धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों में धन लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्रों का महत्व सर्वाधिक है। इसलिए इस लेख में दिये गये धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों में मंत्र व इसके जप की विधि को समझाया गया है।
आकस्मिक धन प्राप्ति प्रयोग:
आप यदि आकस्मिक धन प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय आप बुधवार को प्रारंभ कर सकते हैं। बुधवार की रात्रि उत्तराभिमुख होकर, पीले वस्त्र धारण कर और पीले आसन पर बैठकर लक्ष्मी जी का चित्र अपने सम्मुख रखें। फिर सियार सिंगी को किसी तांबे के पात्र में रखें तथा केसर का तिलक करें और तिल/ देशी घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर दिखाएं, धूप दिखाएं श्वेत फूल माला अर्पित करें तथा सफेद खोए के लड्डू या बर्फी का भोग लगाएं। तदुपरांत स्फटिक की माला से निम्न मंत्र का जाप 21 माला करें।
मंत्र - ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं स्वर्णावती मम् गृहे आगच्छ आगच्छ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ऊँ नमः।
यह प्रयोग तीन दिनों तक करें। अब उस सियारसिंगी को एक डिब्बी में बंद कर पूजा-गृह/कैश-बाक्स या तिजोरी में रख लें।
व्यापार वृद्धि के लिए:
यदि आप व्यापारी हैं अथवा व्यापार प्रारंभ करना चाहते हैं, तो आपको अपने व्यापार में वृद्धि तथा स्थाई आय व लाभ के लिए यह प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इसका प्रयोग आप व्यापार में आने वाली समस्त बाधाओं को दूर करने और व्यापार वृद्धि के श्रोत बढ़ाने हेतु अवश्य प्रयोग करें। यह तीस दिनों का प्रयोग है तथा इसे शुक्ल पक्ष के बुधवार को प्रारंभ कर सकते हैं।
दैनिक क्रिया से निवृत होकर प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व पीले वस्त्र धारण कर व पीले आसन पर बैठकर कनकावती यंत्र को चांदी के पात्र में रखकर केसर का तिलक करें, धूप-दीप सामने रखें, सफेद फूल तथा सफेद मिठाई अर्पित करें तथा स्फटिक की अभिमंत्रित माला द्वारा निम्न मंत्र का जाप ग्यारह माला करें। यह एक अति शक्तिशाली मंत्र है।
ऊँ द्रारिद्र्य विनाशिनी अष्टलक्ष्मी कनकावती सिद्धि देहि देहि नमः।
यह जप कम से कम तीस दिनों तक करें, तत्पश्चात् यंत्र को अपने व्यापार स्थल में स्थापित कर दें तथा प्रतिदिन धूप-दीप-फूल-माला चढ़ाकर एक माला जप अवश्य करें। व्यापार में वृद्धि होगी तथा चमत्कारी लाभ होगा तथा निरंतर उन्नति होती रहेगी।
अखंड लक्ष्मी प्राप्ति प्रयोग:
यह प्रयोग साधना मात्र तीन दिन की है, इस साधना से आपको अपने जीवन के सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होंगे। आपकी सभी कामनाओं जैसे अच्छा स्वास्थ्य, पत्नी-सुख, धन-सम्पत्ति, स्वयं का मकान, संतान-सुख, भाग्योदय, व्यापार वृद्धि, नौकरी में उन्नति आदि की पूर्ति होगी।
शुक्लपक्ष के किसी भी बुधवार को यह साधना प्रारंभ की जा सकती है। अखंड लक्ष्मी-यंत्र को स्थापित कर सर्वप्रथम यदि संभव हो तो गंगा जल या पवित्र जल से स्नान करें और फिर केसर तिलक लगाएं, सफेद फूल-माला अर्पित कर शुद्ध देशी घी का दीपक तथा धूप दिखाएं तथा खोए की मिठाई (सफेद) का भोग लगाएं। तदुपरांत स्फटिक की माला से निम्न मंत्र का जाप ग्यारह माला करें।
ऊँ ह्रीं अष्ट लक्ष्म्यै नमः।
तीन दिनों की साधना के पश्चात् यंत्र को पूजा-स्थल अथवा अपनी तिजोरी में रखें। आपको आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त होगी तथा लक्ष्मी जी अखण्डित रूप से आपके यहां निवास करेंगी।
धन लक्ष्मी प्राप्ति के उपरोक्त टोटके आपके लिए कल्याणकारी हों।