होलिका दहन की वेला 21 मार्च 2008, दिल्ली में 18: 32 से 20: 12 तक हालिका दहन फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा में सायं काल के बाद, भद्रारहित शुभ लग्न में संपन्न किया जाता है। इस समय में प्रतिपदा या चतुर्दशी नहीं होनी चाहिए भद्रा में होलिका जलाने से राष्ट्र में विद्रोह हो जाता है। इस वर्ष संवत् 2064 साके 1929 फाल्गुनी शुक्ल पक्ष गुरुवार तद्नुसार 20 मार्च 2008 को, चतुर्दशी रात्रि 11 बजकर 27 मिनट तक है। एवं उसके पश्चात पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाती है। जो 21 तारीख को पूर्ण दिन विद्यमान रह कर रात को 24 घंटे 12 मिनट तक रहती है। भद्रा भी पूर्णिमा के साथ शुरू होकर 21 मार्च को 11 घंटे 46 मिनट तक रहती है। अतः सूर्यास्त के बाद 21 मार्च की रात भद्रा से मुक्त है। 21 मार्च को दिल्ली में सूर्यास्त 18 घंटे 32 मिनट पर होगा। अतः होलिका दहन वेला 21 मार्च 2008 को सूर्यास्त 18: 32 घंटे से पूर्णिमा समाप्ति 24: 12 घंटे तक मान्य है। सूर्यास्त के साथ कन्या लग्न उदित है जो 20: 12 तक रहेगा। तदुपरांत तुला लग्न 22: 31 तक रहेगा, वृश्चिक लग्न 24: 50 घंटे तक रहेगा। कन्या लग्न में ग्रह शुभ स्थानों पर स्थित हैं। अतः होलिका दहन की उत्तम वेला 18: 32 से 20 ः 12 तक है। सिद्धि साधना के लिए स्थिर लग्न वृश्चिक 22: 32 से 24 ः 50 तक उत्तम है। यह वृष्चिक लग्न भी होलिका दहन के लिए उत्तम है।