अमिताभ बच्चन
ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी के लिए एक शख्स ने आवेदन किया, लेकिन उनकी भारी आवाज के कारण उन्हें इस नौकरी के लिए अस्वीकृत कर दिया गया। यह शख्स आज अपनी दमदार आवाज के लिए सारी दुनिया में जाना जाता है, एक दमदार और प्रभावी आवाज का उन्हें हस्ताक्षर कहा जा सकता है। अमिताभ ! एक अजीम तरीन शख्सियत ! जिसने मुंबई सिने जगत की दिशा बदल डाली। अपने करियर की शुरुआत में अमिताभ ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे, पर जब भाग्य ने पलटा खाया तो वह फिल्म जगत के क्षितिज पर धु्रव तारे की तरह चमक उठे। राजनीति में नरेंद्र मोदी जी, क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर और फिल्मी जगत में अभिताभ बच्चन को कौन भूल सकता है। भारतीय सिनेमा ने अपने सौ साल की जीवन यात्रा में अनेक पड़ाव देखे। बड़े-बड़े कलाकारों का भविष्य यहां बना और रातों रात यहां लोग सितारे भी बने। इन्हीं सितारों में से एक सितारा अमिताभ बच्चन हैं।
भारतीय सिनेमा के इतिहास में सर्वकालिक, सर्वश्रेष्ठ और प्रभावशाली अभिनेताओं में सबसे ऊपर अमिताभ का नाम आता है। किसी बुलंदी के सर्वोच्च स्तर को हासिल करना मुश्किल है और उससे भी अधिक मुश्किल है उस स्तर पर बने रहना। यह मुश्किल कार्य बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन लगभग 50 वर्षों से कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत 1969 से की थी और कई दशकों से चल रहे उनके करियर में निर्विवाद रूप से ‘‘भारतीय सिनेमा का सम्राट या शहंशाह’’ माना जाता रहा है। उन्हें समय-समय पर दुनिया भर के अपने प्रशंसकों द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है। यह लोकप्रियता हर गुजरते वर्ष के साथ बढ़ती ही जा रही है।
न केवल थियेटर में अलग-अलग किरदारों में अपितु घर-घर में टेलीविजन के हरेक चैनल में दर्जनों विज्ञापनों में अमिताभ जी अपना जलवा दिखाते हुए मिलते हैं। 77 वर्ष की उम्र के इस पड़ाव में वह इतने चुस्त-दुरूस्त होकर जनता को एक बेहतरीन मिसाल देते हैं कि कैसे अपने खान-पान व आसन से अपने को एकदम फिट रखा जा सकता है। उनका कर्मठ जीवन न केवल वयस्कों बल्कि उनके हम उम्र बुजुर्गों के लिए भी एक मिसाल है। साथ ही आज की युवा पीढ़ी को भी बहुत बड़ा संदेश देता है।
इनका जन्म प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर हुआ। इनके जन्म से पूर्व माता तेजी को स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का भागीदार होने के कारण जेल जाना पड़ा था, गर्भावस्था का कुछ समय जेल में बिताया, इसलिए माता तेजी चाहती थी कि इनका नाम इंकलाब रखा जाए। हरिवंश राय जी के एक मित्र के कहने पर इनका नाम अमिताभ रखा गया।
सदी के इस महानायक ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमायी थी। राजीव गांधी के करीबी व दोस्त होने के कारण इन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी और इलाहाबाद से देश के आठवें आम चुनाव में ताकतवर नेता एच एन बहुगुणा को हराया था। लेकिन इन्हें राजनीति का संसार नहीं भाया और मात्र 3 वर्ष में इन्होंने इससे विदा ले ली।
1. काफी लंबे समय तक वह गुजरात पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर भी रहे हैं।
2. जून 2000 में वे एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिनकी लंदन के मैडम तुसार संग्रहालय में वैक्स की मूर्ति स्थापित की गई।
3. अमित जी के ऊपर अनेक किताबंे लिखी जा चुकी है- द लीजेंड 1999 में
4. टू बी आर नाॅट टू बी- अमिताभ बच्चन 2004 में ‘ए बी द लीजेंड .....2006’ में
5. अमिताभ बच्चन जीवित किंवदंती -2006 में ‘द मेकिंग आॅफ सुपर स्टार’-2006 में ‘लुकिंग फाॅर दी बिग बी’: ‘बाॅलीवुड बच्चन’ 2007 में ‘बच्चनालिया’-2009 में
6. अमित जी शुद्ध शाकाहारी हैं। 2012 में पेंटा इंडिया द्वारा इन्हें ‘हाॅटेस्ट वेजिटेरियन’ करार दिया गया। पेंटा एशिया द्वारा कराये गये एक कांटेस्ट पोल में एशिया के सेक्सियस्ट वेजिटेरियन का टाईटल भी उन्होंने जीता।
