अक्सर देखा गया है जब इंसान के यहां शिशु का जन्म होता है तो जातक के जीवन में एक नये अध्याय का आरंभ होता है और उसके पालन-पोषण के बारे में उसे इतनी जानकारी नहीं होती और समय-समय पर उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इन्हीं परिस्थितियों में चल रहे हैं तो ज्योतिष शास्त्र आपकी किस तरह सहायता कर सकता है।
- अगर आपका बच्चा बिना किसी कारण रोता रहता है या अत्यधिक चैंकता है तो क्या करें? ऐसी स्थिति में आप शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को फिटकरी का एक टुकड़ा लें। उसे सफेद कपड़े में बांधकर सफेद धागे में पिरोकर बच्चे के गले में पहनायें, बच्चे को अवश्य लाभ होगा। अगर आपका बच्चा खाना-पीना बंद कर दे व दूध तक न पीयें तो ऐसी स्थिति में क्या करें? बच्चा जो भी खाना खाता है
उस खाने को एक थाली में परोस कर व दूध लेकर बच्चे के मुंह लगवायें और 7 बार बच्चे के ऊपर से खाने व दूध को उबारते हुए ऊँ ह्रीं अन्नपूर्णे सदा पूर्ण स्वाहा का उच्चारण करते हुए खाने को किसी भी जानवर को खिला दें। आपका बच्चा धीरे-धीरे खाने-पीने लग जायेगा।
- बच्चा बार-बार बीमार होता रहता है, डाक्टरों को दिखाने के बाद भी कोई विशेष लाभ नहीं हो रहा या दवाई लग नहीं रही हो तो क्या करें? -शुक्ल पक्ष के मंगलवार को अष्टधातु का कड़ा बच्चे के नाप का, सुनार को बनवाने के लिए दें व शनिवार को लेकर अपने कड़े को गंगाजल से शुद्ध करने के उपरांत घर के मंदिर में हनुमान जी के समक्ष कड़े को रखें व एक माला जाप हनुमान चालीसा की एक चैपाई नासे रोग हरे सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा। का पाठ करें और बच्चे के ठीक होने की कामना प्रभु से करें व वह कड़ा बच्चे के दायें हाथ में डाल दें। यह प्रक्रिया तिल के तेल का दीपक जलाकर रात्रि 11 बजे से 1 बजे के बीच में करें।
- अगर बच्चे को दूध हजम नहीं हो रहा हो तो क्या करें? ऐसी स्थिति में दूध को बच्चे को पिलाने से पहले कुछ समय के लिए घर में बने मंदिर में रखने के उपरांत बच्चे को पिलायें। इससे बच्चे को दूध हजम हो जायेगा व बार-बार उल्टी नहीं करेगा।
- बच्चे के जन्म उपरांत कई बार बच्चे की माता को अत्यधिक कष्ट झेलना पड़ता है व तवीयत भी लगातार खराब होती जाती है तो ऐसी स्थिति में क्या करें? पेड़े व बताशे लेकर बच्चे का हाथ लगवाकर किसी भी स्कूल में जा कर बच्चों में बांटें। मां बच्चे के स्वास्थ्य में अवश्य लाभ होगा।
- अगर बच्चे को नजर लगी प्रतीत हो रही हो तो क्या करें? एक फिटकरी का टुकड़ा लें, बच्चे के ऊपर से 7 बार उबारें व उसे बायें हाथ से कूटते हुए उसका चूर्ण बना दें व उसे (चूर्ण को) गंदे नाले में प्रवाहित कर दें। - डंडी वाली 7 लाल मिर्च व कुछ राई के दाने बच्चे के ऊपर से 7 बार उबारें और उसे जला दें। ऐसा करने से भी नजर दूर होती है।
अगर बच्चे के जन्म उपरांत माता-पिता को बार-बार कष्ट व समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो क्या करें? शनिवार की रात को माता अपने बच्चे के सिर से चोटी वाले स्थान से कुछ बाल लेकर उसे दीये की लौ से जला दें। माता-पिता को होने वाले कष्ट व समस्याओं से अवश्य छुटकारा मिलेगा।