प्रकाश: मकान के पूर्व या ईशान भाग में, मकान के अंदर के अंधेरे कमरों, भागों, स्टोर्स आदि में सूर्य की रोशनी आदि नहीं पहुंचती है तो वहां, रात्रि में प्रकाश हेतु तेज रोशनी हेतु बल्ब/ट्यूब आदि लगायें। वहां सफाई भी होती रहे ताकि नकारात्मक ऊर्जा अपना स्थायित्व न बना सके।
संगीत: मकान के प्रवेश द्वार के अंदर घंटियां लटकायें, भवन के अंदर प्रातः तथा सायं भक्ति संगीत की मधुर लहरियां गूंजती रहें- धीमे-धीमे। इसी संदर्भ में आरती के घंटे-घंटियां एवं शंख ध्वनियां भी हैं। पौधे एवं
पुष्प: प्रवेश द्वार, गैलरी, आंगन, ड्राॅइंग-रूम आदि स्थानों पर सजावटी पौधे, पुष्प वाले पौधे के गमले रखे जायें।
क्रिस्टल बाॅल: यह प्रवेश द्वार, ड्राॅइंग-रूम, रिसेप्शन आदि पर रखी या लटकायी जायें।
मछली घर/फव्वारा: घरों में ईशान में मछली-पाॅट/ कांच का टैंक रखें।इसे ड्राइंग रूम में भी रखें। इसमें फव्वारा भी चलता रहे। इसमें जोड़े से काली, लाल व गोल्डन मछलियां डालें। कमर्शियल भवनों में फव्वारे लगाये जा सकते हैं।
बांस/बांसुरी - बीम का दोष शांत करने हेतु लाल फीते में बांधकर बांसुरी लटकायी जाती है, बांस के पौधे रखे जाते हैं। कलर थैरेपी: दीवारों का रंग, परदों, चादर, तकियों आदि का रंग ग्रहों के रंगों के अनुकूल रखने से रश्मि-स्पंदों से मानव मन मस्तिष्क को विलक्षण ढंग से प्रभावित किया जा सकता है। रंगीन बल्बों का प्रकाश भी वास्तु दोषों की शांति में सहायक सिद्ध होता है।
विभिन्न यंत्र: मारूति यंत्र, भौम यंत्र, सूर्य, काली, व्यापार वृद्धि, सर्वमंगल वास्तु, इन्द्राणी यंत्र, दिक्दोषनाशक यंत्र, वरुण यंत्र, श्रीयंत्रादि की स्थापना अचूक मंगलकारी सिद्ध होती है। साथ में कृत्यनाशक वास्तु यंत्र, द्वारतोरण, सर्वमंगलकारी कौड़ी तोरण तथा विभिन्न रूपों में श्रीगणेश की स्थापना (16 प्रकार के रूप में) करनी चाहिए।
विभिन्न टोटके:
1. रीढ़ का दर्द कम करने का टोटका: चीनी मान्यता के अनुसार, यदि पलंग की दरी के नीचे (बीच में) लिखने वाले चाॅक का टुकड़ा रख दिया जाये तो रीढ़ की हड्डी का दर्द, कमर का दर्द मिट जाता है एवं नींद आराम से आती है।
2. ऐश्वर्य वृद्धि व उपाय :
1. मध्य एशिया, सिंगापुर, बैंकाॅक, हाँगकाँग मंे प्रचलन है कि लाल रंग की रिबन यदि मुख्य प्रवेश द्वार पर लटकाई जाये तो घर में ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
2. भारत में मान्यता है कि आम, कनेर, पीपल, बरगद एवं अशोक वृक्ष के पत्तों का तोरण/बंदनवार मुख्य द्वार पर लटकाया जाये तो घर में ऐश्वर्य के साथ-साथ सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
3. नजर उतारने का टोटका: दुकान, कार्यालय आदि के दरवाजे पर ‘एक नींबू तथा सात हरी मिर्च’ लटका देनी चाहिये जहां सबकी नजर पड़े। इससे दुकान की आय में वृद्धि होती है।
4. दुकान पर इष्ट देवता की अर्चना ः दुकान, कार्यालय आदि में इष्ट देवता, कुल देवता आदि की स्थापना कर, प्रतिदिन पूजा-अर्चना-धूप-दीप अवश्य करें।
5. मृदु स्वभाव: व्यवहार ही व्यवसाय की मूल सफलता है। सदैव ग्राहक एवं भिक्षुक से सद्व्यवहार करें। बुरा-भला न बोलें।
6. धर्मार्थ सेवा: कारोबार के विशुद्ध लाभ का 1/6 भाग धर्म कार्य-दानादि में खर्च करें।
7. घोड़े की नाल: मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल अवश्य लगायें।
8. चांदी का सर्प: मुहूर्त के समय नींव में चांदी का सर्प बनवाकर डालें।
9.स्वास्तिक: दक्षिण भारत, गुजरात व महाराष्ट्र में कई जगह देखने में आता है कि गृहिणियां नित्य प्रति अपने घरों के बाहर द्वार पर सूर्योदय के समय मांडने-रंगोलियां
- स्वास्तिक कुंकुम के पैर आदि बनाती हैं, ये सब सुकृत्य घर को बुरी आत्माओं, बुरी नजर वालों से बचाकर घर लक्ष्मी के प्रवेश को सुगम बनाते हैं।
10. केला व तुलसी: मुख्य द्वार पर केला व तुलसी का पौधा लगायें तथा निरंतर सींचें।
11. अनार का पौधा: अपने खाली पड़े प्लाॅट (भूमि) पर जिसपर अभी मकान बनना है उसकी भूमि पर ‘शुक्ल पक्ष’ में ‘हस्त नक्षत्र’ के दिन एक अनार का पौधा लगाकर नित्य देखभाल करें। इससे मकान बनाने लायक धन की शीघ्र व्यवस्था हो जाती है। अनार में लक्ष्मी का वास है, आप ‘श्रीसूक्त’ के नित्य पाठ से उसे शीघ्र जाग्रत कर लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं। यह परीक्षित तंत्रोक्त टोटका है।
12. तस्वीरें: घर की दीवारों पर ‘ताजमहल’, डरावनी तस्वीरें न लगायें। ये नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न करते हैं।
उपरोक्त सभी उपाय तथा टोटके, आपकी सुख-समृद्धि, धन-धान्य की वृद्धि कर जीवन में शांति लाते हैं।
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