7. आज के सोशल मीडिया के दौर में बिग बी फेस बुक व टिवटर का जमकर इस्तेमाल करते हैं और यही कारण है कि सोशल नेटवर्किंग साइ्टस पर भी उनके फैंस की संख्या लाखों करोड़ों में है। वे अपने प्रशंसकों को कभी नाराज नहीं करते और पल-पल की घटनाओं को इन माध्यमों से शेयर करते हैं।
टीवी की दुनिया में भी अमित जी ने अपने झंडे गाड़े हैं, उनके द्वारा होस्ट किया गया प्रोग्राम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ ने इन्हें घर-घर पहुंचा दिया। इस प्रोग्राम को अन्य अभिनेताओं ने भी होस्ट करने की कोशिश की लेकिन जनता को तो अपने अमित ही पसंद हैं। इसलिए आज तक अमित जी अपनी वाकपटुता, भाषा शैली एवं व्यक्तित्व से करोड़ों लोगांे के दिल पर राज करते हैं। आज भी ‘कौन बनेगा करोड़पति’ बहुत प्रसिद्ध और टी. आर. पी. के रिकार्ड तोड़ने में सक्षम है।
अमिताभ हमेशा अपने स्टार कद, दानशीलता, भाषा शैली और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपने विनम्र व्यवहार के लिए खबरों में बने रहते हैं। उत्कृष्ट अभिनय के लिए उन्हें लगभग सभी प्रतिष्ठित पुरस्कारों का गौरव प्राप्त है। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर इन्हें 3 बार ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ मिल चुका है। 14 बार ‘फिल्म फेयर अवार्ड’ और भारत सरकार द्वारा ‘पùश्री’ और ‘पù भूषण’ सम्मान से भी नवाजा जा चुका है और अब भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े अवार्ड ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार से अमिताभ बच्चन को सम्मानित करने की घोषणा की गई। अमिताभ बच्चन सफलता रूपी गगन के चंद्र बनकर संपूर्ण भारत को सुशोभित कर रहे हैं।
आईये इनकी कुंडली से देखें कि हैरान कर देने वाली सफलता का राज क्या है?
श्री अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्तूबर 1942 में इलाहबाद, यू. पी. में हुआ था। कुंभ लग्न, तुला राशि के फलस्वरूप वह धीर-गंभीर व संतुलित स्वभाव के व्यक्ति हैं। लग्न में केतु स्थित है, उच्चराशिस्थ गुरु वर्गोत्तमी है और लग्नेश शनि केंद्रस्थ होकर जन्म लग्न व गुरु पर दृष्टि डाल रहा है। इन सारे योगों के फलस्वरूप अमिताभ का व्यक्तित्व प्रभावशाली है।
जिस जातक के जन्म लग्न में केतु स्थित होता है उस जातक के चेहरे पर योगी जैसा तेज दृष्टिगोचर होता है तथा जैसे-जैसे आयु बढ़ती है वैसे-वैसे व्यक्ति अधिक आकर्षक व युवा लगने लगता है। अमिताभ बच्चन जी की कुंडली में लग्नस्थ केतु कुंभ राशि में स्थित है जो पूर्णता की प्रतीक राशि है। शायद इसलिए कुंभ राशिस्थ केतु इन्हें परम तेजस्वी बना रहा है।
ज्योतिष में सिद्धांत है कि जिस भाव पर अधिकाधिक ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, वह अत्यधिक बलवान हो जाता है। इनके अष्टम भाव में उच्च के बुध को मिलाकर चार ग्रह स्थित हैं व द्वितीय भाव पर पांच ग्रहों की दृष्टि है। अष्टम भाव में चार ग्रहों की स्थिति से अष्टम भाव के राजयोग का निर्माण हो रहा है, जिसके फलस्वरूप वह अद्वितीय प्रतिभा, गुप्त शक्ति, दैवी संपदा व गूढ़ ज्ञान से संपन्न हैं।
अष्टमेश उच्च राशि का होकर अष्टम भाव में ही स्थित है। ज्ञान व ईश्वर कृपा का कारक गुरु उच्च का होकर वर्गोत्तमी है तथा द्वितीयेश व लाभेश होकर कीर्ति व व्यवसाय के दशम भाव और धन के द्वितीय भाव पर दृष्टि डाल रहा है। लग्नेश केंद्र में है और दशम, एकादश तथा धन भावों की स्थिति भी उत्तम है। फलस्वरूप उन्हें कैरियर में शीघ्रता से उन्नति मिली। भाग्य भाव में चंद्र की स्थिति तथा अष्टम भाव के राजयोग से उनकी कुंडली में भाग्योन्नति और धन वृद्धि के पूर्ण संकेत हैं। धनेश व लाभेश गुरु उच्च का होकर वर्गोत्तमी है। धन भाव पर उसके कारक गुरु के अतिरिक्त चार और ग्रहों की दृष्टि के कारण अमिताभ का धन भाव विशेष बलवान हो गया है।
