तमिलनाडु की पूर्व सर्वप्रिय मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उनकी करीबी दोस्त शशिकला नटराजन को दिसंबर में ए. आई. ए. डी. एम. के का जनरल सेक्रेटरी बना दिया गया था। जयललिता के निधन के साथ ही पार्टी में फूट पड़ने लगी थी। जयललिता ने अपनी कोई वसीयत नहीं छोड़ी जिससे किसी को पार्टी का असली उत्तराधिकारी बनाया जा सके। शशिकला ने मौके का फायदा उठाया और खुद को महासचिव पद पर पहुंचा लिया।
पार्टी महा सचिव बनते ही शशिकला ने अपने करीबियों को पार्टी में अहम पद देना शुरू कर दिया और उन लोगों को भी पार्टी में जगह दी जिन्हें जयललिता ने बाहर कर दिया था। शशिकला की नजर मुख्यमंत्री पद पर थी और वह पन्नीरसेल्वम को भी रास्ते से हटाना चाहती थीं। शशिकला की ओर से बनाए गए दबाव के बाद पन्नीरसेल्वम ने 6 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। पन्नीरसेल्वम के इस्तीफे के बाद शशिकला खुद सीएम की कुर्सी पर बैठने के सपने देख रही थीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने की वजह से उनका ख्वाब अधूरा रह गया। जेल जाने से पहले भी शशिकला ने खेला दांव सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शशिकला ने बेंगलुरू में कोर्ट के सामने सरेंडर तो किया लेकिन इसके पहले मिले 24 घंटे के वक्त में उन्होंन राजनीतिक दांव-पेंच से राज्य की सियासत बदल दी। शशिकला को सजा होने के बाद माना जा रहा था
कि पन्नीरसेल्वम के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन शशिकला ने ई. पलानीसामी को विधायक दल का नेता बना दिया। अम्मा के पसंदीदा रहे पन्नीरसेल्वम शशिकला गुट से आखिरी लड़ाई भी हार गए। पलानीसामी ने विश्वास मत हासिल कर लिया। अम्मा की पसंद उनकी पार्टी की अंदरूनी सियासत की वजह से ही दब गई। शशिकला के जीवन पर एक नजर शशिकला ने अम्मा का अंतिम संस्कार तक किया, अम्मा के जीवन का अहम हिस्सा थीं। अम्मा शशिकला को अपनी दोस्त ही नहीं अपनी गाइड भी मानती थीं।
- शशिकला नटराजन का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ था।
- शशिकला एक स्कूल ड्राॅप आउट हैं और उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
- शशिकला को फिल्मों का भी काफी शौक था और यह एक वजह थी जो उन्हें अम्मा के करीब लाई।
- पैसे कमाने के लिए शशिकला एक वीडियो शाॅप चलाती थीं और आसपास के इलाकों में होने वाली शादियों की रिकाॅर्डिंग करती थीं।
- एक वीडियो शाॅप चलाने वाली शशिकला की शादी तमिलनाडु की सरकार में पब्लिक रिलेशंस आॅफिसर नटराजन से हुई थी।
- पति नटराजन कडलोर जिले के डीएम वी.एस. चंद्रलेखा के साथ थे।
- चंद्रलेखा तमिलनाडु के उस समय के सीएम एम.जी. रामचंद्रन के करीब थीं। एम.जी.आर अपनी को-स्टार जयललिता के भी काफी करीबी थे।
- चंद्रलेखा ने एम.जी.आर से अनुरोध किया कि एक बार शशिकला को जयललिता से मिलवा दिया जाए।
- शशिकला के पति ने चंद्रलेखा से यह रिक्वेस्ट की थी और यहां से एक नया सिलसिला शुरू हुआ।
- वर्ष 1988 में शशिकला जयललिता की इतनी अच्छी दोस्त बन गईं कि उनके घर पर ही रहने लगीं।
- बाद में शशिकला का पूरा परिवार भी अम्मा के घर पर शिफ्ट हो गया।
- धीरे-धीरे शशिकला का कद बढ़ता गया और वह तय करतीं थी कि अम्मा से कौन मिलेगा और कौन नहीं।
- पार्टी के हर बड़े फैसले में शशिकला की भूमिका होती थी और पार्टी से किसे निकाला जाए यह भी वही तय करती थीं।
- वर्ष 1996 में जब जयललिता को विधान सभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा तो दोस्ती में दरार आई।
- दोनों को 7 दिसंबर 1996 को कलर टीवी स्कैम में गिरफ्तार किया गया। दोनों को 30 दिनों की हिरासत में भेजा गया।
- वर्ष 2012 में अम्मा ने शशिकला को पार्टी से बाहर कर दिया था
