अंक विद्यानुसार वर्ष ‘2016’ के अंकों का कुल योग 2+0+1+6 = 9 आता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अंक 9 मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है अर्थात वर्ष 2016 में मंगल ग्रह का प्रभाव अधिक रहेगा। शास्त्रानुसार मंगल अग्नि तत्व की राशि मेष व जल तत्व की राशि वृश्चिक का स्वामी है। मेष राषि की त्रिकोण राशियां सिंह व धनु हैं तथा वृश्चिक राशि की त्रिकोण राशियां मीन व कर्क हैं। मंगल की उच्च राशि मकर है।
अतः मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर व मीन राशि वालों के लिये यह वर्ष कुछ विशेष ही रहेगा यानि कि शुभ मंगल जातक के जीवन को उत्थान व अषुभ मंगल जातक के जीवन को पतन भी दे सकता है। वैदिक ज्योतिष में कहा गया है कि हनुमान जी के भक्तों के लिये मंगल ग्रह कभी दुःखदायी नहीं होता अर्थात नववर्ष 2016 में हनुमान जी व मंगल देव की पूजा व आशीर्वाद से शुभत्व में वृद्धि और अशुभता का नाश किया जा सकता है।
वर्ष 2016 में विभिन्न जातक अपनी चंद्र राशि या नाम राशि अनुसार हनुमान जी व मंगल देव के विभिन्न मंत्रों का जाप कर सुख, समृद्धि, शांति प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें चाहिये कि लेख में दिये गये मंत्रों में से अपनी राशि अनुसार हनुमान जी के व मंगल के मंत्र चुनें।
फिर श्रद्धा भक्ति से नववर्ष में शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू कर रोजाना सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर, रुद्राक्ष की माला लेकर, हनुमान जी व मंगल देव की तस्वीर या यंत्र के सम्मुख उचित आसन पर बैठकर, धूप दीपादि जलाकर, पुष्प, अक्षत, वस्त्र, फल आदि अर्पण कर, हनुमान जी के मंत्रों की एक माला यानि 108 बार जाप करें।
तत्पश्चात भोजपत्र पर बने मंगल के यंत्र के सम्मुख पुष्प, मिष्टान्न आदि अर्पण कर, मंगल के मंत्रों की एक माला जाप करें। राशि अनुसार हनुमान जी व मंगल के विभिन्न मंत्र इस प्रकार से हैं
- राषि हनुमान जी के मंत्र मंगल के मंत्र विविध उपाय
1. मेष वृश्चिक म्नोजवं मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये।। ऊँ अं अंगारकाय नमः और ऊँ भौं भौमाय नमः। गायत्री मंत्र का भी जाप करें। हरा रंग न पहनें। श्री विष्णु जी की आरती रोजाना करें।
2. वृष तुला ऊं आंजनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि। तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्।। ऊँ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्।। ऊँ भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा। वृष्टिकृद् वृष्टिहर्ता च पीड़ां हरतु मे कुजः।। श्री गणेश जी की भी उपासना करें। पीला रंग न पहनें। शनिवार को पीपल पर जल दें।
3. मिथुन कन्या ऊँ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो मारुतिः प्रचोदयात्।। धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।। मंा दुर्गा की भी उपासना करें। लाल रंग भी न पहनें। शनिवार को पीपल पर जल भी दें।
4. कर्क ऊँ हरं हरि हरिश्चंद्र हनुमंत हलयुधम। पंचक वै स्मरेन्नित्यं घोर संकटनाशनम्।। ऊँ आं क्रौं ह्रीं श्रीं क्लीं भौमारिष्ट निवारक श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नमः शांति कुरु कुरु स्वाहा। भगवान शिव की भी उपासना करें। काला व हरा रंग न पहनें। बुधवार को मूंग की दाल का दान दें।
5. सिंह ऊँ हरं हरि हरिश्चंद्र हनुमंत हलयुधम। पंचक वै स्मरेन्नित्यं घोर संकटनाशनम्।। ऊँ क्षितिपुत्राय विद्महे लोहितांगाय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्। भगवान विष्णु की भी उपासना करें। सफेद व काला रंग भी न पहनें। सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ायें।
6. धनु मीन ऊँ हनुमते नमः।। मर्कटेश महोत्साह सर्व शोक विनाशाय। शत्रुन् संहार मां रक्ष श्रियं दापय मे प्रभो। ऊँ हनुमते नमः।। रक्ताम्बरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगतो गदाभृत्। धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदायमस्मद् वरदः प्रसन्नः।। भगवान सूर्य की भी उपासना करें। काला रंग न पहनें। शुक्रवार को खीर का दान दें।
7. मकर कुंभ ऊँ रामदूताय विद्महे कपिराजाय धीमहि। तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्।। ऊॅं क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। मां दुर्गा की भी उपासना करें। पीला रंग भी न पहनें। चाय का सेवन न करें। रविवार को गुड़ का दान दें।