प्रत्येक अंक किसी न किसी ग्रह से संबंध रखता है। अंकों के विशेष योगों से बने मुख्य रुप से दो परिभाषाओं ‘मूलांक’ व ‘भाग्यांक’ की चर्चा होती है। किसी भी व्यक्ति की केवल जन्म तारीख ही उसका मूलंाक बनता है और संपूर्ण जन्म तारीख का योग उसका भाग्यांक या सयुंक्तांक होता है। उदाहरण के लिये 7 अगस्त 1966 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा और भाग्यांक 7$8$1$9$6$6=37=3$7=10=1 होगा।
ये मूलांक व भाग्यांक स्थिर होते हैं, इनमें कोई बदलाव नहीं हो सकता। अब ये मूलांक व भाग्यांक ही हैं जिनकी सहायता से किसी भी व्यक्ति विशेष के नाम की शुभता या अशुभता जानी जा सकती है तथा किसी गाड़ी के नंबर व मोबाईल नंबर के बारे में शुभ या अशुभ बताया जा सकता है।
Buy Detail Numerology Report
व्यक्ति का शुभ नाम किसी भी व्यक्ति का नाम उसके लिये किस तरह से शुभ या अशुभ हो सकता है यह बात अंक ज्योतिष के माध्यम से आसानी से जाना जा सकता है। व्यक्ति के नाम से बनने वाले अंकों के योग को सौभाग्यांक या नामांक कहते हैं। नामांक का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसका संबंध सीधा मूलांक से होता है। अतः यदि ये दोनांे मित्र अंक हों तो व्यक्ति के लिये शुभ रहता है। व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव का कारण उसका नामांक या सौभाग्यांक होता है। व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिये नामांक का सहारा लिया जाता है। नामांक की गणना के लिये कीरो पद्धति या सेफेरियल पद्धति या पाइथागोरस पद्धति का उपयोग किया जाता है।
इसमें अंग्रेजी के अक्षरों को कोई अंक दिया गया है और फिर उसके अनुसार अंग्रेजी के नाम के अंकों का योग किया जाता है जैसे कि Sanjay नाम के व्यक्ति का नामांक या सौभाग्यांक कीरो पद्धति के अनुसार ैत्र3ए ।त्र1ए छत्र5ए श्रत्र1ए ।त्र1ए ल्त्र1 अर्थात 3़1़5़1़1़1त्र 12 त्र 1़2 त्र 3 होगा। यदि उसकी जन्म तारीख 7 अगस्त 1966 है तो उसका मूलांक 7 व भाग्यांक 1 होगा। अंक ज्योतिष में 3 के मित्र अंक 1 व 7 होते हैं। अतः उक्त व्यक्ति का नाम उसके लिये शुभ रहेगा। इसी प्रकार से किसी व्यक्ति के रिहायशी शहर का नाम व उसके कर्म के शहर का नाम सौभाग्यांक के अनुकूल हो तो अति उत्तम रहता है।
उक्त उदाहरण में यदि व्यक्ति 3 अंक या उसके मित्र अंकों से बनने वाले शहर में रहता है व करियर बनाता है तो शुभ फल मिलेंगें। जैसे क्म्स्भ्प् शहर के अंकों का योग क्त्र4ए म्त्र5ए स्त्र3ए भ्त्र5ए प्त्र1 अर्थात 4़5़3़5़1त्र18त्र1़8त्र9 होता है। अंक ज्योतिष में 3 का मित्र अंक 9 होता है। अतः उक्त जातक को दिल्ली शहर में रहना व काम करना शुभ रहेगा।
गाड़ी का नंबर हम सब गाड़ी खरीदते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखते हैं जैसे माॅडल, रंग, कीमत आदि। और अगर यही नई गाड़ी खरीददार को परेशानी देना शुरु कर दे, उसमें अक्सर खराबी आने लगे, रख रखाव पर अधिक पैसा खर्च होने लगे, दुर्घटनायें होने लगें, आॅफिस में गाड़ी ले जाने पर आॅफिस में समस्या उत्पन्न होने लगे या खरीददार की सेहत पर असर पड़ने लगे अर्थात उस नई गाड़ी के साथ या गाड़ी के मालिक के साथ कोई न कोई समस्या जुड़ी रहे तो उसका एक कारण उस गाड़ी का नंबर भी हो सकता है। गाड़ी के नंबरों का योग मालिक के मूलांक या भाग्यांक या नामांक से सामंजस्य रखता हुआ होना चाहिये।
यदि ऐसा नहीं है तो यह नई गाड़ी मालिक के लिये अशुभ सिद्ध हो सकती है। गाड़ी के पूरे अंकों का योग करना चाहिये। जैसे कि यदि गाड़ी का पूरा नंबर है - भ्त्51 ।ॅ 1456 तो इस गाड़ी के अंकांे का योग इस प्रकार से होगा - भ्;त्र5द्ध़त्;त्र2द्ध़5़1़ ।;त्र1द्ध़ॅ;त्र6द्ध़1़4़5़6त्र36त्र3 ़6त्र9। इस प्रकार से गाड़ी के नंबर का योग अंक 9 हुआ।
अब जिन लोगों के नामांक, मूलांक या भाग्यांक 9 या 9 के मित्र अंक होंगे तो यह गाड़ी उन्हें शुभ व लाभदायक रहेगी वरना नहीं। मोबाईल नंबर यदि आप कोई मोबाईल खरीदते हैं और कुछ दिनों बाद उसमें खराबी आ जाती है या अक्सर वो परेशान करता है, उस पर अधिक खर्च होने लगता है तो इसका एक कारण उस मोबाईल में डाला गया मोबाईल नंबर भी हो सकता है।
हो सकता है कि मोबाईल नंबर के अंकों का योग आप के मूलांक या भाग्यांक या नामांक से सामंजस्य न बिठा रहा हो। यदि किसी के मोबाईल का नंबर 9810483323 है तो इस नंबर के अंकों का कुल योग इस प्रकार होगा - 9$8$1$0$4$8$3$3$2$3 = 41 = 4$1 = 5 इस प्रकार मोबाईल नंबर का शुभ अंक 5 हुआ।
यह मोबाईल उन्हीं लोगों के लिये शुभ होगा जिनसे यह अंक तालमेल रखता हो अर्थात उसके मूलांक या भाग्यांक या नामांक का मित्र अंक हो। एक और बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि मोबाईल नंबर के अंतिम चार अंक बढ़ते क्रम में होने चाहिये।