पंच पक्षी शास्त्र से संबंधित आलेखों की अनवरत चल रही शृंखला का यह अंतिम लेख है। पिछले 23 कड़ियांे में हमने इस शास्त्र के हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया। इस कड़ी में हम चर्चा में छूट गए कुछ महत्वपूण्र् ा विषयों की चर्चा करेंगे। यदि दो लोगों के जन्मपक्षी की गतिविधि समान हो हमें हर दिन एक या अधिक लोगों से कुछ न कुछ काम होता है या व्यावसायिक वार्ता करनी होती है।
हमने पूर्व में चर्चा की कि यदि हमारा जन्मपक्षी वार्ताकार की जन्मपक्षी से उच्च गतिविधि में संलग्न हो तो वार्ता का परिणाम हमारे पक्ष में जाएगा। यदि दूसरे पक्ष का जन्म पक्षी हमसे उच्च गतिविधि में हो तो उस समय हमारे लिए वार्ता को कुछ समय के लिए टालना श्रेयस्कर रहेगा। इसी प्रकार मान लें कि हमारे पक्षी की गतिविधि एवं वार्ताकार के जन्मपक्षी की गतिविधि एक समान हो तो क्या होगा? इसमें वार्ता का परिणाम किस पक्ष में जाएगा? इसका परिणाम निम्नांकित रूपों में होने की संभावना होती है:
शुक्ल पक्ष
1. खाना: यदि दोनों के जन्मपक्षी की गतिविधि खाना खाने की है तो दोनों में से जिसकी आयु अधिक होगी परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
2. घूमना: यदि यदि दोनों के जन्मपक्षी की गतिविधि घूमने की है तो परिणाम कम उम्र वाले व्यक्ति के पक्ष में जाएगा।
3. शासन करना: यदि दोनों के जन्मपक्षी की गतिविधि शासन करने की है तो जो देखने में अधिक सुंदर है परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
4. सोना: यदि दोनों के जन्मपक्षी की गतिविधि सोने की है तो जो दोनों में से अधिक लंबा है परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
5.मरना: यदि दोनों के जन्मपक्षी की गतिविधि मरने की है तो दोनों में से किसी के पक्ष में भी परिणाम नहीं जाएगा तथा वार्ता विफल एवं निरर्थक साबित होगी।
कृष्ण पक्ष
1. खाना: यदि दोनों का जन्मपक्षी खाने की गतिविधि में संलग्न है तो उम्र में बड़े व्यक्ति के पक्ष में परिणाम जाएगा।
2. घूमना: यदि दोनों का जन्मपक्षी घूमने की गतिविधि में संलग्न है तो दोनों में से जो अधिक लंबा होगा, परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
3. शासन करना: यदि दोनों का जन्मपक्षी शासन करने की गतिविधि में संलग्न है तो दोनों में से जिसकी उम्र कम होगी परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
4. सोना: यदि दोनों का जन्मपक्षी सोने की गतिविधि में संलग्न है तो दोनों में से जिसकी ऊंचाई कम होगी परिणाम उसके पक्ष में जाएगा।
5. मरना: यदि दोनों का जन्मपक्षी मरने की गतिविधि में संलग्न हो तो वार्ता निरर्थक साबित होगी तथा किसी के पक्ष में परिणाम नहीं जाएगा।