कुंडली से जातक का अनुमानित जन्म समय, दिनांक, मास और वर्ष जानना
कुंडली से जातक का अनुमानित जन्म समय, दिनांक, मास और वर्ष जानना

कुंडली से जातक का अनुमानित जन्म समय, दिनांक, मास और वर्ष जानना  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 26869 | अप्रैल 2015

1. विषय प्रवेश: देश, काल और पात्र की जानकारी के बिना किसी भी कुंडली का विवेचन नहीं करना चाहिये। परन्तु अगर कोई आपके समक्ष गलत जानकारी वाली कुंडली प्रस्तुत कर दे तो इस लेख में वर्णित विधि उस कुंडली की सच्चाई परखने में आपकी सहायता कर सकती है। आइये, अब हम कुंडली से जन्मवर्ष, जन्ममास, जन्म तारीख एवं जन्म समय निकालने के एक सरल तरीके की चर्चा करते हैं:

2. जन्म वर्ष या उम्र: जन्म वर्ष की गणना के लिये सर्वप्रथम हमें गुरु और शनि की भ्रमण गति, अवधि एवं गोचर स्थिति के बारे में जानना होगा।

शनि का भ्रमण: सौरम ंडल में सभी ग्रहों की भांति शनि भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

शनि का शनैः शनैः स्वभाव का वर्णन उसकी मन्द गति के कारण से है। शनि को सूर्य की एक परिक्रमा (12 राशियाँ) करने में 29.46 वर्ष यानी लगभग 30 वर्ष लगते हैं। इस प्रकार शनि एक राशि में कितना समय रहे? 30 वर्ष / 12 राशियाँ = 2.5 वर्ष या 2 साल और 6 महीने या 30 महीने। यह भी कह सकते हैं कि शनि 1 महीने में औसत 1 डिग्री (30 डिग्री = 30 महीने) चलते हैं।


Get Detailed Kundli Predictions with Brihat Kundli Phal


शनि का गोचर: जन्म समय पर शनि भचक्र में जिस स्थिति में होते हैं वही स्थिति लग्न कुंडली में अंकित होती है। आपके समक्ष प्रस्तुत कुंडली के समय का शनि गोचर आपको ज्ञात होता ही है और अगर डिग्री के साथ ज्ञात होगा तो आपके अनुमान में सटीकता आ जायेगी।

गुरु का भ्रमण: सौरमंडल में सभी ग्रहों की भांति गुरु भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। गुरु को सूर्य की एक परिक्रमा (12 राशियाँ) करने में 11.86 वर्ष यानी लगभग 12 वर्ष लगते हैं। क्योंकि भचक्र 12 राशियों में बराबर बंटा हुआ है तो गुरु एक राशि में कितने समय रहे? 12 वर्ष / 12 राशि = 1 वर्ष। यह भी कह सकते हैं कि गुरु 1 महीने में औसत 2.5 डिग्री (30 डिग्री / 12 महीने) चलते हैं ।

गुरु का गोचर: शनि की भांति ही गुरु की गोचर स्थिति भी आपको ज्ञात होनी चाहिये। आइये, अब उपरोक्त जानकारी के आधार पर एक उदाहरण द्वारा जातक की अनुमानित उम्र निकालें। मान लीजिये कि उदाहरण कुंडली-1 आपके समक्ष 05-दिसम्बर-14 को आयी जिस दिन सूर्य, गुरु और शनि का गोचर निम्न था। आसानी के लिये, कुंडली में ही गोचर स्थिति लिख दीजिये या फिर उसकी कल्पना कर लीजिये जो कुछ इस प्रकार होगी: अब, नियमबद्ध तरीके से उपरोक्त कुंडली के जातक की उम्र निकालते हैं:

शनि को जन्मांग स्थिति से गोचर स्थिति तक का लगने वाला समय? जन्मांग शनि, मेष राशि में 15°°28’ पर हैं अर्थात उन्हें वृषभ में पहुँचने तक के लिए लगभग 14° यानी 14 मास या 1 साल 2 मास चलना पड़ा होगा। वृषभ राशि में प्रवेश के पश्चात, वृश्चिक में प्रवेश तक शनि ने 6 राशियां पार की होंगी जिसमें उन्हें लगभग 15 वर्ष (6 राशि 2.5 साल/राशि) लगे होंगे। शनि वृश्चिक राशि में 3°50’ पर है

