नवग्र्रहों की शांति के सटीक उपाय
नवग्र्रहों की शांति के सटीक उपाय

नवग्र्रहों की शांति के सटीक उपाय  

शुभेष शर्मन
व्यूस : 9343 | अकतूबर 2010

सौर मंडल के ग्रहों का सभी प्राणियों पर राशि चक्र के अनुसार अच्छा बुरा प्रभाव निरंतर पड़ता रहता है। जन्म लग्न, दया, महादशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतरों का प्रभाव अवश्य फल दिखाता है। नाम राशि के अनुसार भी गोचर के ग्रह अपना प्रभाव देवन्दिनी के अनुसार दिखाते हैं। लग्न, जन्मराशि तथा नाम राशि से चैथे, आठवें, बारहवें स्थान की स्थिति का प्रभाव सभी पर पड़ता है। प्रधानतः नौ ग्रहों के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए क्रमशः कुछ उपाय निर्देशित कर रहे हैं कृपया इनका लाभ सभी सज्जनवृंद उठाएंगे। सूर्य: सूर्य को प्रसन्न करने के लिए शिक्षित लोगों को आदित्यहृदय का पाठ अवश्य करना चाहिए।

माता-पिता की सेवा तथा सूर्य को अर्द्ध जल में रोली तथा लाल पुष्प डाल कर देना चाहिए। सोना-तांबा तथा चीनी, गुड़ का दान भी करें। सूर्योदय से पूर्व उठें तथा रविवार का व्रत करें नमक का परहेज करें, बुजुर्गों का सम्मान करें तथा उनकी परंपरा को सम्मानपूर्वक निभाएं। चंद्र: चंद्र को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव का ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र जप करें। पानी वाला नारियल, सफेद चंदन तथा चांदी का चंद्रमा, बिल्वपत्र, सफेद मिष्ठान का भगवान शंकर को भोग लगाएं। सोमवार का व्रत करें तथा सफेद वस्त्र का दान करें। पहाड़ों की यात्रा तथा माता के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें। मंगल: मंगल की प्रसन्नार्थ श्रीहनुमान भगवान के चमेली का तेल सिंदूर शुद्ध घी में चोला चढ़ावें तथा मंगल स्तोत्र का पाठ करें।

इमरती, जलेवी, बूंदी तथा चूरमे का प्रसाद अर्पण करें। भाईयों के समक्ष छवि ठीक रखें। मंगलवार का व्रत करें। पड़ोसियों, मित्रों तथा साथ में काम करने वालों से अच्छा व्यवहार रखें। बुध: ग्रह की प्रसन्नता के लिए भगवती दुर्गा की पूजा, अर्चना करनी चाहिए। किन्नरों की सेवा करनी चाहिए। हरे मूंग भिगोकर पक्षियों को दाना डालें। पालक हरा चारा गायों को खिलावें। पक्षियों विशेषकर तोतों को पिजरों से स्वतंत्रता दिलावें। नौ वर्ष से छोटी कन्याओं के पद पक्षालन अर्थात पैर धोकर उनको प्रणाम करके आशीर्वाद प्राप्त करें। बुधवार का व्रत रखें। मां भगवती दुर्गा का पूजार्चन करें।

मंत्रानुष्ठान हवन करके बुध की अनुकंपा प्राप्त करें। बृहस्पति: देव गुरु बृहस्पति की प्रसन्नता के लिए ब्राह्मणों का सम्मान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। चने की दाल तथा केशर का मंदिर में दान करें। केशर का तिलक मस्तकपर लगावें एवं ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का योग्य व्यक्तियों को दान करें। भगवान ब्रह्मा का केले में पूजन तथा कुल पुरोहित का सम्मान करके आशीर्वाद प्राप्त करें एवं यथाशक्ति स्वर्ण का दान करें। शुक्र: ग्रह की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए कनकधारा महालक्ष्मी का दैनिक पाठ करना चाहिए। वस्त्र स्वच्छ पहनने चाहिए तथा पत्नी का सम्मान करना चाहिए। गोमाता की सेवा तथा गोशाला में गुड़, हरी चारा, चने की दाल गायों को खिलावें। विशेष रूप से श्री विद्या का पूजन करावें।

एकाक्षी ब्राह्मण को कांशी के कटोरे में खीर खिलाकर दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें। विशेष परिस्थिति में रोग हो तो मृतसंजीवनी का मंत्र जप करावें। संयम से रहें। व्यवनों से बचें। शनि: ग्रह की प्रसन्नतार्थ पीपल तथा भैरव का पूजन करें। इमरती, उड़द की दाल, दही बड़े भैरव जी को चढ़ावें व बांटें। मजदूरों को तला हुआ सामान बांटें। शनिवार का व्रत करें। ताऊ, चाचा से अच्छे संबंध बनाए रखें। श्री हनुमान चालीसे तथा सुंदर कांड के नियमित पाठ करें। शनिवार को तिल के तेल का शनि पर अभिषेक करें, दक्षिणा दें। राहु: राहु की प्रसन्नता के लिए माता सरस्वती का पाठ, पूजन करना चाहिए। रसोई में बने हुए भोजन का प्रातः जलपान करें।

पूर्णतया शाकाहारी रहना चाहिए। किसी भी प्रकार का बिजली का सामान इकट्ठा न होने दें तथा बिजली का सामान मुफ्त में न लें। नानाजी से संबंध अच्छे रखें। अश्लील पुस्तकें बिल्कुल न पढ़ें। केतु: ग्रह की अनुकूलता के लिए भगवान श्रीगणेश जी का पूजार्चन करना चाहिए। बच्चों को केले तथा कुत्तों को तेल लगाकर रोटी खिलानी चाहिए। कुत्तों को चोट भी न मारें। मामाजी की सेवा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। किसी भी धर्म स्थान पर ध्वजा चढ़ावें। उक्त उपायों के करने से अवश्य सफलता, शांति तथा उत्साह मिलेगा।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.