आप भी जानते हैं, कि संसार का हर एक जीव अपने परिवार तथा आस पास के लोगों से बहुत प्यार करता है और हर किसी के मन मंे प्यार और सम्मान पाने की बहुत चाह होती है। लेकिन आज-कल परिवार में छोटी-छोटी बातों को लेकर क्लेश होना और फिर उसके कारण उस क्लेश का विकराल रूप होने में देर नहीं लगती है। हम भी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं, कि ये उसी कारण ऐसा हुआ है, अगर वो ऐसा नहीं करता तो आज ये हालात नहीं होते।
ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है, हम या आप किसी को गलत नहीं कह सकते हैं, क्योंकि इन सबके लिए जिम्मेदार हमारे कर्म तो होते हैं, लेकिन सबसे बड़े जिम्मेदार हमारे ग्रह ही होते हैं। कोई भी जीव धरती पर बुरा नहीं है, आइये अब कैसे इसे ठीक करें, जिससे कि हम हमारे प्यार करने वाले अनमोल परिवार से किसी भी तरह दूर न हों।
सबसे पहले क्या करें:
- हमारे घर में छोटी-मोटी जरूरतों के
लिए कीलें, बिना ताले की चाभियां,
जंग लगा हुआ लोहा, बरसात की
भीगी लकड़ी, कबाड़ के और भी जो
रूप होते हैं, पड़े हुये मिल जाते हंै,
उन्हें बाहर निकालें।
- छत पर भी कोई कबाड़, लोहा, लकड़ी
आदि नहीं होना चाहिए, घर की छत
बिस्तर के सुख वाले ग्रह से संबन्धित
माना गया है।
- घर में मूर्ति लगाकर, ज्योत जलाकर
पूजा पाठ न करें, मंदिर में जाकर
आप दोनों प्रकार से पूजा कर सकते
हैं, सिर्फ आपको घर में मना किया जा
रहा है।
- सुबह जल्दी उठकर घर में साफ-सफाई
करके पूरे घर में अच्छी लेकिन हल्की
खूशबू वाली अगरबत्ती या धूप जला दें,
जिससे कि परिवार में सभी लोगों में
सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
- गंदे-फटे बिस्तरों का प्रयोग न करें,
हर सप्ताह में एक बार बिस्तरों के
लिहाफ आदि बदल दें।
- पति-पत्नी दिन के समय कभी भी
एक न हों।
- घर में नीले-काले रंग के पेंट आदि न
करवाएँ और पर्दे आदि भी इस रंग के
प्रयोग न करें।
- घर के पूर्वी और उत्तर दिशा को हमेशा
साफ रखें, इस दिशा में कभी भी कबाड़
या भारी सामान न रखें।
- रोजाना घर की सबसे पहली रोटी में से
कुत्ते, कौवे और गाय को हिस्सा जरूर
दें, अगर रोटी मंे से न दे पाएँ तो अपने
भोजन में से इनके लिए हिस्से अवश्य
निकालें, ये कार्य करने से आपके
सहकर्मी और आपके बड़े अधिकारी
आपसे खुश रहेंगे तथा जीवनसाथी का
सुख भी अच्छा मिलेगा।
घरेलू सुख-शांति के लिए ऐसा करें-
- चाँदी के बड़े से बर्तन में गंगाजल
भरकर चाँदी का एक चैकोर टुकड़ा
डालकर घर में रखें, गंगाजल कभी
सूखने न दें।
- हर सप्ताह कम से कम एक बार गायों
की सेवा जरूर करें, और संभव हो
सके तो गली मंे साफ-सफाई करने
वाले को भरपेट शाकाहारी भोजन
अपने घर पर ही करवाएँ ।
- जीवनसाथी के प्रति वफादारी कभी भी
कम न करें।
- तला हुआ खाना कम से कम बनाएँ,
नारियल, बादाम तलने भुनने से बचें।
- शौचालय, स्नानागार आदि बिल्कुल
साफ सुथरे रखें, इनमें भी हल्की
खूशबू का हमेशा प्रबंध रखें।
- रात के समय जूठे बर्तन और गंदे
कपड़े भिगोकर न सोएँ, अन्यथा आपके
परिवार में एकता कभी नहीं बनेगी,
और घर के सभी लोग अपनी- अपनी
इच्छा का दबाव बनाकर सब कुछ नष्ट
कर देंगे।
- जो लोग दिन में मांसाहारी भोजन और
शराब का सेवन करते हैं तो वो इसका
सेवन सिर्फ रात को ही करें।
बीमारियाँ दूर न होती हों तो क्या करें ?-
- हर महीने के किसी भी एक मंगलवार
को पूरे महीने में आए रिश्तेदारों और
घर के सदस्यों को जोड़ें। उनमंे चार
और फालतू जोड़ लें तो जितनी भी
संख्या हो उतनी ही आटे मंे गुड़
मिलाकर रोटियाँ तंदूर में लगवाकर
कुत्तों और कौवों को डालें, लेकिन
ध्यान रहे कि रोटियों मे लोहे का
प्रयोग न हो।
- हर रोज रात को सिरहाने दो-चार
रुपए सिक्के के रूप में रखकर सोयंे
और सुबह उठाकर सफाई-कर्मचारी
को दे दें।
- घर के नौकर-चाकर और साथ में
काम करने वालों को खुश रखें, उनसे
झगड़ा और बहस कभी न करें।
- रोजाना सुबह जल्दी उठकर सूर्य की
रोशनी से स्नान करें।