यानी वह वृश्चिक में 3 महीने चल चुके हैं। अर्थात, शनि को जन्म स्थिति से 05-दिसम्बर-14 की गोचर स्थिति तक आने में लगभग समय लगा। 1 साल 2 मास $ 15 साल $ 3 मास। कुल करीब 16 साल (इस गणना में 16 साल 5 मास को 16 साल ही लें क्योंकि शनि का भ्रमण काल 29.46 वर्ष है और हमने इसे आसान गणना के लिए 30 वर्ष माना है)।


जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें !


उपरोक्त गणना को और अधिक आसानी से समझने के लिये अगर चित्रांकित किया जाये तो कुछ इस प्रकार होगा: निश्चित रूप से अब आप यह जान चुके हैं कि शनि अपनी जन्मांग स्थिति से 05-दिसम्बर-14 की गोचर स्थिति में कब-कब आयेगा: Û लगभग 16 साल में Û फिर से 46 साल में क्योंकि शनि तीस साल के बाद पुनः इस स्थिति में आ आयेगा Û और फिर से 76 साल में अब हम इस विधि में कुछ और विस्तार करके सटीक परिणाम तक पहुंचेंगे और इसमें गुरु हमारी सहायता करने को उत्सुक हैं। कैसे? आइये देखें:

हमें केवल यह देखना है कि क्या जन्मांग गुरु 16, 46 या 76 वर्षों में 05-दिसम्बर-14 को अपनी गोचर स्थिति में होंगे? उपरोक्त उदाहरण से ही समझते हैंः 16 वर्ष के लिये: गुरु लगभग एक वर्ष में एक राशि पार करते हैं अर्थात गुरु 12 वर्षों में पुनः अपनी जन्म स्थिति कन्या पर आ जायेंगे और तत्पश्चात 4 अतिरिक्त वर्षों में कन्या से मकर में पहुँच जायेंगे। अगर जातक 16 वर्ष का होता तो 05-दिसम्बर-14 को गुरु को गोचरवश कर्क में होना चाहिये था जो कि नहीं है। अर्थात, जातक 16 वर्ष का नहीं है।

46 वर्ष के लिये: उपरोक्त वर्णनानुसार गोचर के गुरु 12 के गुणांक वर्षों में ही पुनः जन्म स्थिति पर होते हैं। अर्थात, 36 वर्षों में जन्म स्थिति पर ही होंगे। बाकी 10 वर्षों में कन्या से कर्क में पहुँच जायेंगे। यही 05-दिसम्बर-14 को गुरु की गोचरवश स्थिति भी है। अर्थात, जातक की अनुमानित उम्र 46 वर्ष है। 76 वर्ष के लिये: गुरु गोचर में लगभग 72 वर्षों में पुनः अपनी जन्म स्थिति पर आ जायेंगे और बचे हुए 4 वर्षों में कन्या से धनु तक ही पहुँच पायेंगे। अर्थात, जातक 76 वर्ष का नहीं हो सकता है। उपरोक्त गणना से यह निकला कि जातक लगभग 46 वर्ष यानी 2014: 46 = 1968- 1969 में पैदा हुआ होगा।

जातक का सही जन्म वर्ष 1969 है। शनि का जन्मांग स्थिति से गोचर स्थिति तक का सफर 4. जन्म मास एवं दिनांक लग्न कुंडली से अनुमानित जन्म मास और जन्म तारीख निकालने का आधार लग्न कुंडली में सूर्य की राशि और उसके भोगांश होते हैं। इसके लिये हमें सूर्य का निम्न निरयन राशि प्रवेश समय ज्ञात होना चाहिये: यदि आरम्भ में सूर्य-राशि प्रवेश मास याद रखने में कुछ कठिनाई आये तो निम्न सहायता का उपयोग करें: जन्म मास: सर्वप्रथम सूर्य प्रवेश तारीख को मास का मध्य मान लें। फिर, सूर्य स्थित राशि संख्या में 3 जोड ़ दें और कुल संख्या को मास संख्या मान लें। जैसे 1=जनवरी, 12=दिसंबर, 15=मार्च इत्यादि। उदाहरण के तौर पर अगर कुल जोड़ 10 आया तो सूर्य ने इस राशि में 10वें मास यानि अक्तूबर के मध्य में प्रवेश किया और नवम्बर में मध्य तक रहे। अब, अगर सूर्य के जन्मांग भोगांश 15 डिग्री से कम हों तो 3 जोड ़ने के बाद प्राप्त मास ही जन्म मास होगा। और अगर सूर्य के भोगांश 15 डिग्री से अधिक हों तो राशि संख्या में 4 जोड ़ दें।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


