भुगतना पड़ता है। सर्वविदित है कि कानपुर के जघन्य ज्योति मर्डर केस में मनीषा मखीजा अपने प्रेमी पियूष के साथ सह-अभियुक्त हैं तथा दोनों ही जेल भुगत रहे हैं क्योंकि दोनों ने मिलकर, ज्योति की हत्या का षड्यंत्र रचा तथा अपने गुर्गों की सहायता से उसकी नृशंस हत्या करवाई। मनीषा मखीजा (ज्योति हत्याकाण्ड की प्रमुख साजिशकर्ता) कानपुर के एक बड़े व्यवसायी की पुत्रवधू की नृशंस हत्या की खबर सुनकर संपूर्ण विश्व स्तब्ध रह गया। पुलिस की छान-बीन में तुरंत यह पता चल गया कि ज्योति की हत्या उसके पति ने ही अपनी प्रेमिका मनीषा मखीजा, जो स्वयं एक बड़े उद्योगपति की बेटी है, के साथ साजिश कर 28 जुलाई, 2014 को करवायी।
यह हत्याकांड पियूष एवं मनीषा के अवैध संबंधों का परिणाम था जिसमें इन दोनों के स्वार्थ एवं एक-दूसरे को गलत तरीके से पाने की चाह ने निर्दोष ज्योति की जान ले ली। यदि हमें तीनों के जन्म विवरण प्राप्त होते तो और भी बेहतर होता किंतु काफी प्रयासों के बाद सिर्फ मनीषा का ही सही जन्म विवरण मिल पाया। अतः विश्लेषण सिर्फ मनीषा तक ही सीमित है। 11ध्2 11ध्2 त्र 22ध्4 हृदय अंक डंदपेीं डंाीपरं त्र ;1़9द्ध दृ 4त्र 6 व्यक्तित्व अंक 4 159181 4128911 29ध्11 26ध्8 त्र 19ध्1 भाग्यांक आवृत्ति 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9 6 1 0 2 1 0 0 2 2 विशेष आवृत्तिकृ 1;6 बारद्ध धरातल कलश चुनौती च् . 3 प् . 16ध्7 ;0.32द्ध प् दृ 3 ड . 8 प्प् . 11ध्2 ;32.41द्ध प्प् दृ 1 म् . 1 प्प्प् . 9 ;41.50द्ध प्प्प् दृ 2 प् . 2 प्ट . 8 ;50 कृद्ध प्ट दृ 4 कलश 8 9 16ध्7 11ध्2 छवअण् 5ए 1986 11ध्2 5 24ध्6 त्र 13ध्4 योग्यतांक 3 1 चुनौती 2 4 प् कलश त्र 36 दृ योग्यतांक त्र 36 दृ 4 त्र 32 वर्ष 2008 में पर्सनल ईयर त्र छवअण् 5ए 2008 त्र 2़5़10ध्1 त्र8 2008 में उम्र त्र 2008 दृ 1986 त्र 22 वर्ष 2008 का वर्षांक त्र 2़0़0़8 त्र 10ध्1 2008 09 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 ।हम 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 प् छंउम भ् भ् भ् भ् भ् भ् भ् । ड ड ड ड प्प् छंउम प् प् प् श्र । ड ड ड ड । छ छ म्ण्छवण् 17 8 17 8 17 8 9 9 12 3 12 3 5 8 5 9 9 च्ण्ल्ण् 8 9 1 2 3 4 5 6 7 8 9 1 ब्ण्ल्ण् 1 2 3 4 5 6 7 8 9 1 2 3 ठण्थ्ण्च्ण् 11ध्2 11ध्2 11ध्2 5 5 5 5 5 5 5 5 5 च्पददंबसम 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 16 7 11 2 चरम अंक त्र 5 जन्मांक त्र 5 नामांक त्र 11ध्2 आदत अंक त्र 14ध्5 नाम का प्रथम अक्षर ;डद्ध त्र 4 नाम का प्रथम स्वर अक्षर ;।द्ध त्र 1 यदि हम मनीषा मखीजा की अंक कुंडली पर दृष्टिपात करें तो हम पाते हैं कि इनकी अंक कुंडली में हर महत्वपूर्ण स्थान पर प्रकट होने वाले अंक या तो कार्मिक अंक हैं अथवा परस्पर विरोधी या प्रतिक्रियावादी। इनका योग्यता अंक 13/4 है
जो कि उच्च श्रेणी का कार्मिक अंक है। जिन लोगों के योग्यता अंक 13/4 होते हैं इन्हें अपने किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करना होता है तब भी कार्य का परिणाम बहुत अच्छा देखने को नहीं मिल पाता। इनके रास्ते में सदैव अवरोध उत्पन्न होते रहते हैं तथा ये प्रायः निराश एवं अत्यधिक बोझ से दबा हुआ महसूस करते हैं। ये लोग सफलता के लिए छोटे मार्ग का अनुसरण करते हैं जो कि अंततः बुरी तरह से असफल साबित होता है। मनीषा ने भी अपने प्यार पियूष को पाने की काफी कोशिश की तथा इसके लिए गलत रास्ते अख्तियार करने से भी नहीं चूकी और इसी की परिणति थी कि इसने पियूष के साथ मलकर ज्योति की हत्या करवा दी। मनीषा का भाग्यांक 19/1 है
