चांदी में बने यंत्रों के पूजन से विशेष लाभ आचार्य रमेश शास्त्र गणेश यंत्र : चांदी में बने यंत्र को अधिक शुभ एवं शीघ्र फलदायी माना गया है। इस यंत्र को अपने घर में अथवा व्यवसाय स्थल पर स्थापित कर सकते हैं। इस यंत्र के प्रभाव से जीवन में आने वाली समस्त विघ्न-बाधाओं का शमन होता है। गणेश जी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है, इस यंत्र की किसी शुभ वार, तिथि में पूजा-प्रतिष्ठा करके स्थापना करनी चाहिए। नित्य यंत्र के सम्मुख बैठकर 'ऊँ श्री गणेशाय नमः' मंत्र का 108 बार जप करें। श्रीयंत्र : इस यंत्र की चांदी के पतरे बनी आकृति विशेष शुभ मानी जाती है। इस यंत्र को अपने घर के पूजा स्थल पर उत्तर-पूर्व दिशा में प्रतिष्ठा, पूजा करके स्थापित करें। प्रतिदिन प्रातःकाल में धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य आदि से पूजन करना चाहिए। यदि संभव हो सके तो श्रीसूक्त का पाठ भी करें। इस यंत्र के प्रभाव से धन, वैभव, यश, लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। दुर्गा बीसा यंत्र : यह दुर्गा बीसा यंत्र अत्यंत प्रभावी होता है। इसे लाल रंग के कपड़े में पूजा, प्रतिष्ठा करके अपने घर अथवा व्यवसाय-स्थल में स्थापित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त इसे चांदी में लॉकेट बनाकर गले में भी धारण कर सकते हैं। इस यंत्र के प्रभाव से व्यवसाय, आजीविका आदि में अच्छी सफलता प्राप्त होती है और आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। सरस्वती यंत्र : इस यंत्र की, शुक्ल पक्ष की पंचमी अथवा बृहस्पतिवार के दिन प्राण-प्रतिष्ठा करके पंचोपचार पूजा करके यंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित करके नित्य धूप, दीप, गंध, अक्षत से पूजा करनी चाहिए। इस यंत्र को लॉकेट रूप में गले में भी धारण कर सकते हैं। इसके शुभ प्रभाव से विद्यार्थियों का पढ़ाई में अधिक ध्यान लगता है तथा स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है तथा शिक्षा, प्रतियोगिता, परीक्षा इत्यादि में सफलता प्राप्त होती है। कुबेर यंत्र लॉकेट : कुबेर देवताओं के धनाध्यक्ष हैं, उनके स्मरण, पूजन, साधना से व्यक्ति धनवान बन जाता है। कुबेर-यंत्र लॉकेट की किसी शुभ मुहूर्त में प्राण-प्रतिष्ठा व पूजा करके अपनी तिजोरी में रखें अथवा गले में इसे धारण किया जा सकता है। इसके प्रभाव से धन व आय-स्रोतों में वृद्धि होती है, कभी धन का अभाव नहीं होता है।