प्रश्नः धन, संपत्ति एवं वैभव प्राप्त करने हेतु ज्योतिषए वास्तु एवं तंत्र.मंत्र के अनुभूत एवं कारगर धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें?
संसार का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी जातिए धर्म व संप्रदाय का क्यों न हो, ‘धनवान बनने एवं वैभवशाली जीवन व्यतीत करने की प्रबल इच्छा उसके हृदय में प्रतिपल.प्रतिक्षण विद्यमान रहती है। वेद.पुराण व शास्त्रों में चार पुरूषार्थ कहे गये हैं. ‘धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष’। धर्म को अर्थ खा गया, काम अर्थ में विलोपित हो गया। मोक्ष की किसी को इच्छा नहीं है। अतः ले.देकर केवल ‘अर्थ ही रह गया जिस पर गरीब, अमीर, रोगी, भोगी और योगी का भी ध्यान केन्द्रित है। ’ 
यहां यह बताना आवश्यक है कि धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों का प्रयोग क्यों किया जाए। वास्तव में हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह अधिक से अधिक धनार्जन करें। परंतु धन का जमा होना तो ‘माता महालक्ष्मी’ को प्रसन्न करके ही किया जा सकता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैदिक, मांत्रिक, यांत्रिक अनुष्ठान अत्यधिक खर्चीले होते हैं और समय भी अधिक लगता है जो करना हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं। फलस्वरूप धन प्राप्ति के लिए अंधी दौड़ लगाने के पश्चात भी निराशा का सामना करना पड़ता है। एतदर्थ आधुनिक परिस्थितियों में धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों का सरल एवं सुगम प्रयोग सभी के लिए कल्याणकारी है। 
जड़ी-बूटियों द्वारा धन प्राप्ति 
के अति सरल और चमत्कारिक 
उपाय
लंकाधिपति रावण कहता है- हे प्रिय 
मन्दोदरी ! जगजननी माता पार्वती 
ने जिन जड़ी-बूटियों के कल्प की 
महिमा के संबंध में मुझे बताया है, वह 
तुम्हें बतलाता हूं, ध्यानपूर्वक श्रवण 
करना। सर्व प्रथम उन जड़ी-बूटियों 
के गुण बताता हूं, जो धन प्राप्त करने 
में परम लाभदायक हैं।
1. ‘‘भरणी नक्षत्र’’ में ‘‘कुश’’ का 
बांदा लाकर अपने घर के पूजा 
स्थल में लाल कपड़े में लपेट कर 
रखने से आर्थिक समस्या दूर हो 
जाती है।
2. ‘‘मृगशिरा नक्षत्र’’ में ‘‘केले’’ के 
पत्ते का एक छोटा सा टुकड़ा 
पीले कपड़े में लपेटकर ताबीज 
की तरह बनाकर पीले धागे में 
गले या दायीं बाजू में धारण करने 
से धन प्राप्ति के अवसर प्राप्त 
होते हैं साथ ही मान-सम्मान 
और यश-प्रतिष्ठा में भरपूर वृद्धि 
होती है।
3. ‘‘पुष्य नक्षत्र’’ में रविवार के दिन 
‘श्वेतार्क’’ (सफेद अकौआ) की 
जड़ विधिपूर्वक लाकर सफेद 
वस्त्र में लपेटकर दाहिनी भुजा 
में धारण करने से धन प्राप्ति के 
अवसर प्राप्त होते हैं।
4. ‘‘अश्लेषा नक्षत्र’’ में ‘‘बरगद’’ 
(वटवृक्ष) का पत्ता लाकर लाल 
वस्त्र में लपेट कर तिजोरी, कैश 
बाॅक्स या रूपये-पैसे रखने के 
स्थान पर रखने से धन घर में 
भरा रहता है और खजाना कभी 
खाली नहीं होता। इसे अन्न के 
