कालसर्प दोष, कारण समस्याएं और निवारण
कालसर्प दोष, कारण समस्याएं और निवारण

कालसर्प दोष, कारण समस्याएं और निवारण  

शुभेष शर्मन
व्यूस : 14068 | मई 2011

काल सर्प दोष :कारण, समस्याएं और निवारण शुभेश शर्मन जआज के विज्ञान प्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति अपनी समस्याओं के लिए कार्य और कारण केबीच संबंध स्थापित करता है। ज्योतिष में कालसर्प दोष होने पर उसका कारण पूर्व जन्म केकार्यों अथवा वर्तमान जीवन की विकृत कार्यशैली ही बताया गया है। प्रत्येक प्रकार केकालसर्प योग के लक्षण तथा उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं तथा उसके समाधान काविवरण इस लेख में दिया गया है। ब हमारी जन्मकुंडली मेंकालसर्प योग की चर्चा आतीहै या कालसर्प योग के बारे में कोईबताता है। तो प्रश्न उठता है किहमने ऐसा क्या किया जिसकी वजहसे हमारी कुंडली में यह योग बनगया। नीचे बताये गये कार्यों से यहदोष उत्पन्न होता है। नागों के आठ कुल हैं। पूर्व जन्म मेंया पूर्व से पूर्व जन्म में ज्ञान से याअज्ञान से सर्प को मारना या सतानाया किसी प्रकार का कष्ट देनाअधिकांशत कालसर्प दोष को पैदाकरता है।

किसी भी प्रकार से अपने पूर्वजोंकी परंपरा का निर्वाह नहीं करना,श्राद्ध आदि से परहेज करना अथवाअपने बुजुर्गों द्वारा पूजित देवताओंअथवा कुल देवता का पूजन बंदकरना या पूजन न करना। पूर्व जन्म में किसी को विष देने याविषाक्त भोजन कराकर हत्या करदेने से आपकी कुंडली में कालसर्पदोष होता है। शास्त्रों के अनुसारपितरों को सर्प योनी में माना गयाहै सर्प भगवान शिव के आभूषण हैं।भगवान विष्णु सर्पों पर सोते हैं सर्प भूमि के नीचे बिलों में रहते हैं।कालसर्प दोष द्वादश प्रकार के हैंजिन्हें उदित या अनुदित रूप मेंदेखा जाता है। राहु के मुख मेंसातों ग्रहों का आ जाना उदितकालसर्प योग होता है। सारे ग्रहराहु के पीछे आने पर अनुदितकालसर्प दोष होता है जिसकाअधिक बुरा नहीं मानागया है। द्वादश प्रकार के कालसर्प दोषों केफल भिन्न-भिन्न हैं।

1. अनंत नामक कालसर्प योगपरदेशगामी बनाता है। व्यक्ति कोविदेश में निवास करवाता है। इसकेकारण जातक को सारी जिंदगी षडयंत्र तथा सरकारी परेशानियां देखनी पड़तीहैं। महिलाओं से विशेष लाभ औरहानि का योग बनता है। लगभग 45वर्ष तक जीवन में परेशानियां रहतीहैं, तरक्की के लिए संघर्ष करना पड़ताहै और कभी-कभी अध्यात्म की ओरभी ले जाता है।

2. कुलिक नामक कालसर्प दोष बाधाउत्पन्न करता है आर्थिक दृष्टि सेपरेशानी रहती है। यश मुश्किल सेप्राप्त होता है व व्यक्ति कामुक स्वभावका भी होता है। उसकी पूर्ति के लिएधन का दुरुपयोग भी करता है। ऐसेव्यक्ति को बुरा बोलने से बचना चाहिए।जिस परिवार में जन्म होता है उसकेसदस्यों से संबंध अच्छे नहीं होते,परंतु बहुत संघर्ष के बाद, मध्यम आयुके उपरांत सफलता मिलती है। ऐसेलोग शारीरिक रूप से भारी व मोटेहोते हैं।

3. वासुकी कालसर्प योग वालाव्यक्ति सारी उम्र दूसरों के लिए कामकरता रहता है। अपनी जिंदगी मेंसिद्धांतों का पक्का होता है। अस्थमाकी बीमारी से भी पीड़ित होता है वंशवृद्धि में बाधा उत्पन्न होती है।

4. शंखपाल कालसर्प योग वाले व्यक्ति परदेशगामी और एकांत मेंनिवास करने वाले होते हैं बहुत अधिकखर्चीला होता है।

