आधुनिक काल में एवं हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में वाहन का कितना महत्व है ये तो हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं। जिस दिन हम पैदा होते हैं हम अपने भाग्य के अंक के साथ जुड़ जाते हैं। समझ लीजिए हमारे भाग्य का खाता उस दिन से खुल जाता है। यदि हम अपने भाग्य के अंक के मित्र अंकों के साथ हैं तो जीवन सुखमय है और यदि शत्रु अंकों के साथ हंै तो जीवन दुखमय बना रहेगा। दुनिया की चाहे कोई भी चीज हो उसकी सही पहचान केवल अंकों के आधार पर ही की जा सकती है
जैसे कि घर का नंबर, फोन नंबर, वाहन नंबर इत्यादि। यदि अंकों का ज्ञान न रहे तो अंकों के बिना सारा संसार स्थिर सा हो जाएगा जैसे कि बिना आत्मा के शरीर। अन्य कई और भी चीजें हैं जिनके माप में अंकों का प्रयोग होता है जैसे कि दूरियां, क्षेत्रफल, अन्य वस्तुएं, हमारी आयु के वर्ष। बिना अंकों के इनकी वास्तविक पहचान कर पाना नामुमकिन के बराबर है।
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आपने कभी सोचा है कि भाग्य का अंक (जन्मदिन व दिनांक) आपके नाम के अंक के साथ कितनी मित्रता व शत्रुता रखता है। अंकों की आपसी मित्रता एवं शत्रुता में ही आपका भविष्य छिपा है। आइये अंक विद्या के माध्यम से जानते हैं कि वाहन लेते समय या उसका प्रयोग करते समय किस प्रकार हम इस विद्या के प्रयोग से अपने वाहन से मिलने वाले सुख में वृद्धि कर सकते हैं। नियम
1. जातक अगर स्वयं वाहन चलाता है, तो उसे अपने मूलांक के मित्र अंक का वाहन अंक लेना चाहिए।
2. जातक अगर वाहन को व्यवसाय के लिए प्रयोग में लाना चाहता है तो वाहन का अंक भाग्यांक का मित्र होना चाहिए।
3. जातक का वाहन अगर उसका चालक चलाता है तो चालक का नामांक, वाहन के रजि. नंबर (सभी अक्षर व अंक) का एक अंक आपस में मित्र होना चाहिए। उदाहरण: जातक का जन्म दिनांक 16.12.1978 है। जातक की कार जिसका रजि. नंक्स्3ब्।।6658 है खरीदना चाहता है। यदि जातक वाहन को स्वयं चलाएगा तो गाड़ी के अंतिम चार अंकों के योग उसके मूलांक पर आधारित होना चाहिए। व्यक्ति का मूलांक = 7 (मित्र) भाग्यांक = 1$7$1$2$1$9$7$8 = 36 = 9 वाहन के अंतिम 4 अंकों का योग =25 = 7 (मित्र)
1. यह व्यक्ति इस रजि. नं. के वाहन को स्वयं चलाये तो लाभदायक रहेगा। इस व्यक्ति का मूलांक है 7 और वाहन के अंतिम 4 अंकों का योग भी 7 है जो कि अंक सारणी के अनुसार मित्र हैं।
2. इस व्यक्ति का भाग्यांक 9 है और गाड़ी के अंतिम 4 अंकों का योग 7 है। अंक 9 और 7 मित्र-शत्रु सारणी के अनुसार मित्र हैं। अतः यह वाहन व्यवसाय के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
3. परंतु यह ध्यान रखें कि यदि व्यवसाय या स्वयं के लिए व्यक्ति किसी ड्राइवर को रखता है तो उसका नामांक गाड़ी के रजि. नंके योग अंक 4 का मित्र होना चाहिए। नामांक ज्ञात करने के लिए सेफेरियल तालिका की मदद लें। अंकों का पूर्ण लाभ उठाने के लिए नीचे दी गई अंक मित्र-शत्रु सारणी का प्रयोग करें।