स्थान में रखने से घर में अन्न 
की कमी कभी नहीं होती है।
5. ‘‘मघा नक्षत्र’’ में ‘‘पारिजात’’ (हर 
शृंगार) का बांदा लाकर पीले 
वस्त्र में लपेटकर पूजा स्थल पर 
रखने से धन का लाभ होता है।
6. ‘‘शतभिषा नक्षत्र’’ में लाल रंग की 
‘‘घुंघची’’ (रत्ती जिससे स्वर्णकार 
स्वर्ण की तौल करते हैं) की जड़ 
लाकर लाल वस्त्र में रखकर गले 
या दायीं बाजू में धारण करने से 
धन-वृद्धि के साथ समस्त कार्यों 
में भी सफलता प्राप्त होती है।
7. ‘‘सूर्य या चंद्र ग्रहण’’ के समय 
‘‘शंखपुष्पी’’ की जड़ लाकर घर 
के पूजा स्थल पर रखने से धन 
में पूर्ण वृद्धि होती है तथा धन 
प्राप्ति के अवसर भी प्राप्त होते 
हैं।
8. माता महालक्ष्मी के चित्र या 
प्रतिमा पर 41 दिन तक आंवला 
फल प्रसाद रूप में चढ़ायें तथा 
लगातार 41 दिन तक आंवलावृक्ष 
की जड़ में जल चढ़ायें।
9. ‘‘पीपल वृक्ष’’ की जड़ में प्रतिदिन 
दूध, शक्कर या गुड़ मिश्रित जल 
चढ़ाएं।
10. ‘‘सहदेवी पौधे की जड़’’ को 
किसी भी शुभ मुहूर्त में लाकर 
लाल वस्त्र में लपेट कर गले या 
बाजू में धारण करने से दरिद्रता 
का नाश होता है तथा तांत्रिक 
बाधाएं भी दूर होती हैं और धन 
की प्राप्ति होती है।
11. सोमवार के दिन ‘‘एकाक्षी 
नारियल’’ घर के पूजा स्थल पर 
स्थापित करने से धन प्राप्ति के 
रास्ते खुलते हैं।
12. ‘‘निर्गुण्डी की जड़’’ पीली सरसों 
के साथ पीले वस्त्र में बांधकर 
दुकान या व्यवसाय स्थल 
पर लटकाने से व्यवसाय में 
चमत्कारिक सफलता प्राप्त होती 
है। 
13. ‘‘तुलसी’’ का पौधा घर में 
लगाकर प्रतिदिन प्रातः स्नानादि 
कर उस पर जल चढ़ायें तथा 
सुगंधित धूप जलायें तथा शाम 
को भी शुद्ध होकर घी का दीपक 
जलाकर धूप जलाएं।
14. अशोक, अनार, आम, गूलर, 
पीपल, बरगद आदि वृक्षों में किसी 
का बांदा शुभमुहूर्त में लाकर धन 
स्थान में रखने से धन की वृद्धि 
होती है।
15. जिस वृक्ष पर चमगादड़ों का 
स्थाई निवास हो उस वृक्ष की 
एक छोटी सी टहनी रविवार को 
तोड़कर कपड़े में लपेटकर अपने 
व्यवसाय की गद्दी के नीचे रखें 
या कुर्सी से बांध दें तो धन के 
साथ-साथ व्यवसाय में वृद्धि 
होगी।
16. हरिद्रा अर्थात् हल्दी कई प्रकार 
की होती है। एक हल्दी खाने के 
काम आती है व चोट लगने तथा 
औषधीय रूप में प्रयोग होती है। 
ये सभी पीले रंग की होती हैं और 
पवित्रता का तत्व सभी में होता 
है। इन्हीं हल्दियों में से काली 
हल्दी भी प्राप्त होती है। यह 
अगर किसी को प्राप्त हो जाये तो 
समझना चाहिए कि लक्ष्मी प्राप्त 
करने का एक श्रेष्ठ देवी साधन प्राप्त हो गय है
17. दूर्वा अर्थात् दूब। यह एक प्रकार 
की घास होती है। श्री गणेश 
भगवान को यह अत्यंत प्रिय 
है। कोई भी व्यक्ति इस उपाय 
को शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार 
से प्रारंभ कर सकता है। प्रातः 
स्नानादि से निवृत्त होकर श्री 
गणेश जी के चित्र या प्रतिमा के 
समक्ष धूप-दीप जलाकर गुड़ का 
भोग लगायें और 108 दूर्वादल 
श्री गणेश जी के चरणों में अर्पित 