5. पदम कालसर्प योग के कारणअज्ञात शत्रुओं से परेशानी होती है।पति-पत्नी व जायदाद के संबंधकटुता पूर्ण होते हैं। धोखे का योगबनता है। कई बार व्यक्ति के साथगुप्त शत्रु और गुप्त बीमारियों का योगबनता है। कभी-कभी विशेष आर्थिकलाभ होता है। बड़े परिवार में जन्महोता है। मित्रों से सावधान रहनाचाहिए।

6. महापदम नामक कालसर्प दोषव्यक्ति को संपत्तिशाली परिवार में जन्मदेता है। चरित्र संदिग्ध रहता है। शत्रुबहुत हावी होते हैं। मानसिक रूप सेव जायदाद से परेशान होता है। लंबीबीमारी का सामना करना पड़ता है,विशेषतः शत्रु जयी होता है।

7. तक्षक कालसर्प योग वाले व्यक्तिको पारिवारिक या गृहस्थ जीवन मेंअसुविधाएं रहती हैं। दिया हुआ धनवापस नहीं आता, पैसे के कारण परिवारमें अशांति रहती है, पर ऐसा व्यक्तिप्रसिद्ध होता है।

8. कर्कोटक नामक कालसर्प योगवाले व्यक्ति का भाग्य उदय बहुत देरसे होता है तथा चोट लगने के कारणशारीरिक पीड़ा होती है, बुजुर्गों सेलाभ नहीं मिलता।

9. शंखचूड़ कालसर्प योग वालेव्यक्ति के नौकरी तथा व्यवसाय मेंअधिक उतार-चढ़ाव होते हैं। आर्थिकस्थिति अच्छी नहीं रहती। गोद जानेका योग होता है, वाहन सुख कमजोरहोता है और ऐसे लोग शरीर से मोटेहोते है।

10. घातक कालसर्प योग वाले व्यक्तिको नौकरी में असुविधा रहती है। संतान का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता।माता-पिता से दूरी रहती है आजीवनकोर्ट-कचहरी का विशेष चक्कर होताहै। अगर राजनीति में हो तो विशेषलाभ और विशेष हानि रहती है। जन्मस्थान से दूर रहना पड़ता है। स्वास्थ्यअच्छा नहीं रहता, ऐसे लोगों को समझपाना मुश्किल होता है। दुर्घटना कायोग होता है। गंभीर रोग देता है।

11. विषधर कालसर्प योग वाले व्यक्तिको पिता के सुख में कमी रहती है।थोड़े से भी सुख के लिए विशेष परिश्रम करना पड़ता है।

12. शेषनाग कालसर्प योग व्यक्तिको एकांत में निवास करने वाला बनाताहै गुप्त प्रेम का योग रहता है। झगड़ोंमें पराजय का सामना करना पड़ता है।

संतान सुख में परेशानी रहती है।धोखा ज्यादा मिलता है। अध्यात्म काप्रबल योग रहता है। 12 प्रकारका काल सर्पदोष उदित याअनुदित रूप में देखाजाता है। राहु के मुखमें सातों ग्रहों का आजाना उदित काल सर्पयोग होता है। सारेग्रह राहु के पीछेआने पर अनुदितकालसर्प दोषहोता है। कालसर्प दोष निदान के लिएशास्त्रानुसार आठ प्रकार के मंत्रों काजप करना जरूरी होता है। भगवानविष्णु, भगवान शिव, राहु व केतु, नवनाग स्तोत्र व पितृगायत्री व मंगलग्रह के मंत्रों का जप व नीलकंठ स्तोत्रका पाठ करें। मंत्र जप सवा तीनलाख किया जाता है। एक चौकी पर जातक की कुंडलीबना करके, सफेद अथवा क्रीम कलरके वस्त्र पर तांबे के कलशों में सोनेतथा चांदी के सर्प स्थापित करदस दिन के अंतराल में उपरोक्तमंत्र संखया को पूरा करें, तत् पश्चात्हवन करके जातक ताम्र कलशोंको सर्पों सहित गंगाजी में प्रवाहितकर दें। नारायण बली, नाग बली आदिकर्म कराएं। अमावस्या को नाग भूमि में सर्प काजोड़ा छोड़ें। भगवान विष्णु कागरुड़ासन वाला चित्र पूजा स्थानमें लगाएं, श्री विष्णु सहस्र नाम के3 पाठ करें। नाग पंचमी पर नागों का पूजनकरें। रुद्राभिषेक व लघुरुद्र अनुष्ठान करें।



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