टोने-टोटके
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टोने-टोटके  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 96991 | अप्रैल 2014

प्रश्न: किसी व्यक्ति के जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाने के लिए घरेलू उपचार व टोना टोटका किस हद तक कारगर साबित हो सकता है? सुखी वैवाहिक जीवन, धन प्राप्ति, अच्छे स्वास्थ्य, शत्रु पर विजय, मुकदमे में जीत या नौकरी प्राप्ति हेतु इनका किस प्रकार प्रयोग किया जाता है? विस्तृत रूप से वर्णन करें।

वर्तमान युग में मानव भौतिकवाद व यांत्रिक तथा संचार साधनों में वृद्धि से मशीनों का गुलाम बन कर परेशानियां तथा तनाव से ग्रसित होकर जीवन जीने के अथक प्रयास में लगा हुआ है। मानवता तथा संसार के कल्याणार्थ हमारे पूर्वजों तथा महर्षियों, सिद्ध योगी जनों ने तंत्र में ऐसे सहज और स्वयंसिद्ध प्रभावशाली घरेलू उपचार एवं टोटकांे का सृजन किया जिनका प्रयोग करके मनुष्य शारीरिक, मानसिक, दैविक एवं आर्थिक समस्याओं तथा रोगों से निजात पा सकता है। भगवान शंकर ने गुरु गोरखनाथ के माध्यम से ‘‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’’ के उद्देश्य से तंत्र विद्या का सरलीकरण करके शाबरी तंत्र टोटके बताये जिनका विवेचन निम्नवत है:

