नीरज ग्रोवर - न्याय की आस में
नीरज ग्रोवर - न्याय की आस में

नीरज ग्रोवर - न्याय की आस में  

शरद त्रिपाठी
व्यूस : 4755 | आगस्त 2011

नीरज ग्रोवर की कहानी भारतवर्ष की सबसे भीषण, जघन्य और चैंकाने वाली घटनाओं में एक है। उसकी हत्या बड़े ही निर्मम तरीके से करके उसके शव को तीन सौ (300) टुकड़ों में बांटना तथा यह कार्य एक महिला द्वारा किया जाना अपने आप में रोंगटे खड़े कर देने वाला कार्य है तथा उस हत्यारी महिला का तीन वर्ष बाद अदालत द्वारा मामूली सजा देकर जेल से रिहा होना भी अपने आप में भारतीय न्याय की एक अनोखी मिसाल है।

नीरज ग्रोवर का जन्म कानपुर शहर के साकेतनगर क्षेत्र में 24 फरवरी 1983 को प्रातः 10ः10 बजेे हुआ था। पिता अमरनाथ ग्रोवर व मां नीलम ग्रोवर की दो संतानों में एक पुत्र नीरज तथा पुत्री शिखा कपूर है। पिता की फोटो काॅपी की छोटी सी दुकान पर बैठने वाले नीरज के सपने बहुत बड़े थे। वह जीवन में बहुत कुछ जल्दी ही हासिल करना चाहता था तथा फिल्म जगत में नाम कमाना चाहता था। पढ़ाई समाप्त करने के बाद वह मुबंई चला गया और थोड़े संघर्ष के बाद उसकी मेहनत, सूझबूझ और भाग्य ने साथ दिया।

मुबंई के टी.वी. चैनलों में क्रिएटिव हैड के रूप में नीरज ने अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। सोनी टी.वी. पर शाहरुख खान द्वारा प्रस्तुत गेम शो (क्या आप 5वीं पास से तेज हैं), एकता कपूर के सीरियल ‘महाभारत’, की कास्टिंग टीम का हैड भी नीरज ही था। इसी तरह सफलता-दर-सफलता नीरज को मिलती जा रही थी। उन्हीं दिनों उसकी मुलाकात कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री मारिया सुसाईराज से हुई।

मारिया बालीवुड में अपना पैर जमाना चाहती थी। इसीलिए उसने नीरज से संपर्क बनाकर उससे काफी निकटता प्राप्त कर ली। मई 2008 की एक रात को मारिया ने नीरज को अपने नये फ्लैट में सामान शिफ्ट करने के लिए मदद हेतु बुलाया। दोनों रात को साथ में ही थे कि मारिया के दोस्त मैथ्यू का फोन आ गया। फोन पर मैथ्यू ने नीरज के हंसने की आवाज सुनी। यह सुनते ही उसका गुस्सा सातवें आसमान में पहुंच गया और वह रात को ही कोच्चि से फ्लाइट पकड़कर मुंबई आ गया।


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मारिया के फ्लैट पर चाकू से नीरज का गला रेत दिया। इसके बाद भी अमानवीय ढंग से नीरज की लाश के लगभग 300 टुकड़े करके एक ट्रेवल बैग में डालकर अगले दिन सुबह ठाणे के पास एक जगह ले जाकर उसमें पैट्रोल छिड़कर आग लगा दी। उसके इस पूरे काम में मारिया ने बराबर की मदद की। मारिया ने तो बाद में पुलिस स्टेशन जाकर अपने मित्र नीरज के लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज करा दी।

लेकिन मारिया द्वारा किए गये एक एस.एम.एस. और मुंबई पुलिस की सतर्कता से दोनों ही लोग जल्दी ही पुलिस की गिरफ्त में आ गये। इस घटना के लगभग तीन वर्ष बाद 01 जुलाई 2011 को नीरज ग्रोवर के केस में एक अदालत ने मारिया को मामूली सी सजा तथा मामूली जुर्माना लगाकर जेल से रिहा कर दिया। आइए, करते हैं नीरज की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण - आखिर किस कारण नीरज बालीवुड के मायाजाल में ऐसा फंसा कि उसका दर्दनाक अंत हुआ।

प्रस्तुत कुंडली मेष लग्न की है जिसमें लग्नेश मंगल द्वादश भाव में मारकेश शुक्र के साथ तथा लग्नेश मंगल (50-451) अर्थात शनि के नक्षत्र में स्थित है। शनि जो कि कर्मेश व लाभेश होते हुए मारक भाव में स्थित है तथा लग्नेश मंगल की पूर्ण अष्टम दृष्टि शनि के ऊपर है। लग्नेश का द्वादश भाव में मारकेश के साथ होना तथा मारक भाव में स्थित ग्रह के नक्षत्र में होना जातक को पूर्ण आयु प्रदान करने में न्यूनता का द्योतक है।

