जीवन में शुष्कता को हटाने हेतु प्रेम संबंधों के लिये एक जीवन साथी की आवश्यकता रहती है। स्त्री-पुरूष का मिलान सुखद रखने के लिए अंक ज्योतिष की मेलापक प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। मेलापक का उद्देश्य युवा दम्पत्ति के लिये सर्वश्रेष्ठ जीवन साथी का चयन करना है। विवाह एवं प्रेम संबंध के रूप और मायने अब बदल चुके हैं।
अब हम भौतिक मापदंडों के आधार पर संबंधों का चयन करते हैं। फलस्वरूप संबंधों में कटुता एवं विलगाव की घटनाएं अधिक हो रही हैं। कुछ संबंध सामाजिक बंधन या संस्कारों के कारण निभ तो रहे हैं पर मजबूरी में। कोर्ट-कचहरी में संबंध-विच्छेद के लिए भीड़ लगी हुई है। आज हम अपने में सुधार लाए बिना अपने जीवन साथी में सुधार लाना चाहते हैं। कुछ लोग जो चाहते हुए भी अपने में सुधार नहीं कर पाते, आपस में तालमेल नहीं बिठा पाते, उन्हें ज्योतिष शास्त्र का सहारा लेना चाहिए।
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लेकिन कई बार हम जन्म समय का ठीक ज्ञान नहीं होने के कारण ज्योतिष शास्त्र का मार्गदर्शन नहीं ले पाते हैं। ऐसे में हम अंकशास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार मूलांक व भाग्यांक के आधार पर अपना वैवाहिक जीवन सुखी बना सकते हैं। अंकशास्त्र से जान सकते हैं कि आपके जीवन साथी या होने वाले जीवन साथी के मूलांक व भाग्यांक से आपके मूलांक या भाग्यांक की नैसर्गिक मैत्री है या नहीं। मूलांक का संबंध तन व मन से तथा भाग्यांक का भाग्य व धन से है।
जब तन, मन व धन का संगम हो जाए तो वैवाहिक जीवन के सुखमय होने की संभावना बढ़ जाती है। जन्मतिथि के दिनांक, माह, वर्ष व शताब्दी के सभी अंक जब आपस में जोड़ दिए जाते हैं तो प्राप्त योगफल भाग्यांक कहलाता है। वहीं, केवल जन्मतिथि के अंक या अंकों का योगफल मूलांक कहलाता है। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 25.12.1982 है, तो उसका मूलांक उसके जन्म दिनांक के दोनों अंकों का योगफल अर्थात् 2 $ 5 = 7 होगा।
उस व्यक्ति का भाग्यांक निकालने के लिए उसके जन्म की तारीख, मास और वर्ष का योग किया जाएगा जो इस प्रकार होगा- 2 $ 5 $ 1 $ 2 $ 1 $ 9 $ 8 $ 2 = 30 = 3 $ 0 = 3 मूलांक तालिका दिनांक मूलांक 1, 10, 19, 28 1 2, 11, 20, 29 2 3, 12, 21, 30 3 4, 13, 22, 31 4 5, 14, 23 5 6, 15, 24 6 7, 16, 25 7 8, 17, 26 8 9, 18, 27 9 इस प्रकार, आप अपना मूलांक व भाग्यांक निकालकर अपने जीवन साथी के मूलांक या भाग्यांक से तुलना करके जान सकते हैं कि उनमें नैसर्गिक मैत्री है या नहीं। विवाह व प्रेम मिलान तालिका ‘ख’ में देखने से पता चलता है कि अंक 1, 5 व 8 का कोई भी अंक अतिमित्र नहीं है।
अंक 6, 7 व 9 का कोई भी शत्रु अंक नहीं है। अंक 6 व 9 के अति मित्र अंकों की संख्या 5-5 है, पर जीवन साथी तो एक ही चुनना है। तो पांचों में से किस एक को अपना जीवन साथी चुनें? यहां विभिन्न मूलांकों की स्त्रियों और पुरुषों के स्वभाव गुण, दोष आदि का विश्लेषण प्रस्तुत है। इन विवरणों के आधार पर उपयुक्त जीवनसाथी का चयन कर सकते हैं। जिनकी शादी पहले हो चुकी है वे अपने व जीवनसाथी के मूलांक के आधार पर आपसी समन्वय बनाकर रखते हैं।
