हमारे इस ब्रह्मांड में लगभग चार हजार करोड़ तारे हैं और इस प्रकार के ब्रह्मांड एक हजार करोड़ से अधिक हैं। हमारा यह ब्रह्मांड ही इतना विशाल है कि यदि सूर्य को एक सूई की नोंक के बराबर मान लिया जाए तो सबसे नजदीकी तारा लगभग 10 मील की दूरी पर होगा। हमारे सूर्य की परिधि में लगभग 30 लाख पृथ्वियां समा सकती हैं। इतने विशाल अंतरिक्ष में विचरण कर रहे हमारे ग्रहों के भी अद्भुत तथा रोचक तथ्य हैं जिन्हें आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
- अंतरिक्ष में तारों की संख्या सारे समुद्रों के किनारों पर बालू के कणों से अधिक है।
- यदि प्रकाश की गति से चला जाए तो ब्रह्मांड को पार करने में एक लाख वर्ष लगेंगे।
- सूर्य भी अपनी धुरी पर एक महीने में एक चक्कर लगाता है और इस ब्रह्मांड का चक्कर लगभग 26,000 वर्षों में पूरा करता है।
- यदि हम 100 किमी प्रति घंटा की गति से चैबीस घंटे कार चलाएं तो सूर्य पर पहुंचने में लगभग 171 वर्ष लगेंगे।
- सूर्य की सतह का तापमान लगभग 60000 सेल्सियस होता है जिस पर लगभग सभी धातुएं वाष्प बनकर उड़ जाती हैं।
- बुध सूर्य का चक्कर सबसे तीव्र गति से लगाता है। केवल 88 दिन में यह सूर्य की परिक्रमा कर लेता है।
- शुक्र सौरमंडल का सर्वाधिक गर्म ग्रह है और इसका तापमान 4600 सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसका वजन और आकार लगभग पृथ्वी के समान है।
- मंगल ग्रह का एक दिन का मान पृथ्वी के एक दिन के मान से केवल कुछ मिनट 24 घंटे 37 मिनट 23 सेकेंड) बड़ा होता है।
- यदि 300 किमी की रफ्तार से चांद की ओर चलें तो हम लगभग 100 दिन में चांद पर पहंुच जाएंगे।
- चंद्र पृथ्वी से 3 सेमी प्रति वर्ष दूर हो रहा है।
- चंद्र का केवल एक हिस्सा पृथ्वी से दिखाई देता है क्योंकि चंद्र अपने कक्ष पर और अपनी धुरी पर घूमने में बराबर समय लेता है।
- पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 1600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रही है और 1 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक गति से सूर्य के चारों ओर घूम रही है।
- यदि पृथ्वी को सेब की उपमा दी जाए तो पृथ्वी के ऊपर वायुमंडल केवल उसके छिलके के बराबर है।
- सूर्य की गर्मी से पृथ्वी पर प्रति वर्ष एक लाख घन मील पानी वाष्प बनता है जिसका वजन लगभग 4 करोड़ (4 × 1014) टन होता है।
- पृथ्वी की सतह का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है और इस पानी का 97 प्रतिशत अंश खारा तथा केवल 3 प्रतिशत मीठा है।
- हमारी पृथ्वी सर्दियों में सूर्य के अधिक पास होती है। पृथ्वी सर्दियों में सूर्य के प्रति वर्ष 50 लाख किमी पास आ जाती है और गर्मियों में उतनी ही दूर चली जाती है।
- पृथ्वी का घनत्व 5.515 ग्राम प्रति घन सेंमी और इसका कुल भार 5.97 × 1024 अर्थात लगभग 6 करोड़ करोड़ करोड़ टन है।
- पृथ्वी पर नापा गया न्यूनतम तापमान -880 और अधिकतम 580 सें. है।
- शनि ग्रह पानी से हलका है और बृहस्पति का भार सभी ग्रहों के सम्मिलत भार से अधिक है।
- शनि का घनत्व केवल .7 ग्राम प्रति घन सेंमी है। लेकिन इसका कुल भार पृथ्वी के कुल भार से 95 गुना अधिक है। यह पृथ्वी की तुलना में सूर्य से लगभग 50 गुना अधिक दूर है।
- बृहस्पति की परिधि में 1300 से अधिक पृथ्वियां समा सकती हैं। यह पृथ्वी की तुलना में सूर्य से 5 गुणा अधिक दूर है। इसका भार पृथ्वी के भार से 318 गुणा अधिक है।
- बृहस्पति एक बड़े वैक्यूम क्लीनर की तरह से काम करता है जो पृथ्वी की तरफ आ रहे धूमकेतुओं, उल्काओं आदि को पृथ्वी तक आने नहीं देता है। अन्यथा इनके आने की संभावना 10,000 गुणा अधिक हो जाती है और पृथ्वी पर जीवन का रह पाना मुश्किल हो जाता।
- प्लूटो को कोई ग्रह न मान कर केवल लघु तारा (ड्वार्फ स्टार) माना गया है।
- प्लूटो नेप्य्यून से दूर है लेकिन इसके कक्ष के दीर्घवृŸााकार होने के कारण 1979 से 1999 तक नेप्च्यून की अपेक्षा यह सूर्य के अधिक पास रहा।
उपरोक्त तथ्य दिखाते हैं कि यह अंतरिक्ष अपार है। इसमें दूरी, आकार व गति की सीमाएं भी अपार हैं।