आज के युग को यदि ‘‘मीडिया युग’’ भ्ीा कह दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। लोकतंत्र के इस चैथे स्तंभ की आज के युग में बहुत ही महती भूमिका है इसके आकर्षण से कोई नहीं बच पा रहा है। कैरियर के रूप में भी यह बहुत पसंदीदा बन गया है खासकर आज के युवा वर्ग को इस में अपने लिए बहुत कुछ दिख रहा है। यह गलत भी नहीं है इस में अच्छा पैसा और नाम जो मिलता है आइए जानें कि अंक ज्योतिष की दृष्टि से कौनसे योग हैं, जो कि मीडियाकर्मी बनाते हैं? सबसे पहले तो यह जानें कि जन्मांक की रूपरेखा क्या है? व्यक्ति के जन्मांक के तीन भाग होते हैं-
मूलाधार अंक भाग्यांक और चलित अंक इस मूलाधार अंक के भी तीन भाग हैं-
1. मूलांक यानि जन्म की दिनांक
2. मासांक यानि जन्म के महीने का अंक
3. वर्षांक यानि जन्म के वर्ष अंक तीनों का शताब्दी सहित योग करने पर प्राप्त ‘‘अंतिम महायोगांक’’ को ‘‘भाग्यांक’’ कहते हैं चलित अंक को जानने के लिए यह देखना होता है
कि व्यक्ति का जन्म किस अवधि में हुआ है?
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किसी व्यक्ति में इस अंकों की प्रभावी तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि उक्त अंक किस परिमाण में जीवित या मृत है? अब बात करते हैं- मूलांक की दिनांक 1,10,19 और 28 को जन्मे लोगों का मूलांक 1 होता है। दिनांक 2,11,20 और 29 को जन्में लोगों का मूलांक 2 होता है। दिनांक 3,12,21 और 30 को जन्मे लोगों का मूलांक 3 होता है। दिनां 4,13,22 और 31 को जन्मे लोगों का मूलांक 4 होता है दिनांक 5,14 और 23 को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होता है। दिनांक 6, 15 और 24 को जन्मे लोेगों का मूलांक 6 होता है दिनांक 7,16 और 25 को जन्मे लोगों का मूलांक 7 होता है। दिनांक 8,17 और 26 को जन्मे लोगों का मूलांक 8 होता है दिनांक 9,18 और 27 को जन्मे लोगों का मूलांक 9 होता है
भाग्यांक ज्ञात करने के लिए जन्म के सभी अंकों को जोड़ लीजिए अब इस का महायोग कर लीजिए जैसे कि किसी का जन्म 13 दिसंबर, 1956 को हुआ है, तो यहां हम 13$12$1956 को जोड़ेंगे इस जोड़ का अगला चरण बना-13$12$21 अब अगला चरण है- 4$3$3 इस का योग बना- 10 अब इस का महायोग बना- 1 यह इस व्यक्ति का भाग्यांक है चलित अंक जानने के लिए कैलेंडर वर्ष के विभाजन को जानना पड़ेगा सौर वर्ष सूर्य के 21 से 23 मार्च तक विषुवकाल में प्रवेश करने से आरंभ होता है सूर्य राशि-चक्र के प्रत्येक प्रतीक में से 30 डिग्री पर से गुजरता है इस प्रकार 365 दिनों का एक वर्ष माना जाता है।
इस एक वर्ष का विभाजन इस प्रकार किया गया है-
1. 21 मार्च से 20 अप्रैल-अंक 9 (धनात्मक)
2. 21 अप्रैल से 20 मई-अंक 6 (धनात्मक)
3. 21 मई से 20 जून-अंक 5 (धनात्मक)
4. 21 जून से 20 जुलाई-अंक 2-7
5. 21 जुलाई से 20 अगस्त-अंक 1-4
