नव वर्ष अंकशास्त्र के आईने से
नव वर्ष अंकशास्त्र के आईने से

नव वर्ष अंकशास्त्र के आईने से  

शरद त्रिपाठी
व्यूस : 5763 | जनवरी 2010

भविष्यकथन में अंकशास्त्र की भूमिका भी अहम होती है। प्रस्तुत आलेख में ग्रहों की स्थिति और अंकशास्त्र के मिले जुले प्रभावों के आधार पर नव वर्ष का फलित प्रस्तुत है। सन् 2010 का योग करें तो वह इस प्रकार होता है - 2$0$1$0=3 । इस योग के अनुसार यह वर्ष गुरु का वर्ष है। इस तरह भारत के लिए यह वर्ष मिश्रित फल लेकर आएगा।

देश में कई नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। चूंकि अंक 2 चंद्र का और 1 सूर्य का सूचक है इसलिए चंद्र और सूर्य की स्थिति भी अच्छी दिखाई देगी। गुरु की अवस्था इस वर्ष 21 दिसंबर 2009 से कुंभ राशि पर संचरण करते हुए 1 मई तक रहेगी। इसके पश्चात गुरु मीन राशि में 31 अक्तूबर तक रहेगा और फिर वक्री होकर कुंभ राशि में प्रवेश कर 5 दिसंबर 2010 तक रहने के बाद मीन में प्रवेश करेगा। तात्पर्य यह कि गुरु इस वर्ष 11 और 12 नंबर की राशियों कुंभ व मीन में विचरण करेगा।

गुरु की उक्त स्थिति के फलस्वरूप सन् 2010 नौकरी में उन्नति, बार-बार स्थान परिवर्तन तथा महत्वाकांक्षा की पूर्ति हेतु क्रियात्मक एवं सृजनात्मक उद्देश्यों को पूर्ण कराने वाला होगा। 2010 अगर शाब्दिक भाषा में कहें तो अंक ज्ञान के आधार पर मिले जुले प्रभावों को अपने साथ लाएगा। भारत इस वर्ष धर्म, अध्यात्म, विज्ञान, अंतरिक्ष आदि विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए कार्य तथा आविष्कार करने में सफल रहेगा। आर्थिक दृष्टि से शेयर मार्केट में धीरे-धीरे उन्नति होगी पर स्थिरता की संभावना क्षीण है।

भारत के नाम के अनुसार भारत का अंक 6 है। भारत का भाग्यांक आजादी के दिन 15.08.1947 से 8 है। इसका मतलब यह अंक शनि प्रधान है। सूर्यपुत्र शनि कष्ट भी देते हैं और सुख भी। इस अंक के जातक को सफलता एवं स्थायित्व के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती हैै। भारत को आजादी 15/08/1947 को मिली थी। इस दृष्टि से यह वर्ष उसकी स्वतंत्रता को 63वां वर्ष है और इसके पश्चात 64 स्वतंत्रता का वर्ष है।


Book Navratri Maha Hawan & Kanya Pujan from Future Point


अगर केवल 63वें वर्ष की तरफ नजर दौड़ाएं यह अंक 9 बनता है। इतिहास में झांकें तो पाएंगे कि 3, 6, 9 की शृंखला ने भारत वर्ष के लिए अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंक 9 साहस का प्रतीक है। भारत के समक्ष स्वतंत्रता के इस 63 वें वर्ष में अनेक चुनौतियां आईं, जिनका उसने डटकर मुकाबला किया और विकास के मार्ग पर अग्रसर है। किंतु 64वें वर्ष का योग 1 आता है जिसका प्रतिनिधित्व सूर्य करता है।

सूर्य महत्वाकांक्षा, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य का कारक है। जीवन में आवश्यक तत्व सूर्य से ही प्राप्त होते हैं। इस साल 2010 का अंक 3 है। इस तरह बृहस्पति का अंक 64वें वर्ष अंक 1 के गुणों के साथ चलेगा तथा सूर्य के सकारात्मक प्रभाव भी पड़ेंगे। लेकिन चूंकि इस वर्ष का अंक 3 बृहस्पति का अंक है, इसलिए बृहस्पति का योग बहुत शुभ फलदायी साबित नहीं हो पाएगा। अंकों की गणना के अनुसार भारत में यह वर्ष काफी बदलाव लाएगा। यह बदलाव सŸाा संबंधित विचार धाराओं से है।

क्योंकि अंक 3, 6 और 9 बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए बहुत सारे बदलाव आएंगे। चीन के साथ भारत का संबंध इस वर्ष कटुतापूर्ण हो सकता है। भारत जहां विवेक और बुद्धि से काम लेने की कोशिश करेगा, चीन कटुतापूर्ण रुख अख्तियार कर सकता है। चीन चालाकी से भारत के साथ छल कर सकता है।

भारत केवल धैर्य रखने पर बहुत कुछ खो सकता है। अंकशास्त्र के दृष्टिकोण से भारत के कृषि क्षेत्र के लिए यह वर्ष बहुत शुभ फलदायी सिद्ध नहीं हो पाएगा। इस वर्ष कई क्षेत्रों में अकाल की, तो कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। तात्पर्य यह कि वर्ष 2010 भारत के लिए मिश्रित फलदायी सिद्ध होगा। अंक 3 और 9 स्थिति के सकारात्मक होने का जबकि अंक 2, 1, 4 और 7 मिले जुले फल का संकेत देते हैं। अंक 8, 6 और 5 के लिए यह वर्ष उतार चढ़ाव का रहेगा।


Consult our expert astrologers to learn more about Navratri Poojas and ceremonies




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.