धन प्राप्ति के उपाय व टोटके

  • दीपावली के दिन एक अखंडित पीपल का पत्ता तोड़ लाएं। इसे अपने पूजा के स्थान में रख दें। पुनः शनिवार को एक नया पीपल पत्ता तोड़ लाएं तथा उसे पुराने पत्ते के पास रख दें। इस प्रकार ये क्रम नियमित दोहराते जायें। पुराना पत्ता घर के बाहर किसी पेड़ के नीचे दबा दें। श्री लक्ष्मी की कृपा होने लगेगी।
  • प्रातः काल उठ कर दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर 3-4 बार अपने चेहरे पर फेरें।
  • घर के रसोई में किसी भी दिन काली लूम्बी लाकर टांग दें।
  • गुरुवार के दिन किसी भी महिला को सुहाग सामग्री दान में देने का क्रम बनाएं।
  • नए कार्य व्यवसाय, नौकरी, रोजगार आदि शुभ कार्यों पर प्रस्थान करते समय घर की कोई महिला एक मुट्ठी काले उड़द उस व्यक्ति के ऊपर से उतार कर भूमि पर छोड़ दें तो कार्य सिद्ध होगा।
  • रवि पुष्य योग में प्रातः बहेड़े की जड़ या एक पत्ता तथा शंख पुष्पी की जड़ लाकर घर में रखंे। चांदी की डिब्बी में रखें तो अधिक शुभ।
  • बरगद (बड़) के ताजे पत्ते साफ करके गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में लाकर उन पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रख दें।
  • सूर्य देव को नियमित प्रसन्न करने के लिए लाल फूल, लाल चंदन, गोरोचन, केशर, पावित्री जौ अथवा तिलयुक्त जल समर्पित करें।
  • प्रातः उठते ही अपनी दोनों हथेलियों को ध्यानपूर्वक देखने के बाद तीन बार चूमें। इसके पश्चात मुखमार्जन प्रक्रिया करें। यह प्रक्रिया शनिवार से प्रारंभ करते हुए प्रतिदिन करें। यह धन के साथ सफलता भी देती है।
  • प्रातः उठते ही चीटियों को चीनी, शक्कर, खोपरा, सूखे मेवों का बूरा मिलाकर प्रतिदिन डालें। इससे धन के साथ सफलता भी मिलेगी।
  • प्रातः उठते ही पक्षियों को उड़द, बाजरा, ज्वार, मूंग आदि खिलाकर पानी पिलायें। इससे भी धन वृद्धि एवं सफलता प्राप्त होती है।
  • चांदी की जंजीर (चेन) गले में धारण करें।
  • शुक्ल पक्ष बुधवार को अलग-अलग दो दुकानों से एक-एक आम खरीदें तथा इन दोनों आमों को एक साथ बहते पानी में प्रवाहित करें।
  • बृहस्पतिवार को जलकुंभी घर लायें और उसे पीले कपड़े में बांधकर कहीं पर भी लटका दें। परंतु इसे बार-बार छुना नहीं है। प्रत्येक बृहस्पतिवार इसे नयी जलकुंभी से बदल दें। ऐसा 11 बृहस्पतिवार तक करना है।
  • शनिवार सायंकाल (संध्या समय) रारंभ करते हुये लगातार 7 शनिवार तक पीपल के पेड़ के नीचे जड़ में थोड़ी सी उड़द की दाल के दानों पर थोड़ी सी दही एवं लाल सिंदूर डालकर, पीछे मुड़कर देखे बगैर पुनः घर लौट आयें। धन की प्राप्ति होगी।
  • पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी की जड़ को प्राप्त करके चांदी की डिब्बी में डालकर उसे घर में स्थित तिजोरी में रखने पर धन की वृद्धि होती है।
  • खच्चर का दांत अपने पास में रखने पर धन में वृद्धि होती है।
  • रामायण की निम्न चैपाई से दरिद्रता दूर होकर धन में वृद्धि होती है। अतिथि पूज्नय प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद द्वारिके।
  • घर में कमाई है लेकिन बरकत नहीं है यानि रूपया-पैसा टिकता नहीं है तो जब भी गेहूं पिसावें तब उसमें पहले तुलसी के 11 और केसर के 2 पत्ते डालें। फिर थोड़े से गेहूं को मंदिर में रात को रखें। सुबह मंदिर में रखे गेहूं को सारे गेहूं में मिलाकर पिसवा दें। घर में बरकत होगी अर्थात् रुपया पैसा टिकने लगेगा।
  • शुक्रवार को किसी गरीब को खाना खिलायें तथा रविवार को गाय को गुड़ खिलायें। यह प्रयोग लगातार करें। जल्दी ही अचल संपत्ति बढ़ेगी।
  • पीपल के पेड़ की छाया में खड़े होकर लोहे के बर्तन में पानी, शक्कर, घी एवं दूध मिलाकर उसकी जड़ में डालने पर घर में लंबे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी (धन) का वास घर में हमेशा बना रहता है।