करें। यह क्रिया 41 दिन लगातार 
करें। इसके पश्चात धन उपार्जन 
के कार्य हेतु कहीं जायें तो चित्र 
या प्रतिमा पर अर्पित दूर्वादलों में 
से 9 दूर्वादल प्रसाद स्वरूप लाल 
वस्त्र में लपेटकर अपनी जेब में 
रख लें। यह उपाय धनोपार्जन एवं कार्य सिद्धि की अद्भुत एवं 
चमत्कारिक कुंजी है।
18. पीपल के पŸो पर ‘‘राम’’ लिखकर 
उस पर कोई मिष्टान्न रखकर 
श्रीहनुमान मंदिर में चढ़ाने से धन 
लाभ होता है।
19. किसी भी मास के प्रथम शुक्रवार 
को लाल कमल का पुष्प लाकर 
कुमकुम से तिलक लगाकर लाल 
वस्त्र के ऊपर रखकर धूप-दीप 
दिखाकर उसी वस्त्र में लपेटकर 
धन स्थान पर रखने से धन वृद्धि 
होती है।
20. ‘‘अशोक वृक्ष’’ की जड़ का टुकड़ा 
लाकर पूजा स्थल में रखकर नित्य 
धूप-दीप करने से धन सम्पत्ति
की प्रचुरता रहती है।
शंख तंत्र द्वारा धन प्राप्ति के 
उपाय:
1. माता लक्ष्मी जी के चित्र या प्रतिमा 
के दोनों चरण शंख में जलभर कर 
धोयें और उनके समक्ष दीप व धूप 
जलाकर नमस्कार करें।
2. ‘‘दक्षिणावर्ती’’ शंख पूजा स्थल 
में स्थापित कर नित्य धूप-दीप 
जलायें।
3. नित्य प्रातः स्नानादि से निवृत्त 
होकर शंख में जल भरकर तुलसी 
वृक्ष की जड़ में चढ़ायें साथ ही 
धूप जलाकर नमस्कार कर एक तुलसी का पŸाा तोड़कर प्रसाद 
समझकर मुख में डाल लें।
4. माह के प्रथम शुक्रवार को एक 
‘‘मोती’’ शंख में चांदी का एक 
सिक्का रखकर उसमें साबुत 
चावल भर दें फिर लाल कपडे़ 
पर रखकर रोली व केसर का 
तिलक करें तथा कमलगट्टे की 
माला से ‘‘ऊँ श्रीं श्रिययै नमः’’ 
मंत्र का यथाशक्ति जाप करें। इस 
प्रकार लगातार 5 शुक्रवार तक 
जप करें। अंतिम दिन किसी कन्या 
को भोजन करायें। दक्षिणा देकर 
विदा करें फिर उस शंख को उसी 
लाल वस्त्र में लपेटकर धन स्थान 
पर रख दें। आर्थिक अस्थिरता से 
मुक्ति मिलेगी।
5. माह के प्रथम रविवार को सायंकाल 
मोती शंख में चांदी का सिक्का 
डालकर उसमें जलभर दें अगले 
दिन सोमवार को प्रातः उठते 
ही वह जल पी लें। इस उपाय 
से चंद्र की अनुकूलता के साथ 
माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। 
जिनकी पत्रिका में चंद्र प्रतिकूल 
हो वह भी इस उपाय से लाभ उठा 
सकते हैं।
कौड़ी तंत्र द्वारा धन प्राप्ति के 
उपाय:
1. गुरुवार या रविवार के पुष्य नक्षत्र 
में हल्दी से रंगकर 21 कौड़ियां 
पीले वस्त्र में बांधकर धन स्थान 
पर रखने से धन की स्थिरता 
बनी रहेगी।
2. किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के 
प्रथम गुरुवार या रविवार को 21 
कौड़ी तथा 11 गोमती चक्र पीले 
वस्त्र पर रख हल्दी से तिलक 
करें व धूप-दीप दिखाकर उसी 
वस्त्र में बांधकर पूजा स्थल पर 
रखने से माता लक्ष्मी की सदैव 
कृपा बनी रहती है।
3. सात पीली कौड़ी अपने गल्ले या 
तिजोरी में रखने से आय में वृद्धि 
होती है।
काले चावल द्वारा धन प्राप्ति:
ये चावल किसी भी प्रजाति के हो 
सकते हैं। सफेद चावलों में ही 
कभी-कभी काले चावल के कुछ दाने 
