फ्यूचर समाचार के जनवरी 2014 के आलेख में आपको अपना पक्षी ज्ञात करने की विधि समझाई गई है तथा आपकी सुविधा के लिए सारणी भी संलग्न किया गया है ताकि आपको कोई असुविधा न हो तथा आप अपने जन्मपक्षी का निर्धारण आसानी से कर सकें। पंच पक्षी शास्त्र से दो भिन्न व्यक्तित्व के वर एवं कन्या के आगामी जीवन के आपसी संबंधों का विश्लेषण किया जाता है।
प्रत्येक पक्षी का दूसरे पक्षी के साथ एक खास प्रकार का संबंध एवं आपसी व्यवहार होता है। दो पक्षियां आपस में मित्र हो सकते हैं, एक दूसरे के लिए सम अर्थात् न तो मित्र और न ही शत्रु अथवा एक-दूसरे के कट्टर शत्रु हो सकते हैं। आइए देखें कि दो भिन्न पक्षियों के वर एवं कन्या के बीच विवाहोपरांत कैसी समरसता अथवा सामंजस्य की भावना होती है अथवा नहीं होती है। पंच पक्षी से वैवाहिक मिलान वर-गिद्ध: कन्या-गिद्ध यद्यपि कि आप दोनों के स्वभाव एवं गुण एक जैसे हैं किंतु यह समानता वैवाहिक जीवन के लिए ठीक नहीं है क्योंकि आप दोनों सख्त, लापरवाह, बच्चों जैसी हरकतें करने वाले, जिम्मेवारी से मुंह मोड़ने वाले हैं।
अपने सख्त बर्ताव के कारण आप हमेशा एक-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं एवं आवश्यकताओं की अवहेलना करेंगे तथा अनावश्यक रूप से लड़ते-झगड़ते रहेंगे। कठिन परिस्थितियों में आप एक-दूसरे का साथ नहीं देंगे। यदि आपको वैवाहिक सामंजस्य बनाए रखना है तो एक-दूसरे का सम्मान करें, उत्तरदायित्व को समझें। आज पति-पत्नी के बीच में तालमेल आवश्यक है। भगवान शिव की आराधना आपके लिए श्रेयस्कर है।