किसी भी प्रकार के ग्रह दोष से बचने के रास्ते हैं ग्रह को किसी वस्तु के माध्यम से सकारात्मक बनाना, ग्रह को अनुनय विनय करके, प्रार्थना करके अनुकूल बनाना। यही किसी भी ग्रह को प्रसन्न करने के अति सुगम साधन हैं। अगर हमें बृहस्पति देव को प्रसन्न करना है तो संन्यासी, गुरु, ब्राह्मण, विद्वान तथा शिक्षा से संबंधित काम करने वाले व्यक्ति की सेवा करना, पीपल वृक्ष में दूध मिश्रित मीठे जल को चढ़ाना निश्चित लाभ करता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिये ब्राह्मण को खीर का भोजन कराएं, गायन, वादन करने वाले आर्टिस्ट, ललित कलाकार को भोजन कराएं, गूलर वृक्ष की परिक्रमा शुक्रवार को करके भी शुक्र ग्रह की शुभता को प्राप्त किया जा सकता है।
शनि ग्रह के लिए मध्याह्न के समय में उड़द के दान के साथ असहाय लोगों की, विकलांगों की सहायता करना, हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर मिला करके चोला चढ़ाना, भैंसे की सेवा के साथ-साथ भैंसे को तेल का छोंक लगाकर काले चने खिलाने से और शमी वृक्ष के आस-पास तेल और मीठे चावल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। भगवान सूर्य देव की प्रसन्नता के लिए रविवार को सूर्योदय के समय गेहूं, गुड़ दान करना, घोड़ों को भोजन कराने के साथ-साथ मदर वृक्ष में जल चढ़ाने से और उसे पानी में दल कर नहाने से, पिता की आज्ञा पालन करने से सूर्यदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।
चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिये चंद्रमा की रोशनी में दूध, चावल,चांदी का दान करें। पलाश के वृक्ष के सामने अथवा पलाश की जड़ सामने रखकर चंद्र देव का मंत्र जप करें। डिप्रेशन के मरीजों की सेवा करने से भी चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है। मंगलवार को सूर्योदय के लगभग एक घंटे पश्चात मीठी वस्तु का दान करें। अपंग लोगों की सहायता करें तथा मुफ्त दवाओं का वितरण करें,साथ काम करने वाले लोगांे की मदद करें/पान खाने वाले लोगों को अथवा पान लगाने वाले को कत्था का दान करें। बुध की प्रसन्नता के लिए सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद हरी वस्तुएं, साबुत मूंग दान करें। लड़कियों, कन्याओं, किन्नरों को मीठा भोजन, हलवा पूरी, बूंदी के लड्डू बांटें तथा अपामार्ग के पौधे में जल चढ़ाएं।
बहन, बहू, साली इन रिश्तों को अच्छा रखें। इन सबसे बुध देव प्रसन्न होते हैं। राहु ग्रह की प्रसन्नता के लिये शाम पांच बजे से सूर्यास्त तक काले तिल, काला कंबल दान देना चाहिए तथा सरस्वती मां की पूजा करनी चाहिए। मातुल वृक्ष की भी पूजा करनी चाहिए, इससे राहु ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं। दुर्बरोपन तथा जंगली घास के झाड़ू को जल में प्रवाहित करना चाहिए। केतु ग्रह की प्रसन्नता के लिए इमली मिला हुआ काले सफेद तिल, काला सफेद कंबल, खट्टी मीठी चीजें, केला आदि वस्तुओं का दान करें। यही वस्तुएं बृहस्पतिवार के दिन सूर्योदय से पूर्व गणेश जी को चढ़ाने के साथ कुत्ते को भोजन देने तथा कुश के आसन पर बैठ करके पूजा करने से निश्चित रूप से केतु ग्रह शुभ फल देते हैं।