दक्षिण पूर्व में बोरिंग परिवार के लिए घातक पं. गोपाल शर्मा (बी.ई.) कुछ समय पूर्व पंडित जी शास्त्री नगर की एक वरिष्ठ महिला के घर का वास्तु परीक्षण करने गए। उनसे मिलने पर पता चला कि वह घर उनके माता-पिता ने बनवाया था। पिछले सैतालीस वर्षों से यह मकान उनके पास है। उनके दो भाईयों की इसी घर में मृत्यु हो गई थी। उनके स्वयं की एक बेटी एवं एक बेटा थे। बेटे की चौबीसवें वर्ष में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उनके पति ने भी दूसरी शादी कर ली और अब वह अकेली अपनी बेटी के साथ इस घर में रह रही है।
वास्तु परीक्षण करने पर पाए गए वास्तु दोष :
- घर का आकार बहुत ही अनियमित था जिसमें घर का दक्षिण पूर्व बढ़ा हुआ था जो कि दुर्घटना, लड़ाई-झगडे़, धन हानि एवं कानूनी फसादों का कारण हो सकता है।
- दक्षिण-पूर्व में बोरिंग थी जो कि एक गंभीर वास्तु दोष है जो पुत्र संतान के लिए घातक भी हो सकता है। यहां पानी का भूमिगत स्रोत घर की वरिष्ठ महिला के लिए दुखों का कारक होता है।
- उत्तर-पूर्व में शौचालय था जो बुद्धि में भ्रम, धन का अनावश्यक प्रवाह, बच्चों के लिए अति अशुभ एवं मानसिक तनाव का कारण होता है।
सुझाव :
- दक्षिण पूर्व की बोरिंग को बंद करके गड्ढे को ठीक तरह से भरने को कहा गया तथा बोरिंग को उत्तर पूर्व में करने को कहा गया।
- प्लॉट को दो हिस्सों में विभाजित कराया गया एवं अगले हिस्से को किराये पर चढाने की सलाह दी गई जिससे उन्हें कुछ आय होने लगे।
- दक्षिण वाले हिस्से को वह स्वयं रखें। ऐसी सलाह दी गई।
पंडित जी ने, उन्हें दक्षिण-पूर्व के बढे़ हुए हिस्से को जहां तक हो सके ठीक करने को कहा जिससे उनके रहने की बिल्डिंग का आकर ठीक हो जाए एवं बढ़े हिस्से में दुकान खोलने का सुझाव दिया जिसका बाहर से ही द्वार हो। पुनश्चः अभी अभी पता चला है कि परिवर्तित सुझाये नक्शें के अनुसार प्लॉट में आग्नेय की बोरिंग बंद करवाकर ईशान में बोरिंग करवाने से ही उनकी लड़की की शादी ठीक ठाक संपन्न हो गई। उत्साहित होकर वे बाकी सुझावों को भी क्रियान्वित करने के लिए जुटी हुई हैं।
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