इसी मास मध्य में सूर्य राशि का समाप्ति समय भी होगा। अर्थात, सूर्य ने इससे पहले वाले (सूर्य स्थित राशि संख्या 3) मास के मध्य में प्रवेश किया होगा और इस मास के मध्य तक इस राशि में रहेंगे। उपरोक्त उदाहरण-1 में सूर्य सिंह राशि में 12°38’ पर हैं, अर्थात 15 डिग्री से कम। इसलिए सिंह राशि संख्या 5 में 3 जोड ़ने पर 8 आएगा यानी जन्म महीना अगस्त है। जन्म दिनांक: सूर्य ने सिंह राशि में 17 अगस्त को प्रवेश किया। 17 अगस्त से प्रतिदिन 1 डिग्री की औसत गति से लगभग 12 दिन में जन्मांग स्थिति (सूर्य 12°38’) पर पहुंचेंगे। अर्थात, जन्म तारीख 17 अगस्त ़ 12 दिन = 29 अगस्त के आस पास होगी।

जातक का सही जन्म दिनांक: 29-अगस्त-1969 3. जन्म समय अनुमानित जन्म समय निकालने के लिए हम लग्न कुंडली में सूर्य स्थित भाव को देखेंगे और निम्न समय अवधि से अनुमानित जन्म समय निकाल लेंगे। उपरोक्त उदाहरण में सूर्य अष्टम भाव में था इसलिये जन्म समय सायं 7 और 9 के बीच हुआ होगा। जातक का सही जन्म समय: सायं 8 बजे नोट: हमने सूर्योदय का औसत समय प्रातः 5 बजे माना है। जातक के जन्म स्थान और जन्म मास के औसत सूर्योदय समय के अनुसार से आप थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। जैसे, दिल्ली के आसपास नवम्बर और दिसम्बर में सूर्योदय का औसत समय लगभग 7 बजे है।

अर्थात, 5-7 की बजाय 7-9 से तालिका की शुरुआत करें। 5. उदाहरण: उपरोक्त उदाहरण करने के पश्चात आप इस विधि को सर्वप्रथम अपनी कुंडली पर अपनायें और उसके बाद आप निम्न उदाहरणों पर अभ्यास भी करें: 1. जन्म वर्ष: जन्मांग शनि मेष में हैं और उन्हें वृषभ में जाने के लिए लगभग 26 डिग्री अर्थात 26 महीने लगे होंगे। तत्पश्चात, वृषभ से वृश्चिक में प्रवेश तक 6 राशि और पार की होंगी यानि 6ग2.5 = 15 साल लगे होंगे। 05-दिसम्बर-14 के गोचर में शनि वृश्चिक में 4 डिग्री से कम हैं अर्थात वृश्चिक में उन्हें करीब 3 महीने हो चुके होंगे।

अर्थात, जातक 2 साल 4 महीने $ 15 साल $ 4 महीने = करीब 17/47/ 77 साल का हो सकता है। अब, जन्मांग गुरु से इसकी पुष्टि करते हैं। गुरु 12 साल में पुनः जन्मांग स्थिति कुम्भ में आते और 17 साल में कुम्भ से कर्क में पहुँच जाते। 05-दिसम्बर-14 को गुरु गोचरवश कर्क में ही हैं। अर्थात, जातक लगभग 17 वर्ष का है। जन्म मास: जन्मांग सूर्य वृश्चिक राशि यानी राशि संख्या 8 में 15 डिग्री से अधिक है।

