- चीनी मिट्टी के पात्र में जल में फूलों की पंखुड़ियाँ डालकर रखें।
- ईशान कोण की दीवार पर भोजन की तलाश में उड़ते हुये पक्षियों का चित्र लगाना चाहिए, परिवार के आलसी सदस्य कर्मशील हो जाएँगे।
- ईशान कोण में विधि पूर्वक बृहस्पति यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
पूर्व दिशा दोष :
- यदि पूर्व दिशा कटी हो तो पूर्व की दीवार पर एक बड़ा शीशा लगाना चाहिए।
- घर की पूर्व दिशा में सात घोड़ों पर सवार सूर्य देव का चित्र लगाना चाहिए।
- सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का सात बार उच्चारण करके सूर्य भगवान को जल अर्पित करना चाहिए।
- यदि पूर्व दिशा में खिड़की न हो तो पूर्व दिशा में एक दीपक रोज जलाना चाहिए।
- पूर्व दिशा में लाल पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए इससे दिशा दोष समाप्त होता है।
- पूर्व दिशा में सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
आग्नेय दिशा दोष - इस दिशा में लाल रंग का एक बल्ब या एक दीपक इस प्रकार से जलाएं कि वह लगभग एक प्रहर (तीन घंटे) तक जलता रहे।
- गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अग्निदेव के पवित्र मंत्र का उच्चारण करें।
- इस दिशा में मनीप्लांट लगाएँ। सूरजमुखी फूल, पालक, तुलसी, गाजर तथा अदरक, हरी मिर्च, मेथी, हल्दी, पुदीना, करी पत्ता आदि उगाएँ।
- इस दिशा का दोष दूर करने के लिए रेशमी परिधान, वस्त्र, सौंदर्य की वस्तुएं घर की स्त्रियों को देकर प्रसन्न रखें।
- इस दिशा में शुक्र यंत्र लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा दोष - घर का भारी से भारी समान इस दिशा में रखें।
- मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
- इस क्षेत्र की दक्षिण दीवार पर हनुमान जी का लाल रंग का चित्र लगाएँ।
- दक्षिण दिशा में मंगल यंत्र की स्थापना करें। यदि इस स्थान पर खुला क्षेत्र हो तो पेड़, गमले होने चाहिए।
नैर्ऋत्य दिशा दोष :
- भारी मूर्तियाँ इस दिशा में रखें।
- राहु के मंत्रों का जाप इस दिशा में करें।
- वाणी पर नियंत्रण रखें।
- मिथ्याचारी, अनैतिक, क्रोधी लोगों से न मिलें।
- चांदी, सोना, तांबे के सिक्के या नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करें तथा इसे नैर्ऋत्य कोण की दिशा में दबा दें।
- राहु यंत्र की स्थापना करें।
पश्चिम दिशा दोष :
- पश्चिम दिशा में शनि यंत्र की स्थापना करें।
- स्थापना के समय प्रार्थना करके शुभ कार्य करें।
- पानी का फव्वारा लगाना चाहिए।
- इस दिशा को ऊंचा रखें, वर्गाकार या आयताकार रखें।
- भारी पौधे लगाएँ।
वायव्य दिशा दोष :
- इस दिशा में मारुतिदेव की तस्वीर लगाएँ, हनुमान जी की तस्वीर भी लगा सकते हैं।
- वायु देव या चन्द्र के मंत्रों का जाप करें।
- यदि खुला स्थान हो तो ऐसे वृक्ष लगाएँ जिसके पत्ते मोटे हों।
- ताजे फूलों का गुलदस्ता रखें।
- मछली घर या एक फव्वारा स्थापित करें।
- माँ का आदर करें तथा चरण छूकर आशीर्वाद लें।
- प्रतिदिन या सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएँ।
- वायव्य दिशा में मारुति यंत्र एवं चन्द्र यंत्र की स्थापना करें।
उत्तर दिशा दोष :
- उत्तर दिशा में बड़ा आदमकद शीशा लगाएँ।
- लक्ष्मी माता की मूर्ति लगाएँ।
- हल्के हरे रंग का पेन्ट करवाएँ।
- विद्यार्थियों तथा संन्यासियों को उनके उपयुक्त अध्ययन सामग्री का दान दें।
- बुध यंत्र की स्थापना विधि पूर्वक करें।
- उत्तरी दीवार पर तोते के जोड़े का चित्र लगाएँ। पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर जादू का काम करता है।
जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!