6. 21 अगस्त से 20 सितंबर-अंक 5 (ऋणात्मक)
7. 21 सितंबर से 20 अक्तूबर-अंक 6 (ऋणात्मक)
8. 21 अक्तूबर से 20 नवंबर-अंक 9 (ऋणात्मक)
9. 21 नवंबर से 20 दिसंबर-अंक 3 (ऋणात्मक)
10. 20 दिसंबर से 20 जनवरी-अंक 8 (ओज)
11. 20 जनवरी से 19 फरवरी-अंक 8 (सौम्य)
12. 20 फरवरी से 20 मार्च-अंक 3 (धनात्मक)
अब इस बात की चर्चा की जाए कि मीडियाकर्मी बनने के लिए किन अंकांे की भूमिका रहती है? ‘‘मीडियाकर्मी’’ शब्द बहुत व्यापक है।
इस में रिपोर्टर, प्रोड्यूसर, न्यूज़, एडिटर, काॅपी राइटर यहां तक कि सी.ई.ओ. भी आ जाता है।
अंक 4 और 3 की प्रधानता होनी बहुत जरूरी है। अंक 3 अभिव्यक्ति, ज्ञान, सम्प्रेषण, वाक् कला, जनसंपर्क, निरीक्षण, चुनाव, चयन, कलात्मक अभिरुचि आदि का है। मीडियाकर्मी के लिए ये सभी तत्व अति आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति मात्र कार्यालय तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि फील्ड में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ना चाहता है तो इन तत्वों का उसके व्यक्तित्व में समावेश अत्यंत आवश्यक है। अंक 4 सूर्य का ऋणात्मक है,
इसे राहु का अंक भी कहते हैं, यह मस्तिष्क, विचार, चिंतन, मनन, मंथन, परिष्कृत निर्णय क्षमता, नेतृत्व, त्वरित क्रियाविधि, पितृसŸाात्मकता, आधिकारिकता का अंक है। इस की प्रबलता व्यक्ति को मस्तिष्क से बहुत समृद्ध बना देती है। यदि यहां अंक 1 की भूमिका हो तो पत्रकारिता-तत्व का परिमाण बढ़ जाता है एक उदाहरण से बात अधिक स्पष्ट हो जाएगी देवर्षि नारद को सृष्टि का ‘‘आदि मीडियाकर्मी’’ माना जाता है। उनके अंक तथा बाॅडी लैंग्वेज, दोनों ही बिल्कुल इसी ढांचे में है
उनका नामांक बनता है- 13 यहां नाम का मूलांक है- 4 वृहदंक 13 में अंक 3 जीवंत रूप में हैं यहां अंक 1 की उपस्थिति से भाव की सघनता बढ़ गयी है चूकिं अंक 1 व 3 पारस्परिक मित्र एवं लोकप्रियता भाव की प्रबल युति रखते हैं, इस लिए अंक 1 व 3 के पारस्परिक समन्वय के कारण नारद देवों, दानवों, नरों, यक्षों, गंधर्वों आदि सभी में समान में समान मित्र भाव से लोकप्रिय थे नारद की पत्रकारिता कितनी उच्च कोटि की थी इन अंकों के साथ अंक 5 की भूमिका भी अति आवश्यक है
यह लिपि-बद्धता का श्रेष्ठतम अंक है। इसी कारण महर्षि वेद व्ययास ने ‘‘महाभारत’’ को लिपिबद्ध करने के लिए भगवान् गणेश को चुना था मीडिया में इस लिपिबद्धता की महŸाा से भला कौन इन्कार करेगा, भले ही अब ज्यादातर काम कंप्यूटर पर ही हो रहा है यह अंक 5 पूर्वाभास क्षमता का भी है एक सफल पत्रकार होने के लिए इस क्षमता का होना अति आवश्यक है इसी के बल पर कई पत्रकारों ने अपूर्व ख्याति पायी है अंक 5 बातों को पचाने यानि गोपनीयता का भी है