विभिन्न मूलांकों वाली स्त्रियां
मूलांक 1: मूलांक 1 वाली स्त्री विदुषी, सामाजिक, पति की अच्छी साथी, पति के व्यवसाय में रुचि रखनेवाली होती है। जो लोग चाहते हैं कि उनकी पत्नी उनके कार्य में रुचि रखे, साथ निभाए, उन्हें मूलांक 1 वाली कन्या से विवाह करना चाहिए।
मूलांक 2: मूलांक 2 वाली स्त्री दयालु, मृदु स्वभाव व आकर्षक व्यक्तित्व वाली होती है। पति जो कुछ दे दे उसी में संतुष्ट रहने वाली होती है। ऐसी स्त्रियों के घर में सुख-साधनों की कमी नहीं रहती, इसलिए आलसी होने की संभावना रहती है।
मूलांक 3: मूलांक 3 वाली स्त्री का परिवार पर अच्छा प्रभाव होता है। ऐसी स्त्रियां पति पर पूर्ण अधिकार रखती है तथा पति की उन्नति में सहायक होती हैं। इनका पति अगर व्यवसायी हो और इनके नाम पर व्यवसाय करे तो उन्नति होती है।
मूलांक 4: मूलांक 4 वाली स्त्री उच्च शिक्षित, अपनी बात मनवाने वाली, बन-संवर कर रहनेवाली होती है। ऐसी स्त्री घर से बाहर खुश रहती है, किंतु वैवाहिक जीवन साधारण ही रहता है।
मूलांक 5: मूलांक 5 वाली स्त्री व्यवहारकुशल और परिपक्व मस्तिष्क वाली, पारिवारिक समस्याओं से ऊपर उठकर विकास कार्यों में रुचि रखने वाली, पति व बच्चों की प्रगति में सहायक होती है।
मूलांक 6: मूलांक 6 वाली स्त्री रूपवती व दयालु होती है। इसमें अच्छी पत्नी व अच्छी माता के सभी गुण होते हैं। ऐसी स्त्री घर को अच्छे ढंग से चलाने की क्षमता रखती है तथा समाज में प्रतिष्ठित व परिवार में सर्वेसर्वा होती है।
मूलांक 7: अंक 7 वाली स्त्री पर्याप्त शिक्षित होने के बावजूद अच्छी आर्थिक स्थिति के लिए संघर्षमय रहती है। ऐसी स्त्रियों को अकेले रहना अच्छा लगता है। हर समय पति इनका ध्यान रखें, इनमें ऐसी चाहत हर समय बनी रहती है।
मूलांक 8: मूलांक 8 वाली स्त्री नियम से चलने वाली, कर्मठ, पति व बच्चों के लिए कार्य करने वाली व बौद्धिक शक्ति की धनी होती है। परिवार व व्यवसाय के कार्यों में अच्छी सलाहकार होती है।
मूलांक 9: मूलांक 9 वाली स्त्री प्रायः उन्मुक्त और मनमौजी होती है। कोई भी कार्य आरंभ करने से पहले इन्हें भरोसे में लेना चाहिए। ऐसी स्त्रियों का स्वभाव उग्र तो होता है, पर वे लापरवाह नहीं होती हैं। ये पति के कार्यों में पूरे मनोयोग से सहायता करती हैं।
विभिन्न मूलांक वाले पुरुष
मूलांक 1: मूलांक 1 वाले पुरुष गंभीर, दयालु व महत्वाकांक्षी होते हैं। ये हमेशा यही चाहते हैं कि परिवार के सभी सदस्य इनकी बात मानें। ये चाहते हैं कि इनकी पत्नी का समाज में मान-सम्मान हो। इन्हें अपने घर से लगाव होता है और ये अधिक समय घर पर ही बिताना चाहते हैं।
मूलांक 2: मूलांक 2 वाले पुरुष शांत स्वभाव के होते हैं। ये चाहते हैं कि उनकी पत्नी इनके कहे बिना ही सब कार्य कर दे। यह एक समझदार व शिष्ट पत्नी चाहते हैं।