दूसरा कारण यह भी है कि अष्टमेश मंगल का द्वादश में तथा द्वादशेश गुरु का अष्टम में होना एक प्रकार से विपरीत राजयोग बनाता है। लेकिन अष्टम आयु का भाव है और द्वादश व्यय का भाव है। इसी गुरु और मंगल के स्थान परिवर्तन होेने से जातक को विपरीत राजयोग के कारण छिपा हुआ (अष्टम भाव) शय्यासुख (द्वादश) अक्सर प्राप्त होता रहता था लेकिन इसी स्थान परिवर्तन ने उसे अल्पायु भी बनाया। वैसे भी सर्वविदित है कि मेष लग्न में अगर मंगल-शुक्र द्वादश हांे तो जातक को स्वस्त्री छोड़कर परस्त्री का सुख प्राप्त होता है। शायद इसी वजह से उसको अपने जीवन में वैवाहिक सुख कभी प्राप्त नहीं हुआ। यदि एक दूसरे नजरिये से भी देखें तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में मां-बाप का पूर्ण सुख प्राप्त नहीं हो पाता है।

इसका कारण चाहे जो भी हो, आयु की कमी या स्वास्थ्य की कमी। यहां पर यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि पिता अर्थात नवम भाव का स्वामी गुरु तथा माता अर्थात चतुर्थ भाव का स्वामी चंद्रमा ये दोनों ही ग्रह अपने से 12वें बैठकर षडाष्टक संबंध बनाये हुए हैं।

रही बात नीरज के ज्ञान की तो पंचमेश सूर्य एकादश भाव में स्थित होकर अपने ही भाव पर दृष्टि रखे हुए हैं। अतः उसे जीवन में शिक्षा अच्छी प्राप्त हुई। अब हम यदि उसके कार्यक्षेत्र पर दृष्टि डालें तो पायेंगे कि दशमेश शनि अपने से दशम में स्थित है तथा दशम भाव में बुध स्थित है। बुध जो कि तृतीयेश भी है तथा दशम भाव में स्थित बुध चंद्रमा के नक्षत्र में और दशमेश शनि राहु के नक्षत्र में स्थित है और ये दोनों ही ग्रह राहु और चंद्रमा दशम से नक्षत्रों का संबंध बनाते हुए जन्मकुंडली के तृतीय भाव में युति किये हुए हैं।


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तृतीय भाव संचार, मीडिया, पत्रकारिता, फिल्मी संसार आदि का होता है। जन्मकुंडली के इसी योग के कारण जातक को बालीवुड में अपना कैरियर बनाने का अवसर मिला। 23 फरवरी 2007 से 5 सितंबर 2007 तक नीरज की जन्म कुंडली में शनि की महादशा में शनि की अंतर्दशा का समय चल रहा था। 7 मई 2008 को नीरज की मृत्यु हुई थी।

महादशानाथ शनि गोचर में सिंह राशि में स्थित होकर अपनी तीसरी दृष्टि से जन्म कालीन शनि एवं मारक भाव को देख रहे थे। उस समय अष्टम भाव में स्थित तथा द्वाददेश गुरु की अंतर्दशा चल रही थी तथा गुरु धनु राशि में स्थित होकर लग्न पर तथा गोचर के शनि पर दृष्टि दिए हुए थे। मारकेश शुक्र का भी लग्न अर्थात् मेष राशि पर गोचर करना, ये सभी कारण और कारक मृत्यु का कारण बने।

उपर्युक्त ज्योतिषीय विश्लेषण जो उसके जीवन का किया गया उससे तथा उसकी महिला मित्र द्वारा जघन्य हत्या में शामिल होते हुए भी निचली अदालत द्वारा समुचित दण्ड न देकर अपर्याप्त सजा देना उसके साथ न्याय नहीं है। अब उसकी जन्मकुंडली के द्वारा यह अवलोकन करते हैं कि दोषियों को ऊंची अदालत (हाई कोर्ट) में उचित दण्ड मिलेगा अथवा नहीं।

यदि हम इसी जन्म कुंडली को आधार मानकर चलें तो वर्तमान में बुध की महादशा में बुध की अंतर्दशा 11 फरवरी 2012 तक रहेगी। बुध जो इस कुंडली में षष्ठेश है अर्थात् समस्या का कारक है। फरवरी 2012 के बाद केतु की अंतर्दशा प्रारंभ हो जायेगी।

केतु जो कि जन्मांग में धर्म अर्थात् नवम भाव में स्थित है तथा गौर से आप देखें तो पायेंगे कि न्याय का कारक ग्रह शनि वर्तमान में तो कुंडली के 6वें भाव अर्थात् कन्या में विचरण करेगा। वही समय ग्रहों के हिसाब से नीरज ग्रोवर को उसकी मृत्यु के बाद सही न्याय दिलायेगा।

आज उसके ही फिल्मी क्षेत्र से जुड़े हुए कुछ लोग जो मारिया को बढ़ावा दे रहे हैं तथा भारतीय न्याय व्यवस्था को प्रभावित करने वाले लोगों के कारण जो गलत निर्णय आया है बाद में, स्थितियों के विपरीत होने के कारण सही निर्णय आने पर, स्व. ग्रोवर के पक्ष में होंगे।



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