भी आ जाते हैं। यदि यह आपको 
प्राप्त हो जाये तो विधानपूर्वक इनकी 
पूजा कर धूप-दीप दिखाकर अपने 
पास रखें। जब आवश्यकता हो तो 
निम्न उपाय करें:
1. काले चावलों को लाल वस्त्र में 
धन स्थान पर रखने से आर्थिक 
अस्थिरता दूर होकर धन वृद्धि 
होती है।
2. आर्थिक समृद्धि चाहने वाले किसी 
भी मास के प्रथम शुक्रवार को 
लाल या पीले रेशमी वस्त्र में कुछ 
काले चावल के दाने, 7 काली 
हल्दी की गांठ, 7 गोमती चक्र 
तथा 11 पीली कौड़ी बांधकर धन 
स्थान पर रख दें। इस उपाय 
से आपके निवास में माता लक्ष्मी 
स्थायी रूप से निवास करेंगी।
हत्था जोड़ी का प्रयोग:
यह कुश वृक्ष की जड़ में प्राप्त होती 
है। इसकी आकृति हाथ के पंजे जैसी 
होती है। दिखने में ऐसा लगता है 
जैसे हाथ के दो पंजों को मुट्ठी 
का रूप देकर कलाई की तरफ से 
जोड़कर एक साथ कर दिया गया है।
किसी शुभ मुहूर्त में इसे प्राप्त करें 
तथा लाल रेशमी वस्त्र में सिंदूर, 11 
साबुत लौंग और हत्था जोड़ी के साथ 
धन स्थान पर रख दें। धन वृद्धि 
के साथ गुप्त शत्रुओं तथा तांत्रिक 
बाधाओं से मुक्ति मिलती है।।
उल्लू के नाखून द्वारा धन प्राप्ति:
किसी भी शुभ समय में उल्लू का 
नाखून या नाखून सहित पंजा प्राप्त 
करें व लाल रेशमी वस्त्र में लपेटकर 
धूप-दीप दिखाकर अलमारी में रखने 
से मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त 
होगी।
ऊँट कटैला का धन प्राप्ति में 
प्रयोग:
यह पौधा राजस्थान में पाया जाता 
है। कांटे वाला यह पौधा ऊँटों के 
द्वारा बड़े चाव से खाया जाता है। 
शायद इसी कारण इसका नाम ऊँट 
कटैला रखा गया।
‘‘पूर्वा फाल्गुनी’’ नक्षत्र में विधि पूर्वक 
आमंत्रित कर लाल वस्त्र में लपेटकर 
घर लाएं व धूप-दीप अर्पित कर 
लाल वस्त्र में लपेटकर धन स्थान 
पर रखने से आर्थिक वृद्धि होती है।
अश्वजिह्वा द्वारा प्राप्ति:
जब घोड़ी का प्रसव होता है तो 
उसकी जीभ का अगला भाग स्वतः 
टूट कर गिर जाता है। जो इसको 
प्राप्त कर लेता है उसकी किस्मत ही 
बदल जाती है। यह बिल्ली की जेर 
की तरह ही दुर्लभ है।
किसी शुभ समय में इसे अभिमंत्रित 
करवाकर इस पर हल्दी लगाकर चांदी 
की डिब्बी में रख दें फिर धूप-दीप 
अर्पित करें तथा मां लक्ष्मी से प्रार्थना 
करते हुए धन स्थान पर रख दें। मां 
लक्ष्मी का स्थायी वास होगा।
यंत्रों द्वारा प्राप्ति:
1. धन वृद्धि यंत्र: 
इस यंत्र को आलू के रस में 
लिखकर (कागज, भोजपत्र) ‘‘ऊँ लं 
सं पं दं बं नं नमः’’ मंत्र से अभिमंत्रित 
कर धूप-दीप दिखाकर पूजा स्थल 
पर सुरक्षित रूप से रखें व नित्य 
सुबह-शाम धूप-दीप दिखायें। माता 
लक्ष्मी प्रसन्न होंगी व धन की कमी 
नहीं रहेगी।
2. श्री कुबेर यंत्र: 
इस यंत्र को शुद्ध घी में सिंदूर 
मिलाकर व्यापार स्थल की दीवार 
तथा धन स्थान पर रखने वाली जगह 
पर लिखें। रोजाना धूप-दीप जलायें। 
व्यापार की व धन की प्रतिदिन वृद्धि 
होगी। भोजपत्र पर लिखकर दायीं 
भुजा पर धारण करने से आयु की 
वृद्धि होगी।
3. धन प्राप्ति यंत्र: 
