सीढ़ियों का नीचे से बंद होना- विकास में अवरोध होना
सीढ़ियों का नीचे से बंद होना- विकास में अवरोध होना

सीढ़ियों का नीचे से बंद होना- विकास में अवरोध होना  

गोपाल शर्मा
व्यूस : 5391 | मई 2013

कुछ दिनों पहले पंडित जी दिल्ली के एक प्रसिद्ध व्यापारी के यहां वास्तु परीक्षण करने गए। वे अपने परिवार के साथ काफी सालों से इस घर में रह रहे थे और उन्होनें इस अंतराल में अपने व्यवसाय में काफी उतार-चढ़ाव देखे। उनकी मां काफी बीमार रहती थीं और कुछ समय पहले ही उनका देहांत हो गया था। उनका अपने भाई से भी मन मुटाव हो गया था और बातचीत नहीं थी। उनकी पत्नी की तवीयत भी ठीक नहीं रहती है। उनके बच्चे होनहार हैं पर उचित विकास न होने की वजह से तनाव ग्रस्त रहते हैं तथा उन्हें चोटें लगती रहती हैं।

दोष :

- सीढ़ियों के नीचे स्टोर बना हुआ था जो कि विकास में अवरोधक तथा घर की बेटियों के लिए हानिकारक होता है।

- उत्तर-पूर्व-पूर्व में मंदिर का कमरा बनाया हुआ था जो कि पूरा मार्बल से बना हुआ था और उसके नीचे काफी ऊंचा प्लेटफाॅर्म था जो पूरी तरह से बंद था। मंदिर में काफी भारी व बड़ी दुर्गा जी की मूत्र्ति थी। इस दिशा में मंदिर होना तो अच्छा है परन्तु भारी व ऊंचा फर्श तथा घर में इतनी बड़ी मूत्र्ति होने से जीवन संघर्षमय हो जाता है तथा घर में तनाव बना रहता है।

- रसोई की दिशा पूर्व, दक्षिण-पूर्व में थी जो कि उत्तम है परंतु गैस का उत्तर-पूर्व में होना तथा गैस और सिंक का एक ही लाईन में होना वैचारिक मतभेद व आर्थिक हानि का कारण होता है।

- घर के दक्षिण-पूर्व में बोरिंग थी जो कि मुकदमेबाजी, अग्नि व चोर भय तथा घर की महिलाओं व बड़े पुत्र के लिए हानिकारक होती है।

- प्रथम तल का दक्षिण-पूर्व बढ़ा हुआ था जिससे घर में गुस्सा बढ़ता है, अग्नि/वाहन दुर्घटना व लड़ाई झगड़ों की वजह से हानि होने की संभावना रहती है।

- घर के सभी शीशे दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण-पूर्व में लगे थे जो बीमारी व अनचाहे खर्चों का कारण होता है।

सुझाव:

- सीढ़ियों के नीचे के भाग को खोलने की सलाह दी गई तथा उसके नीचे खुले में स्टोरेज कर सकते हैं ऐसा कहा गया।

- मन्दिर से मार्बल को हटाने के लिए कहा गया और लकड़ी का हल्का मंदिर जो नीचे से खुला हो, बनाने को कहा गया एवं मंदिर से बड़ी मूर्ति हटाने की सलाह दी गई।

- रसोई घर में गैस को दक्षिण-पूर्व में रखने की सलाह दी गई इससे गैस और सिंक के एक सीध में होने का दोष भी खत्म हो जाएगा।

- दक्षिण की दिशा से शीशे हटाने के लिए कहा गया तथा उन्हें उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व में लगाने की सलाह दी गई।

- बोरिंग को दक्षिण पूर्व से हटाकर उत्तर में करवाने की सलाह दी गई। उसकी नकारात्मकता को शीघ्र ही कुछ कम करने के लिए बोरिंग के ढक्कन को नीचे से लाल तथा ऊपर से पीला रंग करने को कहा गया तथा उस पर पौधे रखने को कहा।

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