आधुनिक भारतीय समाज में स्मृति ईरानी, दुर्गा शक्ति नागपाल, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स आदि महिलाओं ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं और देश व समाज के लिए जो सराहनीय कार्य कर रही हैं उसके आधार पर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उन्होंने पुरूषों से भी बेहतर कर दिखाया है। इसी कड़ी में समाज में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही बी. चंद्रकला किसी सितारे से कम नहीं। एक आई. ए. एस. अधिकारी के रूप में करप्शन हटाने के अपने प्रयासो में ये जिस प्रकार के कदम उठा रही हैं उस आधार पर इन्हें लेडी सिंघम कहना ही उपयुक्त लगता है। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और न जाने क्या-क्या देख और सुनकर सब बेहाल होते हैं। पहले भी इस करप्शन के खिलाफ दुर्गा देवी ने आवाज उठाई थी और राजनीतिक क्षेत्र में काफी उथल पुथल हुई थी। अब फिर से जैसे अंधेरे में रोशनी की लौ जली है।
यू. पी. की एक महिला जिलाधिकारी (बुलंदशहर की डी. एम.) ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और उनके आगे घोटालेबाज अफसर थर-थर कांपते हैं। 11 दिसंबर 2014 को बुलंदशहर के पूरे कामकाज का हिसाब लेने निकली डी. एम. साहिबा ने जब शहर का हाल देखा तो बिफर पड़ीं। अफसरों का काम देखा तो गुस्सा आ गया। गुस्सा लाजमी भी था क्योंकि जिस पाई-पाई को जोड़कर शहर को चमकाने का काम किया जा रहा था उसी में धांधली निकली। जब मैडम की नजर में अफसरों का धंधा सामने आया तो सारे अफसरों के ललाट पर पसीना आ गया। मैडम बोले जा रही थीं और अफसर चुपचाप खड़े होकर हुक्म सुने जा रहे थे। जब सभी अफसरों की क्लास लग रही थी तो नजर बचाकर नगर पालिका की चेयरमैन भीड़ में पीछे खड़ी थी लेकिन भ्रष्टाचार पर चैकन्नी डी.एमसाहिबा ने उनकी भी क्लास ले ली और स्वयं वहां की हर चीर्ज इंट, बालू, टाइल्स की जांच की और सब कुछ मिलावटी और खराब स्तर का मिलने पर सभी को बहुत डांट पिलाई।
उनके अनुसार जनता के पैसे से खिलवाड़ किया जा रहा था और पैसे अफसरों की जेब में जा रहे थे। डी. एम. की टीम के अफसरों ने नगर पालिका के अफसरों, ठेकेदारों और पालिका चेयरमैन पिंकी गर्ग की करतूतों का कच्चा चिट्ठा रिपोर्ट की शक्ल में शासन को भेज दिया है। डी. एम. की चेतावनी के बाद नगरपालिका के ई. ओ. ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने वाले तीन ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कराया। डी. एम. साहिबा की ईमानदारी का वीडियो जब इंटरनेट पर आया तो सुपर हिट हो गया। 10 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया और डी. एम. की फटकार और तेवर देखकर जनता में उम्मीद जगी कि पहली बार बुलंदशहर में कोई बोलने वाला अफसर आया है।
आजकल डी. एम. चंद्रकला ने बिजली विभाग, राजस्व विभाग और जिले की तमाम नगर पालिका और तहसीलों में पनप रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अधिकारी उनके नाम से थरथराने लगे हैं। ऐसे हालात बन गये हैं कि किसी भी विभाग का अधिकारी या कर्मचारी उनके सामने जाने से डरने लगा है। ठेकेदारों और अधिकारियों को डर सताता है कि डी. एम. अपने काफिले के साथ निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने न जाने कब पहुंच जाएं। मथुरा में अपने कार्यकाल के दौरान जब उन्होंने बाल शिशु गृह में छापा मारा तो वहां पर भोजन में अनियमितता पाई गई थी तब भी चंद्रकला जी ने नगरपालिका वृंदावन और मथुरा के ई. ओ को जमकर फटकार लगाई थी। चंद्रकला जी के अनुसार सरकारी योजनाओं में आए धन का सही खर्च किया जाना चाहिए जिससे विकास कार्यों का लाभ जनता को मिले। ऐसा नहीं होना चाहिए कि योजना में आए बजट की अधिकारी बंदरबाट कर लें।
वे ऐसा हरगिज नहीं होने देंगी। बी. चंद्रकला इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज की सदस्या हैं और वर्तमान समय में बुलंदशहर यू. पी. की जिलाधिकारी हैं। ये यू. पी. कैडर के 2008 के बैच की आई. ए. एस. आॅफिसर हैं। इनका जन्म 27-9-1979 को आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के करीम नगर जिला में स्थित गरजाना पल्ली नामक गांव में एक अनुसूचित जनजाति परिवार में हुआ। चंद्रकला को 2008 में यूपी. एस. सी द्वारा घोषित सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं में 409वां रैंक प्राप्त हुआ। इनकी 9 वर्षीय बेटी है तथा इनके पति श्री राम सागर प्रोजेक्ट में डिप्टी इग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। बी. चंद्रकला ने बी. ए. करने के उद्देश्य से कोटि वीमेन्स काॅलेज में दाखिला लिया।