इस यंत्र को शुक्ल पक्ष के प्रथम 
गुरुवार से केसर की स्याही से 
भोजपत्र के ऊपर प्रतिदिन 125 की 
संख्या में लिखें। 40 दिन में 5000 
हो जायेंगे। 41वें दिन एक यंत्र को 
छोड़कर जो अंतिम दिन अंतिम बार 
बनाया हो शेष को बहते जल में 
प्रवाहित करें व एक यंत्र को चांदी के 
ताबीज में भरकर धूप-दीप दिखाकर 
गले या दायीं भुजा में धारण करें तो 
आजीवन आश्चर्यजनक रूप से धन 
प्राप्त होता रहेगा तथा जीवन में कभी 
भी धन की कमी न होगी।
4. स्वास्तिक बीसा यंत्र यंत्र: 
इस यंत्र को सफेद कागज या 
भोजपत्र पर लाल स्याही से लिखकर 
घर के पूजा स्थल या व्यापार स्थल 
पर रखकर पुष्प, धूप-दीप अर्पित कर 
‘‘ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरी स्वाहा’’ मंत्र 
का एक माला नित्य जाप करने से 
लक्ष्मी की प्राप्ति व हर मनोकामना 
पूर्ण होती है। मान-सम्मान बढ़ता है।
5. महालक्ष्मी बीसा यंत्र: 
इस यंत्र को सफेद कागज पर 
केसर से लिखकर तांबे के ताबीज 
में डालकर ‘‘ऊँ ह्रीं श्रीं नमः’’ मंत्र 
से अभिमंत्रित कर धूप-दीप दिखाकर 
अपने पास रखें तो धन प्राप्ति के 
साथ मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
6. धनप्रद भाग्योदयकारी यंत्र: 
 इस यंत्र को दुकान या 
मकान के पूजा घर की दीवार पर 
शुद्ध घी और सिंदूर मिलाकर लिखें व 
पंचोपचार पूजा करें तथा एक माला 
‘‘ऊँ श्रीं लक्ष्मी दैव्ये नमः’’ का रोजाना 
जाप करने से कर्ज से मुक्ति, व्यापार 
वृद्धि, धन वृद्धि होकर सारे सुख प्राप्त 
होते हैं।
7. लक्ष्मी प्राप्ति व व्यापारवर्धक 
यंत्र: 
उपरोक्त यंत्र क्रः 7/8 को रवि 
पुष्य में केसर, लाल चंदन, कुमकुम से 
या अष्टगंध से लिखकर (लिखने हेतु 
भोजपत्र) ‘‘ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै 
नमः’’ का जाप करने से दिनों दिन 
धन की वृद्धि होती है तथा धन की 
कमी नहीं होती है।
8. मनोकामना यंत्र: 
(कलम अनार की) कांच के फ्रेम 
में मंढ़वाकर घर या दुकान के पूजा 
स्थल पर स्थापित करें व नित्य एक 
माला लक्ष्मी मंत्र ‘‘ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं 
महालक्ष्म्यै नमः’’ का जाप करने से 
दिनों दिन धन की वृद्धि होती है तथा 
धन की कमी नहीं होती है।
9. धन प्राप्त करने हेतु बीसा यंत्र: 
इस यंत्र को सफेद कागज या 
भोजपत्र पर केसर की स्याही से 
लिखकर तांबे के ताबीज में भरकर 
‘‘ऊँ क्लीं श्रीं धनं कुरु कुरु स्वाहा’’ 
मंत्र से अभिमंत्रित कर धूप-दीप 
दिखाकर अपने गले में धारण करें 
व उपरोक्त मंत्र की एक माला जाप 
नित्य करें।
10. आजीविका व धन प्राप्ति का 
बीसा यंत्र: 
इस यंत्र को मंगलवार या गुरुवार 
को भोजपत्र पर केसर से लिखकर 
(अनार की कलस से) धूप देकर तांबे 
के ताबीज में डालकर दाहिनी भुजा 
में धारण करने से नौकरी व धन प्राप्त 
होता है।
11. लक्ष्मी प्राप्ति का अमोघ 
चैंतीसा लक्ष्मी यंत्र: 
इस यंत्र को केशर की स्याही 
से अनार की कलम से भोजपत्र पर 
गुरु या रवि पुष्य में लिखें तथा फ्रेम 
