पहले व्यापार का मूल साधन वस्तु विनिमय था। एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु खरीदी जाती थी। इससे पहले गायों के माध्यम से ही व्यक्ति की आर्थिक स्थति का मूल्यांकन होता था। वस्तु विनिमय के बाद धातु, चमड़ा,सोना, चांदी, तांबा, कांसा, इनके सिक्कों के द्वारा लेन-देन होने लगा फिर कागज की खोज हुई, फिर कागज के रुपये आये। आज के इस वैज्ञानिक युग में प्लास्टिक मनी, क्रेडिट कार्ड, चेक आदि का प्रचलन है। परंतु शेयर बाजार में तो कम्प्यूटर इलेक्ट्राॅनिक मनी का प्रचलन आया क्योंकि वस्तु के लेन-देन में कम्प्यूटर द्वारा एक खाते से दूसरे खाते में लेन देन का मुख्य हिस्सा बन गया। सही मायने में शेयर को अगर देखें तो एक प्रकार की भागेदारी है।
उस कंपनी में जिसके शेयर लिये गये हैं। पहले जब वस्तु विनिमय होता था तो उस वस्तु के कारक ग्रह से होता था। जैसे अनाज के लिए शुक्र, राजनीति के लिए शनि, सोने के लिए सूर्य, चावल के लिए चांदी, दूध से बनी वस्तु के लिए चंद्र, दवाई व मेडिकल से संबंधित वस्तु के लिए मंगल आदि का विचार किया जाता था। परंतु अब तो सारा व्यापार शेयर बाजार से होता है। कम्पयूटर और दिमाग का मालिक राहु और सूर्य है और शेयर का मालिक बृहस्पति। अर्थात् जिसके सूर्य, राहु व बृहस्पति अच्छे हुए, वह उत्तम व्यापारी होगा।
बृहस्पति व्यापार, सूर्य उत्तम दिमाग, राहु अस्तित्व में आने वाले विचार। सूर्य, राहु व बृहस्पति कुंडली में अच्छा होगा तो व्यक्ति अच्छा व्यापारी होगा परंतु सूर्य की महादशा में राहु का अंतर होगा तो अच्छा नहीं होगा। सूर्य, बृहस्पति की महादशा में राहु के अंतर आने पर क्या अच्छा होगा। परंतु हम इस पर ऐसे नहीं सोच सकते, परंतु हमें किसी निर्णय पर जाने से पहले यह सोचना पड़ेगा कि राहु कुंडली में किन-किन भावों में हो तो व्यापार अच्छा होगा। इससे भी पहले हमें यह देखना चाहिए कि राहु, सूर्य और बृहस्पति किस नक्षत्र में हैं
क्योंकि इसमें नक्षत्रों का सेल ज्यादा होगा, इस पर भी विचार करना चाहिए। जैसे पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र हो, शुक्रवार हो और राशि मकर हो तो भारी मशीनरी, सिमेंट, स्टील आदि चीजों में बढ़ोत्तरी करेगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत के शेयर बाजार तेजी की ओर जा रहे हैं। देखा जाय तो विश्व स्तरीय आर्थिक मापदंड के निवेश के चलते पूरे विश्व के बाजारों में तेजी का रूख है। आने वाले समय में अप्रैल महीने में साॅफ्टवेयर, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, सूचना उद्योग से संबंधित वस्तुओं में उत्साह देखा जा सकता है।
इसी प्रकार मई महीने में धनिष्ठा नक्षत्र, कुंभ राशि में, रविवार से महीना शुरू होगा। इस महीने के पंचक से आरंभ होने के कारण अचानक तेजी- मंदी दोनों हो सकती है अर्थात् स्थिरता रहेगी, मास के अंत तक कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर, इलेक्ट्राॅनिक और वाहनों से संबंधित सामान में तेजी आयेगी जो ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। जून महीने में रेवती नक्षत्र, मेष राशि बुधवार के दिन से महीने के शुरूआत होगी, यह भी स्थिरता का कारक है।
परंतु मास के मध्य में कुछ सुधार आयेगा जिसमें दूर संचार, गैस, पेट्रोलियम व धातुओं के शेयर में सुधार आने की संभावना रहेगी।