शीघ्र विवाह एवं दांपत्य सुख के लिए टोटके एवं उपाय

  • सीता राम की तस्वीर या मूर्ति के सामने रामचरित मानस की निम्न चैपाई की प्रतिदिन एक तुलसी माला जाप 41 दिनों तक करनी चाहिये। ‘‘सुनिसिय सत्य असीस हमारी। पूजहिं मन कामना तिहारी।।
  • पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ करते हुये प्रतिदिन प्रातः या सायं तुलसी पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर लगातार 41 दिनों तक निम्न मंत्र का एक तुलसी माला जप करें। ‘‘तब जनक पाय वशिष्ठ आयसु ब्याह साजी संवारी के। मांडवी श्रुति की रति उर्मिला कुंआरी लई हंकारि के।।’’
  • प्रतिदिन या प्रत्येक मंगलवार को प्रातः उठते ही कन्या काले कीडे़-मकोड़ां को चीनी, तिल एवं चावल मिलाकर नियमित खिलायें। क्रम टूटना नहीं चाहिये।
  • प्रतिदिन गाय को हरा पालक या चारा खिलायें।
  • कच्चा दूध व जल मिलाकर प्रतिदिन : ऊँ’’ नमः शिवाय’’ का जाप करते हुये शिवलिंग पर चढ़ायें। - मंदिर के प्रांगण में अनार का पेड़ लगाकर प्रतिदिन इसे जल से सींचें। सेवा कर बड़ा करें।
  • किसी आदमी की शादी में परेशानी हो तो उसे शुक्ल पक्ष के प्रत्येक गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर नहाना चाहिये तथा साथ ही ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का जाप करते हुये केसर का तिलक लगाना चाहिये। इसके अलावा पीपल एवं केले के पेड़ में तांबे या पीतल के लोटे में शुद्ध जल लेकर इन्हें सींचना चाहिए तथा धूप-दीप, हल्दी गांठ, चने की दाल से पूजा करनी चाहिए। गुरुवार को केले नहीं खायें। र्साईं राम (शिरडी के बाबा) के दर्शन कर आशीर्वाद लें। विवाह जल्दी होगा।
  • शुक्ल पक्ष मंगलवार को घर के मंदिर या पूजा स्थल पर ‘नवग्रह मंत्र’ की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर स्थापित करें। एक नई शादी वाले जोड़े को घर पर बुलाकर उन्हें खाना एवं सौंफ-मिश्री खिलाकर, लाल वस्त्र उपहार में देकर सत्कार करें। यह कार्य करते समय शीघ्र विवाह की कामना जरूर करें।
  • बाल कांड के 234 दोहे के बाद ‘‘जय जय गिरिराज किशोरी से मंजुल मंगल वाम अंग फरकन लगे’’ 236 पृष्ठ तक प्रतिदिन श्रद्धा विश्वास से पढ़ने तथा पार्वती की पूजा करने से शीघ्र विवाह हो जाता है।
  • हरसिंगार की जड़ तथा पुष्प को पूर्णिमा की रात्रि में विवाह योग्य पुत्र-पुत्री के ऊपर से 21 दिन 3 बार वार कर तुलसी के पौधे के नीचे दबाने से विवाह विलंब, रूकावट से छुटकारा मिल जाएगा।
  • दांपत्य जीवन की मधुरता के लिए पत्नी नियमित रूप से प्रातः उठते ही मुख्यद्वार पर 1 लोटा जल डाले। स्नानादि से निवृत्ति के बाद पूजा करके मुख्य द्वार पर हल्दी या कुंकुम से स्वास्तिक या ऊँ का चिह्न बनाये। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी तथा पति आर्थिक रूप से मजबूत रहेंगे।
  • मांगलिक दोष हो तो लहसुन को 108 भौम मंत्र ऊं अंगारकाय नम!’’ से अभिमंत्रित करके लाल धागों में ताबीज कर कमर या बांह में बांधें।
  • शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को सात केले व 700 ग्राम गुड़ व एक जटा वाला नारियल लेकर कन्या नदी में वस्त्र सहित स्नान कर नारियल को जल में प्रवाहित कर दे। ध्यान रखें कि नारियल कन्या की ओर नहीं आये। सूर्य व चंद्र के नाम एक केला व गुड़ नदी किनारे रख दें। 5 केले गाय को खिला दें। कन्या का विवाह शीघ्र होगा।
  • पद्मावती देवी के मंदिर में बुधवार को चावल चढ़ाकर 11 बार पद्मावती मंत्र का जाप करें।