तथा यह भी एक कार्मिक अंक है। अंक 19 अंक 1 (स्वार्थ एवं अहंकार) तथा अंक 9 (योग्यता का गलत प्रयोग तथा अत्यधिक महत्वाकांक्षा), का योग है। मनीषा का कलश अंक भी वर्ष 2018 तक लगातार 16/7 चल रहा है जो पुनः एक उच्च कार्मिक अंक है। अंक 16/7 में 1 एवं 6 की नकारात्मकता जुड़ी हुई है जो मिलकर अंक 7 का निर्माण करती है और यह व्यक्ति को अवैध प्रेम संबंध अथवा अवैध शारीरिक संबंध की ओर प्रेरित करती है तथा समाज में अपमान का पात्र बनाती है। इसका हृदय अंक 22/4 है जो 11 $ 11 = 22 से बना है। 11 एवं 22 दोनों अत्यधिक इमोशनल, संवेदनशील, हृदय तुरंत आहत हो जाना आदि अवगुणों से युक्त उच्च कार्मिक अंक है। हृदय अंक के रूप में इनकी अवस्थिति प्रायः प्रेम संबंधों की असफलता तथा उसे पाने की चाह में कुछ गलत कदम उठाने की प्रेरणा देता है
जिससे कि परिवार एवं समाज में बदनामी होती है। इन दोनों अंकों का एक दूसरा पक्ष भी है। यदि ऐसे व्यक्ति अपने आप को समाज एवं दीन-पीड़ित लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए लोक हितकारी कार्यों में लगा दें तो निश्चित ही इन्हें पहचान एवं प्रतिष्ठा मिलती है। इसका तात्पर्य यह है कि यदि व्यक्ति निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करे तो ये अंक इन्हें पुरस्कृत करेंगे अन्यथा यही अंक इन्हें बुरी तरह से दंडित भी करेंगे। मनीषा का नामांक 11/2, चरम अंक 5, जन्म अंक 5, जन्म बल काल 5, आदत अंक 14/5 ये सभी अंक भी काफी नकारात्मक हैं जिसने मनीषा के दिमाग में जहर घोल दिया तथा वह हत्या जैसे जघन्य अपराध से भी नहीं हिचकिचाई और अंततः उसने पियूष के साथ साजिश रचकर निर्दोष ज्योति की हत्या करवा दी।
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जैसा कि पहले चर्चा की गई, कार्मिक अंक हर तरह से जीवन भर संघर्ष, अवरोध, पीड़ा, एवं परेशानियां देते हैं। प्रमुख अंकों के रूप में जिस किसी की अंक कुंडली में कार्मिक अंक परिलक्षित होते हैं वह व्यक्ति एक सामान्य एवं सुखद भौतिकवादी जीवन नहीं जी सकता। उसे निःसंदेह अनेक प्रकार की बाधाओं एवं उतार-चढ़ाव का सामना जीवन भर करना ही पड़ता है। हालांकि कार्मिक अंक जीवन में कुछ सबक सीखने का अच्छा अवसर भी प्रदान करते हैं। यदि व्यक्ति कार्मिक अंकों के संदेश के अनुरूप खुद को मानवतावादी, सामाजिक कार्यों में लगाता है
तथा निम्न वर्ग के लोगों, अनाथों एवं सम्मिलित रूप से मानवता के उत्थान के लिए कार्य करता है तो वह निश्चित रूप से इसमें सफलता प्राप्त करता है तथा इसके पुरस्कार स्वरूप उसे जीवन के किसी भी काल में नाम एवं यश की प्राप्ति अवश्य होती है। यही चीज अरविंद केजरीवाल के मामले में भी हमने देखी। उसने अपने लोक हितकारी कार्यों के लिए नाम, यश, सम्मान सब कमाया तथा उसे अपने इन मानवतावादी कार्यों के लिए रेमन मैग्सेसे जैसे सम्मानित पुरस्कार भी मिले। किंतु जब ये भौतिकवादी महत्वाकांक्षा के परिणामस्वरूप राजनीति में आए तो निःसंदेह इन्होंने सफलता पाई किंतु इनका नाम एवं यश निरंतर गिरता चला गया तथा ये शीर्ष से गर्त की ओर अग्रसर होते चले गये। कैलाश सत्यार्थी जो एक कुशल इंजीनियर थे, ने संघर्ष एवं परेशानी का रास्ता चुना तथा अपने जीवन में भौतिक सुखों की आहुति दे दी।
इन्होंने बाल श्रमिकों के उत्थान के लिए निरंतर एवं अथक संघर्ष किया। अपने इसी निरंतर संघर्ष के कारण इन्हें दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आइए हम अंक ज्योतिष के माध्यम से इनकी अंक कुंडली का विश्लेषण करें कि जब कोई व्यक्ति मानवता के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य करता है