लेकिन शशिकला के माफी मांगने पर उन्हें दोबारा जगह मिली। जहां एक ओर शशिकला को अपने लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी का रास्ता साफ दिखाई दे रहा था और वे उससे कुछ कदम ही दूर थीं कि उनको सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 वर्ष की सजा सुना दी और उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना धाराशायी हो गया।
तुरंत ही उन्हें बैंगलूरू जेल में शिफ्ट कर दिया गया जहां उन्हें बिना गद्दे के जमीन पर ही सेाना पड़ रहा है और कई बार आग्रह के बावजूद अभी उनको गद्दा या खाट नहीं दी गई है। इस तरह से महलों का सुख भोगने वाली शशिकला रात भर करवटंे बदल कर जेल में अपने दिन काट रही हैं।
आइये जानें शशिकला के ग्रह नक्षत्रों का खेल जिन्होंने उसे वीडियो पार्लर से उठाकर जयललिता के इतने करीब ला दिया और मुख्यमंत्री के पद का दावेदार भी बना दिया पर तुरंत सपना सच होने से पहले ही उन्हीं ग्रह नक्षत्रों ने उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। शशिकला के जीवन के तथ्यों के आधार पर उनका मेष लग्न ही काफी सटीक बैठता है इसलिए हमने यहां पर मेष लग्न व सिंह राशि को आधार मान कर ही ज्योतिषीय विश्लेषण किया है।
इनका अग्नि तत्व लग्न व अग्नि तत्व राशि होने से ये तेज तेर्रार स्वभाव की महिला हैं। चर लग्न होने से ये शीघ्र निर्णय लेती हैं। इसीलिए जेल जाने के बाद भी तुरंत निर्णय लेकर तमिलनाडु की राजनीति में अपने पसंदीदा व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने में अहम् भूमिका निभाई। इनकी कुंडली में दशम स्थान में बुधादित्य योग होने से इनके सरकारी वर्ग व राजनीतिक लोगों से संपर्क बने। इनकी कुंडली में केन्द्रेश चंद्रमा व भाग्येश बृहस्पति का पंचम त्रिकोण भाव में एक प्रबल राजयोग बन रहा है।
इस योग के फलस्वरूप इन्हें तमिलनाडु की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयललिता की सबसे मुख्य सहयोगी व सलाहकार बनने का अवसर मिला। सप्तमेश शुक्र भी लाभ स्थान में बैठकर पंचम को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। इस योग के कारण अपने पति के सहयोग से राजनीतिक हस्तियों से इनके संपर्क बने। पंचम स्थान में चंद्र और गुरु की शुभ स्थिति से ये अपनी बुद्धि से तमिलनाडु की राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाने में सफल हुईं।
अतीत दशा काल का विचार करें तो 1983 के बाद जब इनकी प्रबल राजयोग कारक चंद्रमा की दशा आरंभ हुई तो इस दशा अवधि में इनके अचानक राजनैतिक संबंध बनने से उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। मित्र भाव एकादश स्थान में शुभ ग्रह शुक्र होने से तथा साथ ही शुभ योगकारक ग्रहों की दृष्टि होने से इन्हें जयललिता जैसी मित्र मिली और उनसे लाभ भी प्राप्त हुआ।
2001 से जब इनकी राहु की महादशा आरंभ हुई तब से इनको जीवन में अनेक उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ रहा है। राहु लग्न से अष्टम स्थान में तथा चंद्रमा से चतुर्थ स्थान में स्थित है। साथ ही मंगल और शनि दोनों अशुभ ग्रहों के साथ होने से शुभ नहीं है। इसी कारण इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इसी दौरान 2 बार जेल भी जाना पड़ा। वर्तमान में राहु महादशा में सूर्य की अंतर्दशा चल रही है।
सूर्य योग कारक होने से इन्हें पार्टी की मुखिया बनाया जाना तथा मुख्यमंत्री बनने का मार्ग भी खुल गया था परंतु चंद्र राशि के ऊपर राहु का गोचर तथा सूर्य व राहु की शत्रुता होने से वे मुख्यमंत्री न बनकर जेल चली गईं। आगे भविष्य में अप्रैल 2017 के बाद जब राहु में चंद्रमा की अंतर्दशा आरंभ हेागी तब वह समय इनके लिए सकारात्मक हो सकता है तथा सितंबर 2017 में जब राहु कर्क राशि पर गोचर करेंगे तब इन्हें बेल भी मिल सकती है।