नजला-जुकाम
नजला-जुकाम

नजला-जुकाम  

अविनाश सिंह
व्यूस : 4847 | दिसम्बर 2016

रोग परिचय: नजला-जुकाम शीत ऋतु का एक रोग है जो शीत के कारण होता है जिसमें नाक से पानी बहने लगता है। मामूली दिखने वाला यह रोग, कफ की अधिकता के कारण अधिक कष्टदायक होता है। ऋतु परिवर्तन के प्रभाव से दोष संचित होकर अपने प्रकोप-काल में ही कुपित होते हैं। परंतु दोषों के प्रकोप के कारणों की अधिकता या प्रबलता के कारण तत्काल भी कुपित हो जाते हैं, जिसमें जुकाम हो जाता है अर्थात् नजला-जुकाम कभी-कभी शीतकाल के अतिरिक्त भी हो सकता है। आयुर्वेद में नजला जुकाम छः प्रकार के कहे गये हैं। वायुजन्य, पित्तजन्य, कफजन्य, त्रिदोषज, रक्तजन्य और दूषित।


Book Navratri Maha Hawan & Kanya Pujan from Future Point


1. वायुजन्य: वायु से उत्पन्न जुकाम में नाक में वेदना, सूई चुभने जैसी पीड़ा, छींक आना, नाक से पतला स्राव आना, गला, तालु और होंठांे का सूख जाना, सिरदर्द और आवाज बैठ जाना आदि लक्षण होते हैं।

2. पित्तजन्य: नाक से गर्म और पीेले रंग का स्राव आना, नाक का अगला भाग पक जाना, ज्वर, मुख शुष्क हो जाना, बार-बार प्यास लगना, शरीर दुबला और त्वचा चमकरहित होना इसके लक्षण हैं। नाक से धुआं निकलता महसूस होता है।

3. कफजन्य: आंखों में सूजन, सिर में भारीपन, खांसी, अरूचि, नाक द्वारा कफ का स्राव और नाक के भीतर गले और तालु में खुजली होती है।

4. त्रिदोषज: ऊपरी तीनों दोषों से उत्पन्न जुकाम बार-बार हो जाता है। साथ ही तीनों दोषों के मिले-जुले लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर में अत्यधिक पीड़ा होती है।

5. रक्तजन्य: नाक से लाल रंग का स्राव होता है। रोगी की आंखंे लाल हो जाती हैं। मुंह से बदबू आती है। सीने में दर्द, गंध का ठीक तरह से पता न चलना आदि लक्षण होते हैं।

6. दूषित: नज़ला जुकाम के सभी दोषों की अत्यंत वृद्धि हो जाने से बार-बार नाक बहना, सांस में दुर्गंध, नाक का बार-बार बंद होना खुलना, सुगंध-दुर्गंध पता न चलना आदि लक्षण होते हैं।

नजला-जुकाम के प्रमुख कारण: नजला

- जुकाम मस्तिष्कजन्य रोग होते हुए भी इस रोग का मूल कारण अग्नि है; अर्थात् जब जठराग्नि मंद होती है तो इसमें अजीर्ण हो जाता है। पाचन क्रिया बिगड़ जाती है और भोजन ठीक से पच नहीं पाता एवं कब्ज हो जाने के कारण अपचय पदार्थ का विसर्जन नहीं होता, जिसके कारण जुकाम की उत्पत्ति होती है क्योंकि शरीर में एकत्रित विजातीय तत्व जब अन्य रास्तों से बाहर नहीं निकल पाता, तो वे जुकाम के रूप में नाक से निकलने लगते हैं। यह जुकाम अत्यधिक कष्टदायक होता है।

इससे सिर, नाक, कान, गला, आंखों में विकार उत्पन्न होने लगते हैं। जुकाम का कारण मानसिक गड़बड़ी भी देखा गया है। इसके अतिरिक्त अन्य कारण भी हैं। मल, मूत्र, छींक, खांसी आदि वेगों को रोकना, नाक में धूल कणों का प्रवेश होना, अधिक बोलना, क्रोध करना, अधिक सोना, अधिक जागना, शीतल जल और ठंडे पेय पीना, अति मैथुन करना, रोना, धुएं आदि से मस्तिष्क में कफ जम जाना। साथ ही साथ मस्तिष्क में वायु की वृद्धि हो जाती है। तब ये दोनों दोष मिलकर नज़ला-जुकाम व्याधि उत्पन्न करते हैं।

जुकाम को साधारण रोग मानकर उसकी उपेक्षा करने से अति तकलीफदेह हो जाता है। जुकाम बिगड़ने पर वह नज़ले का रूप धारण कर लेता है। नज़ला हो जाने पर नाक में श्वांस का अवरोध, नाक से हमेशा पानी बहना, नाक पक जाना, बाहरी गंध का ज्ञान न होना, मुख की दुर्गंध आदि विकार उत्पन्न हो जाते हैं। जुकाम के बिगड़ जाने की अवस्था के बाद मस्तिष्क की अनेक व्याधियां होती हैं जो कष्टदायी होती हैं। इस रोग के कारण बहरापन, कान के पर्दें में छेद तथा कान, नाक, तालु, श्वांस नलिका में कैंसर होने की संभावना रहती है। अंधापन भी उत्पन्न हो जाता है। कहा जाता है कि नजले ने शरीर के जिस अंग में अपना घर बना लिया, वही अंग खा जाता है।