करवाकर दुकान या घर के पूजा 
स्थल में स्थापित कर नित्य धूप-दीप 
कर ग्यारह माला ‘‘ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं 
परमेश्वरी स्वाहा’’ मंत्र का जाप करें 
या तांबे के ताबीज में डालकर गले में 
धारण करने से सम्पत्ति, व्यापार, यश 
मान-प्रतिष्ठा में दिनों दिन बढ़ोŸारी 
होगी।
12. लक्ष्मी प्राप्ति का बीसा यंत्र:
इस यंत्र को केसर से भोजपत्र पर 
लिखकर अपने पर्स, पूजा स्थान, 
तिजोरी या कैश बाॅक्स में रखने से 
कभी धन की कमी नहीं होगी।
सुख-समृद्धि व मान-सम्मान 
दिलाने वाले अचूक उपाय:
-  शुक्रवार, गुरुवार व मंगलवार को 
भूलकर मांस-मंदिरा का सेवन न 
करें।
-  गृहस्वामिनी प्रातः उठकर एक 
लोटा शुद्ध जल से पूरे घर में 
छींटे मारें व शेष जल घर के 
मुख्य प्रवेश द्वार पर डाल दें।
-  परिवार की मुख्य स्त्री बिना स्नान 
किए भोजन न बनाये।
-  गेहूं हमेशा सोमवार या शनिवार 
को पिसवाएं और इससे पूर्व गेहूं 
में गृहस्वामी से एक मुट्ठी काले 
चने डलवाएं।
-  प्रतिदिन भोजन बनते ही पहले 
अग्नि देव को भोग लगायें, प्रातः 
भोजन की प्रथम रोटी गाय को 
तथा सायं की अंतिम रोटी कुŸो 
को खिलाएं।
-  भोजन की प्रथम थाली सदैव देवों 
को अर्पित करें उसके पश्चात् ही 
परिवार वाले भोजन करें।
-  प्रतिदिन स्नानादि से निवृत्त 
होकर एक लोटा जल पीपल वृक्ष 
की जड़ में डालें।
-  स्नान किए बिना भोजन न करें। 
अगर ऐसा करते हैं तो दरिद्रता 
को आने से कोई रोक नहीं 
सकता।
-  कोई वस्तु दान करें तो दान लेने 
वाले को घर या प्रतिष्ठान के 
प्रवेश द्वार के अंदर न आने दें, 
दान प्रवेश द्वार के बाहर ही करें।
-  माता लक्ष्मी को लाल रंग पसंद है 
अतः घर में रुई की जगह मौली 
(कलावा) की बाती इस्तेमाल 
करें।
-  यदि कोई अतिथि पूजा या अर्चना 
के समय आये तो उसे जलपान 
अवश्य करवाएं।
-  पूजा-अर्चना के समय उधार 
मांगने वाले को बिल्कुल न दें। 
यदि किसी को भुगतान करना है 
तो पूजा-अर्चना के बाद ही करें।
-  सप्ताह में किसी भी एक दिन 
किसी वृद्ध या अपाहिज भिखारी 
को भोजन कराएं।
-  जिस स्थान पर कलह-क्लेश 
होता है, वहां लक्ष्मी का वास 
नहीं होता।
-  यदि घर की महिलाओं को 
सम्मान नहीं दिया जाता है तो 
मां लक्ष्मी उस घर से रुष्ट होकर 
प्रस्थान कर जाती हैं।
-  शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की 
पूजा-अर्चना अवश्य करनी 
चाहिए। यदि शुक्रवार के दिन 
कोई सौभाग्यशाली महिला आपके 
घर आती है तो उसे जलपान 
अवश्य करायें व कोई भी सौभाग्य 
सामग्री उसे प्रदान करें।
-  शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी 
को अर्पित कोई सफेद प्रसाद 
कन्याओं में बांटने से मां लक्ष्मी 
की कृपा अवश्य होती है।
-  घर के झाडू-पोछे को ऐसे स्थान 
पर रखें जहां किसी बाहरी व्यक्ति 
को दिखाई न दे।
-  प्रत्येक अमावस्या को घर की 
साफ-सफाई कर कबाड़ा बाहर 
फेक दें।
-  धन रखने के स्थान पर लाल 
कपड़ा बिछायें, धन संचय 
होगा।