वर्ष पहले ही सुनंदा की तीसरी शादी शशि थरूर के साथ हुई थी। शशि थरूर की भी यह तीसरी शादी थी। मौत से एक सप्ताह पूर्व से ही ये दंपत्ति मीडिया में एक अन्य पाकिस्तानी महिला जर्नलिस्ट मेहर तरार के कारण सुर्खियों में छाई हुई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि मेहर तरार सुनंदा के पति शशि थरूर पर डोरे डाल रही थी और शशि तथा मेहर के बीच अंदर ही अंदर कुछ पक रहा था। दोनों के बीच ट्विटर पर प्रेम प्रलाप की खबरें आ र.ही थीं जिसके कारण सुनंदा काफी आहत थीं।
ईश्वर जाने सच्चाई क्या है, किंतु अंतिम सत्य तो यही है कि इस प्रेम त्रिकोण में सुनंदा की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट से तो यह बात सामने आ रही है कि सुनंदा की मौत एंटी डिप्रेशन की दवा के ओवरडोज से हुई। अब प्रश्न यह उठता है कि सुनंदा ने जान-बूझकर अत्यधिक मात्रा में ये दवाएं स्वयं लीं या कि साजिशवश उन्हें ये दवाएं दी गईं। यह तो पुलिस जांच का विषय सुनंदा के जीवन में इन कार्मिक अंकों ने जबर्दस्त खेल खेला। विशिष्ट अंकों के रूप में हर जगह कोई न कोई कार्मिक अंक मौजूद रहा।
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सुनंदा को योग्यता अंक के रूप में 11/2, भाग्यांक के रूप में 11/2, हृदय अंक के रूप में 13/4 मिला। ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी को भी योग्यता अंक अथवा भाग्यांक में से एक ही कार्मिक अंक मिल जायें तो जीवन को बर्बाद करने के लिए काफी हैं। किंतु सुनंदा के मामले में इन दोनों अंकों के अतिरिक्त अन्य प्रमुख विशिष्ट अंक भी कार्मिक अंक ही हैं इन कार्मिक अंकों में भी 11/2 कुछ अधिक ही घातक है।
सुनंदा का योग्यता अंक एवं भाग्यांक: 11/2 अंक 11/2 महानता एवं आत्म-विध्वंस के बीच की कड़ी है। यदि व्यक्ति इसमें अंतर्निहित अंतज्र्ञान एवं आध्यात्मिक शक्ति को पहचान लेता है तो यह स्थायित्व, उन्नति एवं मोक्ष प्रदान करने वाला होता है अन्यथा आत्मघाती साबित डाॅ. मनोज कुमार प्रकृति का खेल भी निराला है।
कब क्या हो जाय कुछ पता नहीं चलता। एक क्षण पूर्व सुर्खियों में छाया रहने वाला इंसान अचानक खुदा को प्यारा हो जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ हाई प्रोफाइल सोसायटी की जान कही जाने वाली तथा पेज 3 में छायी रहने वाली सुनंदा पुष्कर थरूर के साथ। अचानक प्रकृति की लीला ने उसकी इहलीला ही समाप्त कर दी। 17 जनवरी 2014 को रहस्यमयी परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई।
आखिर ऐसा क्यों हुआ है जिसके परिणाम आने में महीनों लगेंगे। आइए हम अंक ज्योतिष के माध्यम से यह समझने का प्रयास करते हैं कि अंकों ने उनके जीवन के साथ क्या खेल खेला? उनके साथ क्यों ऐसा हुआ? क्यों नहीं उन्हें जीवन में लंबे समय तक वैवाहिक सुख मिला? उनके तीनों विवाह क्यों असफल रहे? अंकों की भी अपनी निराली दुनिया है। यदि अंकों के समूह सकारात्मक मिले तो व्यक्ति के जीवन में बहार ला देते हैं, सुख-समृद्धि एवं सफलताएं दामन चूमती हैं, दूसरी ओर यदि अंकों के समूह नकारात्मक तथा विरोधाभासी मिले तो जीवन में संघर्ष, उतार-चढ़ाव, दुख तथा असफलता के कारण बनते हैं। ऐसे ही नकारात्मक अंकों का एक समूह है कार्मिक अंकों का, जो अगर पल्ले पड़ जायें तो जीवन-पर्यन्त सताते ही रहते हैं।