दांतों में घुसा तो दांत गये, कान में गया तो कान, आंख में गया तो आंखंे गयीं, छाती में जमा तो दमा और कैंसर जैसी व्याधियां उत्पन्न कर देता है। सिर पर गया तो बाल गये। चिकित्सा: प्रथम रोग उत्पन्न करने वाले कारणों को दूर करें। कफ वर्द्धक, मधुर, शीतल, पचने में भारी पदार्थ न खाएं। दिन में सोने, ठंडी हवा का झोंका सीधे शरीर पर आने देने, अति मैथुन आदि से दूर रहें। पचने में हल्का, गर्म और रूखा आहार लें। सौंठ, तुलसी, अदरक, बैंगन, दूध, तोरई, हल्दी, मेथी दाना, लहसुन, प्याज आदि सेवनीय पदार्थ हैं।

सोंठ के एक चम्मच को चार कप पानी में पका कर बनाया गया काढ़ा दिन में 3-4 बार पीना लाभदायक है। घरेलू नुस्खे - किसी भी प्रकार के जुकाम को ठीक करने के लिए आधा कटोरी दही में थोड़ा सा काली मिर्च का पाउडर और गुड़ मिलाकर खाने से लाभ होता है। - साबुत उड़द की दाल में हींग का तड़का लगाकर गरम-गरम खाने से सभी प्रकार के जुकाम में लाभ होता है।

- 20 ग्राम इमली के पत्ते, मटर के दाने के बराबर हींग व 8-10 काली मिर्च को 1 गिलास पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर रख लें। दिन में दो से तीन बार पिलाने से जुकाम में आराम होगा।

- पांच ग्राम सोंठ के पाऊडर को रात को सोते समय गरम दूध के साथ लेने से जुकाम में लाभ होगा।

- अनार या संतरे के छिलकों का काढ़ा बनाकर दिन में दो से तीन बार लेने से जुकाम में लाभ होता है। - दो ग्राम चीनी व आधा ग्राम राई को थोड़ा पानी डालकर बारीक पीस लें व गरम दूध के साथ थोड़ी मात्रा में चाटें, जुकाम में लाभ होगा।

- दो ग्राम दालचीनी, 2 ग्राम छोटी इलायची, दो ग्राम सोंठ व थोड़ी सी चाय की पत्ती को एक साथ उबालें। जब पानी आधे से ज्यादा रह जाए तो छान लें। दिन में दो बार पियें जुकाम में लाभ होगा। - 4-5 छुहारे दूध में अच्छी तरह पका लें। रात को सोते समय यह दूध पीने से लाभ होगा।

- हरे अमरूद को आग में भूनकर खाने से जुकाम में लाभ होता है।

- आधा ग्राम हल्दी को गरम दूध में डालकर रात को सोते समय पिएं, जुकाम में लाभ होगा।

- गरम तवे पर आधा ग्राम हल्दी व आधा ग्राम सोंठ पाऊडर डालकर हल्का भूनें, ऊपर से गुड़ मिलाएं। मटर के दाने के बराबर गोलियां बना लें। दिन में दो बार खायें, साथ में गरम पानी या दूध लें। लाभ होगा।

- काले चने भूनकर गरम-गरम, सूती कपड़े में डालकर पोटली-सी बना लें। उस पोटली से माथा सेंकंे व सूंघंे, जुकाम में आराम होगा।

- मुलहठी पाऊडर 2 ग्राम व 2 ग्राम शहद मिला लें, दिन में तीन बार चाटें, जुकाम में लाभ होगा।

- मलमल के साफ कपड़े में अजवायन को रखकर पोटली बना लें। इसे हथेली पर रगड़कर बार-बार सूंघें, आराम मिलेगा।

- आटे व गुड़ का देशी घी में बना गरम-गरम हलवा खाएं, जुकाम में आराम मिलेगा।

- एक चम्मच तुलसी का रस, 1 चम्मच अदरक का रस व शहद दो चम्मच, तीनों को मिला लें। दिन में तीन बार चाटने से लाभ होगा।

- काली मिर्च और बताशे पाव भर पानी में पका लें, चैथाई पानी रहने पर इसे गरम-गरम पी लें। प्रातः खाली पेट व रात को सोते समय लगातार तीन दिन तक पीने पर नज़ला जुकाम से राहत मिलेगी।

- अमरूद की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम में लाभ होगा।


Expert Vedic astrologers at Future Point could guide you on how to perform Navratri Poojas based on a detailed horoscope analysis




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.