मूलांक 3: मूलांक 3 वाले पुरुष आत्मकेंद्रित व अध्यात्म में रुचि रखने वाले होते हैं। ऐसे ज्यादातर पुरुष अपने से ऊंचे घराने में विवाह करते हैं। ये पत्नी का पूरा ध्यान रखते हैं।
मूलांक 4: मूलांक 4 वाले पुरुष दयालु व विद्रोही स्वभाव के होते हैं। ये सतत लोगों की कमियां निकालते रहते हैं जिसके कारण परिवार में अशांति बनी रहती है। ये चाहते हैं कि परिवार के सभी सदस्य इनके अनुसार चलें।
मूलांक 5: मूलांक 5 वाले पुरुष हठधर्मी, किंतु व्यवहारकुशल व मितव्ययी होते हैं। ये चाहते हैं कि इनकी पत्नी बन-संवर कर रहंे। इन्हें अपने बच्चों से लगाव होता है। ये बच्चों पर खुलकर खर्च करने वाले होते हैं।
मूलांक 6: मूलांक 6 वाले पुरुष विलासी, ईमानदार व मधुर स्वभाव वाले होते हैं। ये चाहते हैं कि इनकी पत्नी ऐसी हो जिस पर ये गर्व कर सकंे। ये घर-परिवार का पूरा ध्यान रखते हैं।
मूलांक 7: मूलांक 7 वाले पुरुष दार्शनिक, भावुक व पराविज्ञान का ज्ञान रखने वाले होते हैं। ये पत्नी की भावनाओं को समझते हंै और हर बात को आलोचनात्मक तरीके से देखते हैं। इस कारण परिवार में अशांति बनी रहती है।
मूलांक 8: मूलांक 8 वाले पुरुष विश्वसनीय, न्यायप्रिय और एकांतप्रिय होते हैं। ऐसे अधिकतर पुरुष विवाह नहीं करना चाहते हंै। जो करते हैं, उन्हें रूढ़िवादी विचारों वाली पत्नी अच्छी लगती है।
मूलांक 9: मूलांक 9 वाले पुरुष साहसी, स्वाभिमानी व आत्मविश्वासी होते हैं। इन्हें एक अच्छे घर की लालसा रहती है। अपने परिवार, पत्नी व बच्चों पर इन्हें गर्व होता है। प्रत्येक अंक, दांपत्य जीवन में प्रणय, व्यवहार तथा उसकी सफलता तथा असफलता को तो दर्शाता ही है तथा उनसे संबधित ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव को भी प्रकट करता है। सभी अंकांे का व्यवहार पक्ष एक विचारणीय प्रश्न है।
अगर व्यवहार पक्ष का मिलान हो जाए, तो अन्य कुछ त्रुटियों को भी दूर किया जा सकता। इस समय हम प्रत्येक अंक का विश्लेषण न कर के कुछ मूलभूत परिभाषाओं को समझ कर तालिकाओं के आधार पर उदाहरण की सहायता से गुण मिलान करेंगे। गुण मिलान विश्लेषण मूलांक-अति मित्र अंक मिलान फल: इसमें वर-वधू के मूलांकों की संख्या अगर मिलती है तो वैवाहिक जीवन सफलतापूर्वक व्यतीत होता है।
मूलांक-मित्र अंक मिलान फल: इसमें दोनों का दांपत्य जीवन सुखी रहता है तथा एक दूसरे के प्रति आकर्षण लंबे समय तक बना रहता है। परस्पर व्यवहार भी एक दूसरे के लिए अनुकूल होता है। यह मिलान भी सर्वमान्य है। मूलांक -शत्रु अंक मिलान फल: नाम से ही स्पष्ट है कि दोनों एक दूसरे के शत्रु बने रहेंगें। एक पक्ष दूसरे से विपरीत स्वभाव का होगा। दोनों में दिखावटीपन होगा तथा कूटनीति विद्यमान रहेगी। एक दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने की चेष्टा बनी रहेगी। दांपत्य जीवन का निर्वाह सफलतापूर्वक नहीं कर पाएंगे। व्यवहार प्रतिकूल बना रहेगा। ऐसे मिलान की यथासंभव उपेक्षा करनी चाहिए। मूलांक-सम अंक मिलान फल इस में वर-वधू नदी के दो किनारों की तरह दांपत्य जीवन व्यतीत करते हैं।
