इस लेख में लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके दिये गये हैं। शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के उपाय उल्लिखित हैं, जिनसे ऐश्वर्य व स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। इन उपायों में लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके सर्वाधिक सरल उपाय माने जाते हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति बड़ी सहजता से कर सकता है। निम्नांकित लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों में धन लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्रों के जप को यथोचित स्थान प्राप्त है।
यह धारणा लोगों के मन में स्थायी
रूप से घर कर गई है कि
लक्ष्मी चंचला है, एक जगह स्थायी
रूप से रूकती नहीं पर सत्यता
इसके विपरीत है। ऐसा अकर्मण्य,
श्रम से बचने वाले, उत्तरदायित्वों से
विमुख रहने वालों ने- स्थापित करने
की कोशिश की है, लक्ष्मी का अपने
घर में सदैव वास रखने के लिए
आपको ईमानदारी से कठोर श्रम
करना होगा, तभी प्रत्येक उपाय या
प्रयोग सफल होंगे।
प्रयोग 1
व्यापार-दुकान में होने वाली हानियों
के लिए, आप मंगलवार के दिन
घर से वायव्य दिशा (उत्तर-पश्चिम
कोना) में पड़ने वाले या दक्षिणामुखी
हनुमान-प्रतिमा पर सिंदूर का चोला
चढ़ायें। कटोरे में बचे शेष सिंदूर से
तुलसी के 11 पत्तों पर एक-एक
बिंदी अंकित कर, हनुमान जी के
मस्तक पर चढ़ायें। अगरबत्ती
जलाकर संकट मुक्ति की प्रार्थना
करें और निम्न मंत्र का 108 बार
जप करें। ऐसा प्रयोग लगातार 16
मंगलवार करें-
‘‘ऊँ अंजनि सुताय
विद्महे वायु पुत्राय धीमहि, तन्नो
मारूति प्रचोदयात्’’
प्रयोग - 2
यह उपाय धन-आगमन के नए
मार्ग खोलता है, साथ ही आकस्मिक
बाधाओं से मुक्ति दिलाता है। शुक्ल
पक्ष के सोमवार को प्रातः स्नान से
निवृत्त होकर घर की पूर्व दिशा में
पड़ने वाले पीपल वृक्ष की जड़ में
मिट्टी से शिवलिंग निर्मित करें।
इस लिंग की पूजा-कच्चा दूध, दही
से स्नान कराकर, धतूरा के फल,
आक-पुष्प, बिल्व-पत्र आदि से करें।
रुद्राक्ष की माला से ‘‘ऊँ पशुपतये
नमः’’ मंत्र से 108 बार जाप करके
दरिद्रता/अभाव से मुक्ति की प्रार्थना
करें। तत्पश्चात शिवलिंग को नदी
या तालाब में विसर्जित कर दें। शेष
पूजा-सामग्री पीपल की जड़ में ही
रहने दें, यह प्रयोग लगातार 21
सोमवार करें। यदि लाभ होता स्पष्ट
दिखाई दे तो लगातार यह पूजा
करते रहें।
प्रयोग 3
यह धन-संपन्नता प्राप्ति का
प्रभावशाली उपाय है। इस उपाय को
किसी भी सोमवार से प्रारंभ कर सकते
हैं परंतु नवरात्रि में प्रभाव अधिक
रहेगा। रविवार को चार छोटे कलश
(मटकी/हांडी) खरीद कर रख लें,
सोमवार को प्रातः स्नानादि से निवृत्त
होकर किसी मंदिर में जल से भरकर,
ढंककर रख दें। इन्हें कोई छेड़े नहीं
या आप अपने पूजा स्थल या एकांत
कमरे में भी रख सकते हैं। अगले
दिन प्रातःकाल पुनः कलश खोलकर
देखें कि किस कलश में जल अधिक
है। जिन कलशों (तीन में) में जल
कम हो, उनका जल पीपल पर चढ़ा
दें। खाली कलश अलग रख दें।