मीडिया में विभिन्न संदर्भों में गोपनीयता की महŸाा सभी जानते और मानते हैं यह अंक 5 छठी इंद्रीय का भी प्रतिनिधित्व करता है मीडिया में यदि छठी इंद्रीय जाग्रत नहीं है तो आप के किये-कराये पर पानी फिर सकता है इस प्रकार यहां अंक 3, 4 और 5 की तो प्रधान भूमिका ठहरती है।
अब यहां यह स्वाभाविक प्रश्न भी उठता है कि जैसा हम ने पहले कहा कि ‘‘मीडियाकर्मी’’ शब्द के अंतर्गत तो कई रूप आते हैं, ऐसे में भला किस रूप में कैरियर बनाने में कौन-से अंक मदद करते? आगे बढ़ने से पहले यहां यह बात स्पष्ट रूप से लेने की आवश्यक है कि जन्मांकों में सर्वाधिक प्रभावी भूमिका मूलांक और भाग्यांक की रहती है इनके बाद चलित अंक और उसके बाद मासांक और वर्षांक की भूमिका रहती है यदि 3 व 4 के साथ अंक 1 का प्रधान त्रिकोण बन रहा है
तो ऐसा व्यक्ति फील्ड रिपोर्टर, प्रभारी, प्रोड्यूसर, ब्यूरो चीफ के रूप में सफल हो सकता है। यदि इस प्रधान त्रिकोण में अंक 6 हैं तो व्यक्ति को पर्दे पर आने वाले के रूप में सफलता मिल सकती है ऐसा व्यक्ति सफल न्यूज एंकर या साक्षात्कर्ता बन सकता है यदि यहां अंक 5 की प्रधानता सम्मिलित हो जाए तो ऐसा व्यक्ति काॅपी राइटर, समाचार संपादक, डेस्क प्रभारी, इन पुट/आउट पुट प्रभारी, स्टोरी मैनेजर के रूप में सफल हो सकता है यदि यहां अंक 5 के साथ अंक 2 की भी भूमिका बन जाती है
तो ऐसा व्यक्ति इलेक्ट्राॅनिक के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी सफल हो सकता है। ऐसे लोग अपने चेहरे से कम, नाम से ज्यादा जाने जाते हैं यानि कि ये लोग पर्दे पर आने की बजाए पर्दे के पीछे रहकर ज्यादा सफल हो सकते हैं। यदि उक्त त्रिकोण में अंक 7 की प्रधान भूमिका बनती हो तो व्यक्ति लगभग सभी तरह की भूमिकाओं में काम चला सकता है यदि अंक 8 की प्रधानता बन जाए तो ऐसे व्यक्ति को फील्ड रिपोर्टर के रूप में अच्छी सफलता मिल सकती है। मंगर ऐसे लोगों को अपना कार्य-क्षेत्र नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए ये लोग अगर एक ही जगह टिके रहते हैं
तो परेशानियां होने लगेंगी इन्हें स्टूडियो-वर्क से बचना चाहिए यदि जन्मांक त्रिकोण में अंक 9 की प्रधानता आ जाए तो ऐसे व्यक्ति को दिशा-निर्देशन का प्रभाव संभालना चाहिए यदि इसके साथ इनके यहां अंक 1 की भी बलवती भूमिका हो तो यह लोग सफल सी.ई.ओ. या मुखिया सिद्ध होते हैं यदि अंक 3 व 4 की बहुत प्रबलता नहीं है,
मगर अंक 5 और 6 की प्रबलता है तो ऐसे व्यक्ति को मीडिया में मार्केटिंग में जाना चाहिए। यदि अंक 3 व 5 की तो प्रबलता तो है, मगर अंक 4 की नहीं, तो उसे विज्ञापन सेक्शन में जाना चाहिए। किस के भाग्य में क्या बनना लिखा है, यह तो उस परिमपिता परमात्मा ने लिखा रखा है,
मगर इन अंक ज्योतिषीय संकेतों का ध्यान रखा जाए तो उस लिखे हुए को समझने में तनिक आसानी हो सकती है। इन संकेंतों को समझने के बाद पुरुषार्थ के पथ पर तो पूर्ण समर्पण और निष्ठा से चलना ही होगा भगय पुरुषार्थ का विकल्प नहीं, अपितु पूूरक है।