व्यवसाय एवं नौकरी में वृद्धि के लिए

  • शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार से प्रारंभ करते हुये सर्वप्रथम व्यापार स्थल के मुख्यद्वार के एक कोने को गंगाजल से धोकर स्वच्छ एवं शुद्ध करें। इसके बाद हल्दी से स्वास्तिक बनायं तथा इस पर थोड़ी सी चने की दाल एवं गुड़ रखें। इसके बाद इसे बार-बार न देखें। इसे कम से कम लगातार 11 गुरुवार करें। दूसरी बार और इसे आगे करने पर पहले चढ़ाये हुए गुड़ एवं दाल को मंदिर में चढ़ा दें।
  • नौकरी मिलने या व्यवसाय की इच्छा से प्रत्येक गुरुवार को इसकी दिल (हृदय) से प्रार्थना करते हुये एक सूखा एवं बिना छिला नारियल बहते जल या नदी में प्रवाहित करें। साथ में कुत्तों को बिस्किट या अन्य सामान खिलायें। इसके अलावा संतोषी माता जी के 16 शुक्रवार के व्रत कर उद्यापन करें। व्रत के दिन खट्टे पदार्थ नहीं खाने की सावधानी अवश्य रखें। महीने में एक बार एक किलो सात ग्राम शक्कर किसी विधवा को दें।
  • शुक्रवार की रात्रि में सवा किलो काले चने भिगोयें। शनिवार को पानी निकालकर इन्हंे सरसों तेल में पका लें। इसका पहला एक हिस्सा इसी दिन शनिवार को घोड़े या भैंसे को खिलायें। दूसरा भाग कुष्ठ रोगी को खाने को दें तथा तीसरा भाग स्वयं के ऊपर से वार कर किसी चैराहे पर रख दें। यह प्रयोग लगातार 40 दिनों तक करें। व्यवसाय में वृद्धि, उन्नति एवं लाभ होगा।
  • व्यापार में उन्नति एवं लाभ की योजना को अपने मन में रखते हुये प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को किसी भी मंदिर में क्रमशः अनार एवं मुट्ठी भर साबुत उड़द चढ़ायें।
  • प्रत्येक मंगल या शनिवार को सीधी डंठल वाली 7 साबुत हरी मिर्ची और एक नीबू लेकर इन्हें काले डोरे में पिरोकर अपने कार्यालय या व्यवसाय स्थल पर बाहर ऊपर टांग दें। यह प्रयोग नियमित करें, लाभ होगा।
  • व्यापार, व्यवसाय, नौकरी में आने वाली बाधा या समस्या के बचाव के लिये अमावस्या को सायंकाल किसी भी मंदिर में खीर चढावें। सोमवार को चांदी की ठोस गली चांदी की जंजीर (चेन) गले में धारण करें। महीने में एक बार वस्त्र, मिठाई एवं धन निम्न स्तर के व्यक्तियों को दें एवं अच्छा बर्ताव रखें लाभ होगा।
  • गुरुवार को श्यामा तुलसी के पौधे के चारों ओर लगी खरपतवार को निकालकर किसी पीले वस्त्र में बांधकर व्यवसाय स्थल पर रख दें, व्यापार, व्यवसाय में वृद्धि होगी।
  • यदि किसी ने आपके व्यवसाय को बांध दिया हो तो इसकी मुक्ति के लिये कार्यालय या व्यवसाय स्थल पर अमृत सिद्धि योग या सिद्ध योग में शुक्ल पक्ष शुक्रवार को ‘‘श्री धनदा’’ एवं ‘‘श्री यंत्र’’ प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित करें तथा प्रतिदिन धूप-दीप करें। व्यवसाय में वृद्धि एवं ग्राहकों का आना बढ़कर लाभ होगा।
  • शनिवार को पुराने कार्यालय से लोहे की कोई भी चीज नये आॅफिस या संस्थान में लाकर, पहले थोड़े से काले उड़द डालने के बाद रखें तथा इसे बार-बार नहीं हटाने की सावधानी अवश्य रखें। इससे पुराने के साथ-साथ नया उद्योग व्यवसाय भी चलता है।
  • शुक्ल पक्ष बुधवार को ‘‘संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र’’ को प्राण प्रतिष्ठा द्वारा व्यवसाय (व्यापार, नौकरी) स्थल पर उत्तर दिशा में स्थापित करें तथा गले में सोमवार को शिवलिंग पर स्पर्श करवाकर एक या तेरह मुखी रूद्राक्ष धारण करें। व्यवसाय में घाटा दूर होकर लाभ होगा।