सेकंड ईयर में इनका विवाह हो गया लेकिन ऊंची महत्वाकांक्षाएं रखने वाली चंद्रकला ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और पत्राचार (डिस्टेन्स एजुकेशन) द्वारा अर्थशास्त्र में एम. ए. किया और पति की सहायता से परीक्षा की तैयारी में जुट गयीं। आई. ए. एस. बनने के पश्चात उनका इलाहाबाद में सी. डी. ओ. के पद पर तैनात किया गया और अप्रैल 2012 में इन्हें हमीरपुर की डी. एम. बना दिया गया। ततपश्चात 8 जून 2014 को मथुरा का डी. एम. बना दिया गया। इस पद पर भी इन्होंने अल्प समय तक ही काम किया क्योंकि मात्र 129 दिन के अंतराल बाद इनका फिर से डी. एम. बुलंदशहर के रूप में स्थानांतरण कर दिया गया। बीचंद्रकला बुलंदशहर के इतिहास में सर्वाधिक ईमानदार और कड़ी मेहनत करने वाली अधिकारी हैं। ‘द हिंदू’ के अनुसार ष्ठण् ब्ींदकतंांसं पे ं सपअपदह ैजवतल व िहतपज ंदक कमजमतउपदंजपवद व िं जतपइंस ूवउंदण्श्श् ‘‘बी. चंद्रकला एक अनुसूचित जनजाति की महिला के धैर्य और दृढ़ संकल्प की जीवित कहानी है’’ और 9 वर्षीय बच्ची की ऐसी मां है जिसने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 409वां रैंक प्राप्त करके यह सिद्ध कर दिया कि विवाह करियर की तरक्की में रूकावट नहीं है।
बी. चंद्रकला 10वीं कक्षा में एक सामान्य सी विद्यार्थी थीं और 10$2 के काॅमर्स ग्रुप में दाखिला भी नहीं मिल पाया इसलिए इन्होंने केन्द्रीय विद्यालय रामागुंडम में आर्ट्स के क्षेत्र में इतिहास, अर्थशास्त्र और भूगोल को अपने विषय के रूप में चुना। इनका भारतीय समाज के विकास का संकल्प काबिले तारीफ है। कुंडली विश्लेषण चंद्रकला जी की चंद्र कुंडली के अनुसार लग्नेश और भाग्येश का स्थान परिवर्तन योग होने से प्रबल राजयोग की उत्पत्ति हो रही है। मंगल चंद्र के स्थान परिवर्तन योग के प्रभाव से ये साहसी व मजबूत मानसिक स्थिति वाली अधिकारी बनीं। इनकी कुंडली की विशेषता यह है कि इसमें अधिकांश ग्रहों यानी 9 में से सात ग्रहों का जमावड़ा नवम, दशम व एकादश भाव में है। सप्तम से लग्न पर्यन्त भावों को कुंडली का ब्राइट हाफ कहा जाता है और इस प्रकार की ग्रह स्थिति वाले जातक सुखी जीवन व्यतीत करते हैं तथा इन्हें जीवन में मान, सम्मान, सुख, सौभाग्य, उच्च पद्वी व धन आदि सभी कुछ प्राप्त हो जाता है।
चंद्र कुंडली का पंचमेश ग्रह बृहस्पति दशम भाव में सुखेश शनि के साथ युति बना रहे हैं इसी के प्रभाव से विवाह उपरांत भी इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपनी कड़ी मेहनत से आई ए. एस की उच्च परीक्षा में सफल होकर अपना करियर बनाया। कुंडली में दशमेश लाभ स्थान में उच्चस्थ बुध के साथ होने से तथा बृहस्पति के साथ दशम भाव में राहु और शनि की युति होने से ये कड़े अनुशासन तथा ईमानदारी के साथ अपने कार्यक्षेत्र में निर्भीक होकर कार्य कर रही हैं। चंद्रकला जी के जीवन के घटनाक्रम का अध्ययन करने से इनका जन्म लग्न धनु होने की अधिक संभावना बन रही है क्योंकि यह अग्नि तत्व राशि का लग्न है तथा लग्नेश बृहस्पति का राहु और शनि के साथ स्थित होने से इनके स्वभाव में कठोर अनुशासन है तथा बृहस्पति की लग्न पर दृष्टि होने से चंद्रकला एक ईमानदार तथा कर्तव्यपरायण अधिकारी हैं।
बृहस्पति चतुर्थ भाव (जनता के मात्र) का स्वामी होने से इनके अंदर जनता के प्रति अच्छी सकारात्मक सोच विद्यमान है और इन्होंने अपने कार्यकाल में समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई भी की। सप्तमेश ग्रह बुध दशम भाव में भाग्येश सूर्य और लाभेश शुक्र के साथ स्थित होने से इन्होंने विवाह होने के बाद आई. ए. एस की परीक्षा पास करके इस क्षेत्र में अपना करियर बनाया और दशम स्थान मजबूत होने से इन्हें उच्च पद, प्रतिष्ठा वाली नौकरी तथा अपार यश की भी प्राप्ति हुई। लग्न कुंडली में अष्टमेश द्वादश भाव में एवं द्वादशेश अष्टम भाव में होने से एक प्रबल नीच भंग राजयोग एवं विपरीत राजयोग बन रहा है जिसके कारण इन्हें इतनी बड़ी सफलता प्राप्त हुई।