिए उसके टाॅप पर शीशा भी रखा जा सकता है। कुर्सी के पीछे आप एक पहाड़ की पिक्चर भी लगा सकते हैं। इससे प्रबंधन कार्य में निपुणता आएगी।

- पूर्व की दीवार पर घड़ी, शीशा और गोल्डन टेम्पल के चित्र एवं हरियाली का चित्र लगाने से कम्पनी की मान्यता तथा धन के आवागमन में वृद्धि होगी।

द्वितीय तल (एम.डी./सीईओ रूम) - नाम और प्रसिद्धि के लिए पूर्व में भारी एक्वेरियम भी प्रगति में बाधा उत्पन्न करता है। कबर्ड में से अनावश्यक सामान निकालकर हल्का कर दें, और टेबल के नीचे हवा के प्रवाह का प्रबंध करें। इससे कम्पनी के व्यापार में उन्नति होगी।

- ईशान कोण में सी.सी. टी.वी. और बिजली के पैनल हैं। इससे अनचाहे खर्चे बढ़ते हैं और संस्था में शांति नहीं रहती अतः इन्हें ईशान दिशा से हटाकर आग्नेय कोण में रख दें।

- उत्तर दिशा में ऊँचाई का कम होना अच्छा है परन्तु वहाँ जमीन पर भारी कैबिनेट रखी है, इससे पेमेन्ट रूक जाती है या देरी से आती है। यदि इन्हें पश्चिम या दक्षिण में स्थानान्तरित न किया जा सके तो यह भी निश्चित कर लें कि कैबिनेट के नीचे हवा का प्रवाह बना रहे इसके लिये उनके नीचे लकड़ी अथवा लोहे के पाए भी लगवाए जा सकते हैं।

- उत्तर की दीवार पर नियाग्रा फाॅल और वाॅल क्लाॅक लगाएं। इससे धन की वृद्धि होगी। वायव्य दिशा की दीवार पर महत्वपूर्ण सर्टिफिकेट एवं लाइसेंस और अवार्ड आदि के सर्टिफिकेट लटकाएं। इससे और अधिक अवार्ड आदि मिलंेगे।

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