- दीपावली के दिन सूर्य उदय से पूर्व खाली लाल मटका लें या उसे गेरू से लाल करके उसके मुख पर जटायुक्त नारियल रखकर मौली कलावा में बांधकर मुख बंद कर दंे और बहते जल में जल प्रवाह करें। आते जाते बात न करंे।
- दीपावली के दिन स्नान के पश्चात् तुलसी के पत्तों की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी जी के चरणों में अर्पित करें।
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- दीपावली के दिन किसी गरीब सुहागन को सुहाग सामग्री दान दें।
- इस दिन नई झाड़ू खरीदकर लाएं, पूजा से पहले उसी से सफाई करें।
- इस दिन लक्ष्मीजी को घर में बनी मठाई या खीर से भोग लगाएं।
- पूजन में 16 कौड़ियां, 1 मोती शंख, 11 हकीक पत्थर, 108 लाल गुंजा लक्ष्मीजी का मंत्र पढ़ते हुए रखें।
- एक चांदी की डिब्बी में शुद्ध केसर और शहद भरकर धन स्थान पर रखें।
- अपनी राशि के अनुसार यंत्र दीपावली की रात पीपल वृक्ष के नीचे दबायें।
- लाल कपड़े में काली हल्दी 5-7 दाने सिंदूर व कुछ सिक्कों के साथ पूजन में रखंे। अगले दिन कपड़े के गांठ लगाकर तिजोरी या धन स्थान पर रखें।
- दीपावली की रात आंगन में 11 घी के दीपक जलायें। दीयांे को गोल चक्र बनाकर रखें।
- 11 गोमती चक्र पूजन में रखें। उनपर हल्दी लगायें। लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। ‘‘ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’’ कमलगट्टे की या स्फटिक माला से जाप करें।
- एकाक्षी नारियल पर वर्क लगाकर लक्ष्मी जी को समर्पित करें।
- बिल्ली की नाल को लाल सिंदूर का आसन देकर दीपावली की रात या धन तेरस को धन स्थान पर रखें।
- सियार सिंघी को सिन्दुर का आसन देकर तिजोरी या धन स्थान पर पूजन के बाद स्थापित करें।
- मुख्य द्वार पर गज लक्ष्मी का चित्र लगायें।
- एक सफेद /पीली कौड़ी दीपावली की शाम को मुख्य द्वार पर एक सरसों के तेल के (दीपक पूरी रात जलता रहे) दीपक में रखें।
- लाल वस्त्र में 50 छुआरे बांधकर रखें।
- दीपावली पर्व पांच पर्वों से मिलकर बना है- धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा तथा यम द्वितीया। पांचों दिन संध्या समय घर में कम से कम पांच दीपक जरूर जलायें चार छोटे तथा एक बड़ा। उनके नीचे खील बतासों का आसन दें।
- दीपावली की रात सिंह लग्न में श्री सूक्त का 11 बार पाठ करें। 1 बड़ा देसी घी का दीपक जलायें।
- 11 कौडियां गंगाजल से धोकर लक्ष्मी जी को चढ़ायें। उन पर हल्दी लगाकर उन्हें लाल वस्त्र का आसन दें। अगले दिन तिजोरी में रखें।
- दीपावली के दिन पीपल का एक अखंडित पत्ता वृक्ष से प्रार्थना करके लायें व पूजा स्थान पर रखें।
- धन तेरस वाले दिन संध्या समय चावल की बेदी पर गणेशजी की स्थापना करें।
-लक्ष्मीजी को शृंगार एवं वस्त्र अर्पित करें।
- हिजड़ों को ईनाम के रुपये दें, उसमें से एक सिक्का वापिस लें।
- छोटी दीपावली, नरक चतुर्दशी को यमरात के नाम से एक चारमुखी दीपक मुख्य द्वार पर जलायें व प्रार्थना करें कि कभी अनहोनी मृत्यु न हो सबको पूर्ण आयु प्राप्त हो।
- 4 गोमती चक्र व 2 सफेद लाल हकीक लक्ष्मीजी को चढ़ायें। पूजन के बाद अपने पर्स में रखें।
- 11 हल्दी की गांठों को पीले वस्त्र में रखकर हल्दी माला से 11 माला जाप करें- ‘‘ऊँ वक्रतुण्डाय हुं’’
- यदि कर्ज हो तो दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें। ‘‘गजेन्द्र मोक्ष’’ नामक स्तोत्र का जाप करें। धन प्राप्ति के सरल उपाय - शुक्रवार को महालक्ष्मी जी को इत्र, गुलाब की पंखुड़ियां, गुलाब की अगरबत्ती अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाएं।
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- शुक्रवार को अपने घर के मुख्य द्वार पर शुद्ध देसी घी के दीपक में दो लौंग डालकर दीपक जलायें। ऐसा 7-11-16 शुक्रवार लगातार करें।
- शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण मंदिर में खीर का भोग लगाकर कन्याओं को बांटंे। 16 शुक्रवार खीर व मिश्री बांटें।
- शुक्रवार को 16 कौड़ियों को हल्दी लगाकर लक्ष्मी जी का मंत्र जाप कर अर्पित करें, फिर अपने धन स्थान पर रखें। मावे की मिठाई का भोग लगा दें।
- शुक्ल पक्ष की पंचमी को श्री सूक्त की ऋचाओं के साथ आहूति देने से दरिद्रता दूर होती है।
- प्रत्येक गुरुवार को तुलसी के पौधे में कच्चा दूध समर्पित करने से आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होती है।
- शुभ मुहूर्त में 11 गोमती चक्र लक्ष्मी जी को समर्पित कर, पूजन के बाद धन स्थान पर रखें।
- नियमित रूप से केले की जड़ में जल व देसी घी का दीप अर्पित करने से दरिद्रता दूर होती है।
- महीने के प्रथम बुधवार को रात में कच्ची हल्दी की गांठ भगवान कृष्ण पर अर्पित कर अगले दिन पीले धागे में बांधकर अपनी दाहिनी भुजा में बांध लें।
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