पानी वाले कलश में थोड़े-से चावल,
11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी एवं अशोक
के पत्ते डालकर इसका मुंह ढक्कन
से बंद कर दें। मुंह पर लाल कपड़ा
बांध दें। कलश पर सिंदूर से ‘‘ऊँ श्री
श्रिये नमः’’ लिख दें, धूप-दीप-पुष्प
से पूजा कर 108 बार लक्ष्मी मंत्र
का जाप कमल गट्टे की माला से
करें। इसके पश्चात कलश को पूजा
स्थान या ईशान दिशा (उत्तर-पूर्व
कोण) में रख दें। नित्य धूप-दीप से
पूजा कर मंत्र जाप करें। लक्ष्मी आने
के नए-नए साधन एवं अवसर बनने
लगेंगे।
प्रयोग 4
कभी-कभी आर्थिक हानि उठानी पड़
जाती है। ऐसी स्थिति में हम किसी
परिचित से आर्थिक सहयोग मांगने
हेतु जाते हैं। हमें निश्चित धन प्राप्त
हो, उसके लिए यह प्रयोग करें।
शुक्रवार की सायं अपामार्ग (औंगा)
वृक्ष पर जल चढ़ायें। हाथ जोड़कर
अगले दिन प्रातः काल थोड़ी सी
जड़ प्राप्ति की प्रार्थना करें। अगले
दिन पुनः जल चढ़ाकर थोड़ी सी
जड़ खोद लायें। घर लाकर, धोकर,
धूप-दीप से पूजन करें। जड़ को
सफेद कपड़े में लपेट कर दायीं भुजा
में बांधकर सहायता हेतु जायें। धन
लाभ होने के बाद जड़ को नदी या
तालाब में विसर्जित कर दें।
प्रयोग 5
समस्त ग्रहों द्वारा प्रदत्त अनेकों
संकटों से हम प्रायः दुखी हो जाते
हैं। धन-परिवार-अशांति आदि का
घोर सामना करना होता है। यह
उपाय शनिवार से प्रारंभ करके 16
शनिवार तक करें। शनिवार को
मिट्टी की छोटी सी हांडी लें। इसमें
आक की जड़, अपामार्ग की जड़,़
दूब की जड़, पीपल-बरगद की जड़,
शमी (शीशम) की पत्तियां, आम एवं
गूलर की पत्तियां रख लें। इस कलश
में थोड़ा सा घी और गाय का दूध
डालें। थोड़े चावल, मूंग, गेहूं, तिल,
पीली सरसों, चंदन, शहद, कुश घास
एवं थोड़ा सा गोमूत्र मिलाकर कलश
पर ढक्कन रख दें। घी का दीपक
जलाकर पूर्व की ओर मुंह करके
बैठें। लाल चंदन की माला लेकर
निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें-
‘‘ऊँ नमो भास्कराय मम सर्वग्रहाणां
पीड़ानाशनं कुरू-कुरू स्वाहा।’’
मंत्र के पश्चात् इस कलश को
सायंकाल पीपल वृक्ष की जड़ के पास
खोदकर दबा दें। वापस आते समय
हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर बांट
दें। आपकी आर्थिक स्थिति सुधरने
का मार्ग तैयार हो जायेगा।
प्रयोग 6
धन संपत्ति में वृद्धि हेतु यह उपाय
अवश्य करें, यदि आपको भाग्य से
बरगद के वृक्ष के नीचे उगा हुआ
बरगद का पौधा मिल जाये तो
शुक्रवार के दिन मिट्टी खोदकर इस
पौधे को घर ले आयें। पंचामृत से
इस पौधे को स्नान कराकर, धूप-दीप
दें तथा ‘ऊँ नमो नारायण’ का 108
बार लाल चंदन की माला से जाप
करें। बाद में पौधे को लाल कपड़े में
लपेटकर, साथ में 11 गोमती चक्र भी
अपनी तिजोरी या अलमारी में रख
दें। प्रत्येक शुक्रवार को उक्त मंत्र
द्वारा धूप-दीप से पूजा करें। ऐसा
करने से घर में लक्ष्मी का स्थायी
वास हो जाता है।
बताये गए सभी प्रयोग अनुभूत हैं।
साथ ही आपको अपने काम के प्रति
परिश्रम और ईमानदारी पर अवश्य
ध्यान देना होगा, अन्यथा पूरी मेहनत
बेकार चली जायेगी...