गुरु ग्रह ओजस्विता का कारक और वाणी भाव का स्वामी होकर उस पर दृष्टि डाल रहा है। वाणी के द्वितीय भाव का स्वामी तथा कारक बुध दोनों ही उच्चराशिस्थ होकर वाणी के भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इस भाव पर कुल पांच ग्रहों की दृष्टि होने के फलस्वरूप वह वाकपटुता हैं और उनकी वाणी अत्यंत ओजस्वी है। बुद्धि के पंचम भाव का स्वामी, पंचम भाव का कारक व बुद्धि का कारक उच्चराशि में है, पंचम से पंचम भाव में चंद्र स्थित है तथा बुद्धि को ओजस्विता व बल प्रदान करने वाला गुरु उच्चराशि का होकर वर्गोत्तमी भी है। इस ग्रह योग ने अमिताभ को बुद्धिमान बनाया। पंचम भाव की उत्तम स्थिति पूर्ण संतान सुख की द्योतक है।
अष्टम भाव का राजयोग होने के कारण तथा अभिनय के कारक बुध की उच्च स्थिति और द्वितीय, पंचम, नवम व एकादश के कारक गुरु के वर्गोत्तमी होने के फलस्वरूप उन्हें अभिनय के क्षेत्र में उच्च कोटि की सफलता मिली। अष्टम भाव के राजयोग के फलीभूत होने की आवश्यक शर्त पंचम भाव की उत्तम स्थिति होती है। अमिताभ की कुंडली में यह शर्त भी पूरी हो रही है। कैरियर में श्रेष्ठ सफलता के लिए राजयोग तथा लग्नेश व धन भाव का उत्तम होना आवश्यक होता है। इनकी कुंडली में ये सभी शर्तें पूरी हो रही है। पंचम भाव से पूर्व जन्म के पुण्यों का विचार किया जाता है। जिस जातक की कुंडली में पंचम भाव की स्थिति उत्तम नहीं होती, उसे भाग्य के क्षेत्र में रुकावटों का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त पंचम भाव नवम से नवम होने के कारण भाग्य को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
नवमस्थ चंद्र को भाग्य का विशेष कारक माना जाता है। चंद्र से गुरु की केंद्र में स्थिति गजकेसरी योग का निर्माण कर रही है। इस प्रकार पंचम भाव व पंचम भाव के कारक ग्रहों की श्रेष्ठ स्थिति ने इनके भाग्य के द्वार खोल दिए। फलित के सुप्रसिद्ध ग्रंथ होरा शतक के अनुसार शुक्र बारहवें भाव में, बारहवीं राशि (अर्थात् मीन) तथा स्वराशियों से बारहवीं राशियों अर्थात् मेष व कन्या में सर्वश्रेष्ठ फल देता है।
इसके अनुसार इनके शुक्र को भी कुल मिलाकर श्रेष्ठ ही कहा जाएगा।
वर्तमान में इनकी शुक्र महादशा में चंद्र की अंतर्द्शा प्रभावी है। गोचर में इस समय गुरु वृश्चिक राशि में कर्म भाव पर गोचर कर रहे हैं, यहां से गुरु द्वितीय भाव और चतुर्थ भाव दोनों भावों को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं। चतुर्थ भाव पर गुरु की शुभता इन्हें नए अवार्ड्स से सम्मानित करा रही है। नवम्बर 2019 में गुरु धनु राशि पर गोचर कर इनकी आय, उन्नति, सम्मान और सफलता में चार चांद लगायेंगे।
2020 में गुरु-शनि का मकर राशि में गोचर करना स्वास्थ्य और व्ययों के लिए प्रतिकूल कहा जा सकता है। जब-जब गुरु-शनि मकर राशि में रहेंगे, उस समय इनका स्वास्थ्य खराब रहेगा। अतिरिक्त सावधानी रखना श्रेयष्कर रहेगा। मकर राशि में शनि का गोचर इनके लिए विशेष कष्टकारी सिद्ध हो सकता है, क्योंकि शनि लग्नेश होकर द्वादश भाव पर गोचरस्थ होंगे। द्वादश भाव में लग्नेश की स्थिति स्वास्थ्य की हानि की सूचक है। इसके साथ ही शनि इस समय जन्मराशि से चतुर्थ भाव पर होने के कारण इस समय इनकी शनि की ढैय्या भी रहेगी। जन्मराशि से चतुर्थ पर शनि हृदय में पर कष्ट दे सकता है। अतः सावधानी बनाए रखें।
हम जहां खडे़ होते हैं लाइन वहीं से शुरु होती है...
अमित जी का मशहूर डायलाॅग आज बच्चे-बच्चे की जुबां पर है। इन्हें लोग बिग बी, एंग्री यंग मैन, शहंशाह, अमित, एबी सीनियर, वन मैन इंडस्ट्री, सुपरस्टार, महानायक और अमित जी के नाम से जानते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध, सामाजिक मुद्दों में मदद करने के लिए सक्रिय, जनता के साथ अच्छी तरह से जुड़ना, इनके व्यक्तित्व की खास विशेषता है। भारत सरकार ने बच्चन को 1984 में पद्म श्री, 2001 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से कला में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। बच्चन एक सदाबहार बहुमुखी अभिनेता हैं।