दोनों न तो एक दूसरे से सहयोग ही कर पाते हैं और न ही एक दूसरे का विरोध ही कर पाते हैं। जीवन दुविधाओं में ही बीत जाता है। मूलांक-मूलांक अंक मिलान फल अगर वर-वधू का मूलांक एक जैसा हो, तो उनका दांपत्य जीवन सुखी और लंबे समय तक चलने वाला होगा। अंकांे द्वारा गुण मिलान फल के लिए अब, एक उदाहरण की सहायता से, नाम तथा जन्म दिनांक का मूलांक और संयुक्तांक बनाना सीखेंगे। प्रयास यही है कि साधारण व्यक्ति भी, अंक विद्या का पूर्णतया ज्ञान प्राप्त किये बिना, अंकों द्वारा गुण मिलान फल जान सकें। नामाक्षरों का नामांक और संयुक्त नामांक निकालना मान लें वर का नाम दीपक त्रेहन है।
उसका जन्म दिनांक 18.09.1978 है और वधू का नाम प्रियंका ग्रोवर तथा जन्म दिनांक 11.05.1981 है, तो मिलान फल की गणना निम्न प्रकार से होगीः क् म् म् च् । ज्ञ 4 ़5 ़5़8़1़2 त्र 25 त्र2़5त्र 7 (नामांक) ज् त् म् भ् । छ 4़2़5़8़1़5त्र 25 त्र2़5त्र7 7़7त्र 14 त्र14त्र1़4त्र5 (संयुक्त नामांक) दीपक के नाम का नामांक 7 और पूरे नाम का संयुक्त नामांक 5 हुआ च् त् प् ल् । छ ज्ञ । 8़2़1़1़1़5़2़1 त्र 21 त्र 2़1 त्र 3 (नामांक) ळ त् व् ट म् त् 3़2़7़6़5़2 त्र 25 त्र 5़2 त्र 7 त्र3़7त्र 10 त्र 1़0त्र 1 (संयुक्त नामांक) Û जन्म दिनांक का मूलांक और भाग्यांक निकालना: दीपक का जन्म दिनांक: 18.09. 1978 दिनांक का मूलांक =1$8=9 दिनांक का भाग्यांक 1$8$9$1$9$7$8 = 43 = 4$3 = 7 प्रियंका का जन्म दिनांक: 11.05. 1981 दिनांक का मूलांक = 1$1 = 2 दिनांक का भाग्यांक 1$1$5$1$9$8$1 = 26 = 2$6 = 8 वर-वधू के नामों का मूलांक और संयुक्त नामांक की गणना नामांक तालिका ’क’ द्वारा की गयी हेै।
उपर्युक्त गणना का तुलनात्मक अध्ययन हम निम्नलिखित सारणी द्वारा भी कर सकते हैं। इस सारणी का मूल आधार अंक मिलान तालिका ’ख’ है। गुण मिलान निष्कर्ष वर-वधू के नामाक्षरों का नामांक 7 और 3 एक दूसरे के सम हैं तथा संयुक्त नामांक 5 और 1 शत्रु हैं। विवाह उपरांत नाम परिवर्तन से भी संयुक्त नामांक 5 तथा 1 ही है, जो फिर से शत्रु हैं। अगर प्रियंका ग्रोवर/त्रेहन विवाह उपरांत प्रियंका नाम ही व्यवहार में लाए, तो वर-वधू का प्रस्तावित संयुक्त नामांक 5 और 3 होंगे, जो आपस में मित्र अंक हैं। जन्म दिनांक का मूलांक 9 और 2 अतिमित्र तथा भाग्यांक 7 और 8 सम हैं। संयुक्त नामांक आपस में शत्रु हैं।
अतः सुखी दांपत्य जीवन के लिए प्रस्तावित नाम परिवर्तन से अच्छा समय व्यतीत होगा। इसी विधि से की गयी गणना द्वारा वधू के गुण मिलान निष्कर्ष सास, ससुर, ननद, जेठ-देवर और वर के भी सास, ससुर, साली, साले से अच्छे/बुरे संबंधों का पता लग सकता है। भारतीय शास्त्र विवाह उपरांत वधू के नाम मंे परिवर्तन का समर्थन करते हंै। यह भी कहा जाता है कि विवाह होने पर नारी का दूसरा जन्म होता है। अतः विवाह उपरांत वधू के नाम में परिवर्तन लाभदायक माना जाता है। अंकों की सहायता से वधू का नया नाम रख कर दांपत्य जीवन को सुखी और स्थायी बनाया जा सकता है।