क्यों नहीं रुकती मां लक्ष्मी
क्यों नहीं रुकती मां लक्ष्मी

क्यों नहीं रुकती मां लक्ष्मी  

संजय बुद्धिराजा
व्यूस : 5620 | नवेम्बर 2015

‘‘बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपईया’’ - यह कहावत आज कलयुग में सौ प्रतिशत सच साबित हो रही है। प्रत्येक मानव किसी न किसी प्रकार से धन की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश में लगा रहता है कि उसके घर में धन-दौलत का स्थायी वास हो जाय। इसके लिये वह अपनी बुद्धि अनुसार सुकर्म या कुकर्म भी करता है, विभिन्न ज्योतिषीय उपाय भी करता है, परंतु क्या इस प्रकार से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं। इस बारे में प्राचीन भारतीय पुराणों में लिखा है कि एक बार भगवती लक्ष्मी ने देवराज इंद्र को बताया था - ‘‘मुझे वैसे तो मेरे निवास स्थान से कोई नहीं हटा सकता लेकिन मैं स्वयं उन घरों को छोड देती हूं या वे घर धीरे-धीरे मेरी कृपा से वंचित होने लगते हैं जहां मुझे नागवार गुजरने वाली कुछ बातें होती रहती हैं। इस प्रकार मेरे वहां से चले जाने पर आठ देवियां यानि आशा, धृति, स्वधा, स्वाहा, श्रद्धा, शान्ति, समृद्धि व जया भी चली जाती हैं जिस कारण उस घर में कलह, दरिद्रता, अशान्ति व असंतोष जैसी अनेक विपत्तियां वास करने लगती हैं।’’ माँ लक्ष्मी की कृपा को रोकने वाली कुछ नागवार बातें कौन-कौन सी हैं, आईये चर्चा करते हैं:

सूर्य से संबंधित

- जब किसी घर के सदस्य सूर्योदय के पश्चात बिस्तर से उठते हैं और सूर्योदय के पश्चात ही मल त्याग करते हैं।

- जब घर के सदस्यों द्वारा स्नान के पश्चात सूर्य को जल नहीं दिया जाता।

- जब घर के सदस्य दिन के समय सूर्य की ओर मुख कर लघुशंका करते हैं।

- जब घर के सदस्यों द्वारा सूर्याेदय के समय या संध्याकाल में भी शयन किया जाता है।

परिवार के सदस्यों से संबंधित

- जब परिवार के छोटे सदस्य अपने से बड़ों को नित्य प्रणाम नहीं करते बल्कि अपने गुरु, अतिथि आदि का उपहास उड़ाते हैं।

- जहां घर में किसी स्त्री का तिरस्कार, दुव्र्यहार किया जाता है या मारा पीटा जाता है।

- जहां परिवार के बुजुर्गों को भोजन करवाये बिना आप अकेले भोजन कर लेते हैं।

- जहां किसी घर में घर के वृद्ध माता-पिता का पालन-पोषण नहीं किया जाता व अनादर होता है।

- जब किसी घर की बहू अपने सास-ससुर आदि बड़ों का मान-सम्मान नहीं करती व उन पर शासन करती है।

- जहां किसी घर में कमाने वाले पुरुष अपनी आय को शराब, जुए आदि व्यसनों में गंवा देते हैं और परिवार का उचित लालन-पालन नहीं करते।

- जहां किसी घर में परिवार की स्त्रियां फैशन के वशीभूत होकर अपने केश कटवाती हैं और अर्धनग्न वस्त्र पहनती हैं।

घर से संबंधित

- जहां किसी घर में झाडू़-पोछा आदि लगाकर नित्य साफ सफाई नहीं की जाती।

- जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं लगाया जाता या लगाकर उसकी नित्य पूजा नहीं की जाती।

- जिस घर में अतिथि को भोजन नहीं कराया जाता बल्कि उसके आने पर नाराजगी जाहिर की जाती है।

- जिस घर में मकड़ी के जाले हटाये नहीं जाते हैं या दीवारों की टूट-फूट ठीक नहीं करवाई जाती है।

- जिस घर में साफ-सफाई हेतु रात को झाड़ू आदि लगाया जाता है।

- जहां किसी घर में रसोईघर के पास ही टाॅयलेट बनवा दिया जाता है।

रसोईघर से संबंधित

- जब किसी घर में रात्रि भोजन के पश्चात जूठे बर्तनों को साफ करके व्यवस्थित तरीके से नहीं रखा जाता और जूठे व अशुद्ध बर्तन रात भर रसोईघर में रखे रह जाते हंै।

- जहां किसी घर में स्वयं के भोजन से पहले अग्नि, गाय, कौए व कुत्ते के लिये कुछ भोजन नहीं निकाला जाता।

- जहां किसी घर में गृहिणी या रसोईया मन, वाणी व कर्म से पवित्र न होकर जूते, चप्पल पहन कर रसोईघर में प्रवेश कर खाना बनाते हैं।

धर्म से संबंधित

- जिस घर में पितृ श्राद्ध नहीं किया जाता।

- जिस घर में लक्ष्मी नारायण की पूजा नहीं की जाती।

- जिस घर में शंख ध्वनि नहीं की जाती।

- जहां फूंक मार कर दीपक को बुझाया जाता है।

- जिस घर में धर्म का अनादर होता है और देवी देवताओं के बारे में अपशब्द कहे जाते हैं।

- जिस घर में ब्राह्मणों को भोजन नहीं कराया जाता।

- जहां किसी घर में ईश्वर को धन्यवाद किये बिना भोजन किया जाता है।

- जिस घर में एकादशी व जन्माष्टमी पर व्रत आदि नहीं रखा जाता।

विभिन्न

- जब किसी नदी या तालाब में लघु शंका की जाती है।

- जब किसी घर में रोगी, दीन, बालक, अनाथ, दुर्बल, स्त्री व वृद्ध पर दया नहीं की जाती।

- जब किसी घर में दिन में मैथुन क्रिया की जाती है या व्यक्ति गीले पांव नग्न हो कर सोता है।

- जिस घर में सरलता, सौहार्द, क्षमा, प्रेम, सत्य, दान, दया आदि का वास नहीं होता।

- जिस घर में असंतोष, निद्रा, अविवेक, आलस्य, अप्रसन्नता, विषाद व कामना आदि रहते हैं।

- जब किसी घर में व्यक्ति अपनी गोद में बाजा लेकर बजाता है।

- जब किसी घर में टूटी हुई कंघी से बाल संवारे जाते हैं।

- जिस किसी घर के सदस्य 40 दिन से ज्यादा बाल नहीं कटवाते हैं।

- जब किसी घर के सदस्य पहले बायें पैर से पैंट आदि पहनते हैं।

- जब किसी घर के सदस्य वासना व क्रोध से भरे रहते हैं।

- जब किसी घर के सदस्य अपने दांतों से नाखून काटते या चबाते हैं तो मैं उस घर में वास नहीं करती।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.