अर्थात, 8$4 = 12वां मास। दिसंबर (नवम्बर मध्य में राशि प्रवेश और दिसंबर मध्य में राशि समाप्ति)। जन्म दिनांक: सूर्य ने वृश्चिक राशि में 16 नवम्बर (8$3=11) को प्रवेश किया और 16 डिग्री (=16 दिन) चल चुका है। जन्म तारीख = 16 नवम्बर $ 16 दिन = 2 दिसंबर। जन्म समय: सूर्य लग्न में है तो जन्म प्रातः 5 से 7 के बीच में होना चाहिये। क्योंकि दिसंबर में औसत सूर्योदय समय लगभग 7 बजे होता है तो जातक का जन्म प्रातः 7 से 9 बजे के बीच हुआ होगा। जन्म वर्ष: जन्मांग शनि वृश्चिक में हैं और उनकी 05-दिसम्बर-14 की गोचर स्थिति भी वृश्चिक ही है।


Navratri Puja Online by Future Point will bring you good health, wealth, and peace into your life


अगर गुरु भी जन्म और गोचर में एक ही जगह होते तो जातक की उम्र लगभग एक साल या 30 साल की या 60 साल होती क्योंकि शनि इस स्थिति में पुनः 30 या 60 साल में ही आयेंगे। अब गुरु से पुष्टि करते हैं। क्योंकि गुरु की जन्म स्थिति और 05-दिसम्बर-14 की गोचर स्थिति अलग-अलग है तो जातक 1 साल के लगभग नहीं हो सकता। 30 साल को देखने के लिए, गुरु तो 24 साल में पुनः कुम्भ में ही आते और अतिरिक्त 6 वर्षों में 6 राशि पार करके कर्क या कर्क के करीब होते, अर्थात जातक लगभग 30 साल का है।

जन्म मास: जन्मांग सूर्य सिंह राशि संख्या 5 में है और 15 डिग्री से कम है, अर्थात 5़3=8 वां महीना अर्थात जन्म महीना अगस्त। जन्म दिनांक: सूर्य ने सिंह राशि में 17 अगस्त को प्रवेश किया था और 3 डिग्री (=3 दिन) चल चुके हैं। जन्म तारीख = 17 अगस्त $ 3 दिन = 20 अगस्त। जन्म समय: सूर्य प ंचम में है तो जन्म रात्रि 9 से 11 के बीच में होना चाहिये। जन्म वर्ष: जन्मांग शनि धनु में हैं और लगभग 30 डिग्री पूरे हो चुके हैं अर्थात उसे मकर में प्रवेश करता हुआ मान सकते हैं।

शनि ने मकर से वृश्चिक प्रवेश तक दस राशि और पार की होगी, अर्थात करीब 22.5 साल और लगे होंगे। शनि की 3°50’ स्थिति पर पहुँचने में करीब 4 महीने और लगे होंगे। अर्थात, जातक लगभग 24 या 54 या 84 का होगा। अब गुरु से पुष्टि करते हैं। जन्मांग गुरु और गोचर गुरु कर्क में ही हैं और यह स्थिति तो 12/24/36/48/60 में ही संभव है। अर्थात, जातक लगभग 24 साल का है। जन्म मास: सूर्य, वृश्चिक राशि संख्या 8 में है और 15 डिग्री से अधिक है तो 8$4=12 वां महीना अर्थात जन्म महीना दिसंबर। जन्म समय: सूर्य एकादश में है इसलिए जन्म प्रातः 9 से 11 के बीच होना चाहिये। जन्म दिनांक: सूर्य ने वृश्चिक राशि में प्रवेश किया 16 नवम्बर (8़3=11 वें महीने में) को और 23 डिग्री (=23 दिन) चल चुका है। जन्म तारीख = 16 नवम्बर ़$ 23 दिन = 9 दिसंबर।

जातक का सही जन्म विवरण: 09-दिसं.-1990, प्रातः 10.35 बजे 6. निष्कर्ष: भविष्यकथन के लिये कुंडली का सही होना उतना ही आवश्यक है जितना शरीर में प्राण। इस विधि द्वारा आप किसी भी कुंडली के विवरण की आसानी से जांच कर सकते हैं। आज के आधुनिक युग में कुछ लोग गलत कुंडली बनवा लेते हैं ताकि कुंडली मिलान आसानी से हो सके। ऐसे में हमारा भी कर्तव्य बनता ही है कि हम भविष्यकथन से पहले एक बार कुंडली के सही होने को भी परख लें।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.