  • 11 गोमती चक्र और 3 लघु नारियल की विधि विधान सहित पूजा कर इन्हें पीले कपड़े में बांधकर बुधवार को अपने दरवाजे पर लटकायें तथा प्रत्येक पूनम को धीप दीप भी जलायें। इसे नियमित करें। व्यवसाय का घाटा दूर होकर लाभ होगा तथा ग्राहकी एवं बिक्री बढ़ेगी।
  • शुक्ल पक्ष बुधवार, मंगलवार या गणेश चतुर्थी या अन्न चतुर्थी (शुक्ल या कृष्ण पक्ष की) के दिन घर में हरिद्रा गणेशजी की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा द्वारा पूजा स्थल पर स्थापित करें तथा निम्न गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें।-‘‘एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्।’’ इससे व्यावसायिक कार्य में बाधा दूर होकर लाभ होता है।
  • शुक्ल पक्ष सोमवार को अमृत सिद्धि या सर्वार्थसिद्धि योग में तीन गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधकर इन्हें हर समय अपने साथ रखें। व्यवसाय में लाभ वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति होगी। - हर सोमवार को शिव-मंदिर में शिवलिंग पर दूध+जल चढ़ाते हुये मंत्र - ‘‘ऊँ सोमेश्वराय नमः’’ का जाप करें। शिव उपासना के साथ रुद्राक्ष माला से पुनः इसी मंत्र का जाप करें तथा साथ ही पूर्णिमा को जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर चंद्र को इसका अघ्र्य दें। करबद्ध प्रार्थना से व्यवसाय में वृद्धि होगी।
  • एक नीबू लेकर उस पर चार लौंग गड और इसे हाथ में रखकर मंत्र-‘‘ऊँ श्री हनुमते नमः’’ का 21 बार जप करें। जप के बाद नीबू को अपनी जेब में या पास में रखें। व्यापार में वृद्धि होगी। इसके अलावा जिनसे काम करवाना हो उनसे मिलें तो कार्य भी पूरा होता है।
  • जब गायत्री मंत्र से घर या मंदिर में हवन करावें तो हवन की राख को किसी सफेद रंग के कपड़े में रखकर बांध लें तथा इसे घर या व्यापार या कार्यालय स्थल पर रख दें। व्यवसाय में लाभ, वृद्धि होती है।
  • शनिवार को पीपल का एक पत्ता तोड़कर इसे गंगाजल से धोकर हाॅल में रख दें तथा गायत्री मंत्र का 21 बार जप करें। फिर इसे धूप देकर तिजोरी या कैश बाॅक्स या धन रखने की जगह पर रख दें। यह प्रयोग नये पत्ते के साथ प्रत्येक शनिवार को करना है तथा पहले के पत्ते को हर बार पीपल की जड़ में रख दें। व्यवसाय में वृद्धि होगी।
  • मंत्र’’ ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं मम् व्यापार वृद्धि कुरू-कुरू स्वाहा’’ का 42 दिनों तक लगातार रुद्राक्ष की एक माला से ‘‘संपूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र’’ के सामने जप करने पर व्यवसाय, व्यापार में वृद्धि होती है।
  • अच्छा स्वास्थ्य - एक रुपये का सिक्का रात को सिरहाने रखकर सो जायें। सुबह उसे श्मशान की सीमा में फेंक दें। शरीर स्वस्थ रहेगा।
  • यदि परिवार का कोई सदस्य रोग से ग्रसित है, दवाइयों से लाभ नहीं मिल रहा हो तो चांदी के बर्तन में केसर मिला जल भर कर सिरहाने रखें। फिर सुबह वह जल पौधों में डाल दें। यह क्रिया रोज करें। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
  • यह टोटका रोज करें- सुबह उठकर सूर्य की ओर देखते हुये अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर ‘‘ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रौं ऊँ मंत्र का 11 बार जाप करें। पूरा दिन तनावमुक्त और स्वस्थ रहेगा।
  • शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को शिव मंदिर में जाकर काली राई का दान करें। साथ में रूद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। रोग दूर होंगे और शरीर स्वस्थ रहेगा।


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