तो कैसे कार्मिक अंक भी वरदान बन जाते हैं। 11ध्2 11ध्2 त्र 22ध्4 हृदय अंक ज्ञंपसंेी ैंजलंतजीप त्र ;11.4द्ध त्र 7 व्यक्तित्व अंक 2 193118 112719289 25ध्7 40ध्4 त्र 11ध्2 भाग्यांक आवृत्ति 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9 6 3 1 0 0 0 1 2 3 विशेष आवृत्तिकृ 1;6 बारद्ध धरातल कलश चुनौती च् . 0 प् . 3 ;0.32द्ध प् दृ 1 ड . 8 प्प् . 3 ;32.41द्ध प्प् दृ 1 म् . 4 प्प्प् . 6 ;41.50द्ध प्प्प् दृ 0 प् . 4 प्ट . 2 ;50 कृद्ध प्ट दृ 0 कलश 2 6 3 3 श्रंदण् 11ए 1954 1 11ध्2 19ध्1 त्र 13ध्4 योग्यता अंक 1 1 चुनौती 0 0 प् कलश त्र 36 दृ योग्यता अंक त्र 36 दृ 4 त्र 32 वर्ष 2010 में पर्सनल ईयर त्र श्रंदण् 11ए 2010 त्र 1 ़ 2 ़ 3 त्र 6 2010 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 ।हम 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 प् छंउम प् प् प् प् प् प् प् स् स् स् । ै प्प् छंउम त् त् त् त् त् त् ज् ज् भ् भ् भ् भ् म्ण्छवण् 18 9 18 9 18 9 18 9 18 9 18 9 11 2 5 11 2 11 2 9 9 च्ण्ल्ण् 6 7 8 9 1 2 3 4 5 6 7 8 ब्ण्ल्ण् 3 4 5 6 7 8 9 1 2 3 4 5 ठण्थ्ण्च्ण् 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 च्पददंबसम 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2010 में उम्र त्र 2010 दृ 1954 त्र 56 वर्ष 2010 का वर्षांक त्र 3 चरम अंक त्र 6 जन्मांक त्र 11ध्2 नामांक त्र 25ध्7 आदत अंक त्र 16ध्7 नाम का प्रथम अक्षर ;ज्ञद्ध त्र 2 नाम का प्रथम स्वर अक्षर ;।द्ध त्र 1 कैलाश सत्यार्थी की अंक कुंडली में अधिकांश अंक कार्मिक हैं चाहे वे योग्यता अंक ;13ध्4द्धए भाग्यांक ;11ध्2द्धएहृदय अंक ;22ध्4द्ध हों अथवा सहायक अंक के रूप में जन्म अंक ;11ध्2द्धए आदत अंक ;16ध्7द्ध अथवा परिघटना अंक ;16ध्7द्ध हांे, ये सब के सब उच्च कार्मिक अंक हैं। इन्होंने अपनी अंक कुंडली में मौजूद कार्मिक बलों को निश्चित दिशा में निर्दिष्ट किया एवं इन अंकों के प्रभावस्वरूप इन्होंने अपने इंजीनियरिंग करियर को छोड़कर मानवता के लिए संघर्ष एवं कष्ट का रास्ता चुना। मनीषा मखीजा की भांति इनका हृदय अंक भी 22/4 है जो 11 $ 11 =22 से बना है।
किंतु मनीषा मखीजा के विपरीत चलकर इन्होंने कभी भी स्वयं अथवा अपने परिवार के स्वार्थ के बारे में नहीं सोचा तथा अनवरत मानवता की सेवा में तथा समाज के उत्थान के लिए जुड़े रहे जिसके परिणामस्वरूप इन्हें नोबेल पुरस्कार के रूप में अपने कार्य का पारितोषिक प्राप्त हुआ। ये दोनों मामले अपनी तरह से दो विपरीत ध् ााराओं को प्रदर्शित कर रहे हैं जिसमें कार्मिक अंकों की शक्ति निहित है। वर्ष 2014 में जब इन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला उस समय इनका कलश अंक 2, परिघटना अंक 9, पर्सनल ईयर 1, वर्तमान वर्षांक 7 तथा जन्म बल काल 1 चल रहा था।
परिघटना अंक 9 एक आध्यात्मिक एवं मानवतावादी अंक है। यदि परिघटना अंक अनुकूल हो एवं उसे दूसरे अंकों की सहायता प्राप्त हो रही हो तो यह हर हाल में सफलता प्रदान करता है। यहां कैलाश सत्यार्थी के मामले में ये सभी अंक अत्यधिक अनुकूल हैं अतः इन्हें नोबेल पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हुआ। हालांकि वर्ष 2015 के अंत से इनका परिघटना अंक थोड़ा प्रतिकूल है
अतः इन्हें निश्चित रूप से इससे सावधान रहना चाहिए तथा निरंतर मानवीय उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्यरत रहना चाहिए अन्यथा ये भी अरविंद केजरीवाल की तरह महत्वाकांक्षा का शिकार होकर अपने लिए समस्या पैदा कर सकते हैं जिससे इनके सम्मान में ह्रास हो सकता है।