काॅमन वेल्थ गेम्स - 2010
काॅमन वेल्थ गेम्स - 2010

काॅमन वेल्थ गेम्स - 2010  

शरद त्रिपाठी
व्यूस : 4436 | अकतूबर 2010

आज इस वर्ष भारत में अक्तूबर माह में चमत्कृत, विस्मित, पुलकित और उल्लासित कर देने वाले पावन पर्व की घड़ी आ गई। देश में अब तक आयोजित खेलों के महाकुंभ (राष्ट्रमंडल खेलों) के श्री गणेश में चंद रोज शेष हैं। कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे देशों यानी आज के राष्ट्र मंडल सदस्य देशों के बीच आयोजित यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खेल आयोजन है। ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर, सद्भावना को प्रोत्साहन व मधुर संबंध बनाए रखने के लिए एक (पैन-ब्रिटेनिक-पैन-एंग्लीकन) खेल कार्यक्रम आयोजित करने का विचार देने वाले सबसे पहले व्यक्ति एस्सले कूपर थे।

सन् 1911 में किंग जार्ज पंचम के राज्यभिषेक समारोह पर लंदन में फेस्टिवल आफ एम्पायर का आयोजन किया गया। इस समारोह में कराई गई चैम्पियन-शिप में आस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व ब्रिटेन की टीमों ने भाग लिया। 1928 में कनाडा के खेल पत्रकार राॅबिंसन को पहले ब्रिटिश एम्पायर के खेलों का आयोजन करने हेतु कहा गया तथा इसके दो साल बाद कनाडा के हेमिल्टन में इसका आयोजन हुआ।

तब से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 व 1946 को छोड़कर हर चैथे वर्ष, इसके सफल आयोजन से इसके सदस्य देशों के बीच भाईचारे व सद्भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है। 1978 के खेलों में इसका नाम बदलकर काॅमनवेल्थ गेम्स रखा गया। तब से आज तक यह चल रहा है। 1934 के खेलों में पहली बार भारत को एक कांस्य मिलने से पदकों की शुरुआत हुई तथा इसके बाद 1958 में कुल तीन पदक, 1966 में दस, 1970 में 12, 1974 में 15, 1978 में 15, 1982 में 16, 1990 में 32, 1994 में 24, 1998 में 25, 2002 में 69, 2006 में 49 इस प्रकार कुल मिलाकर 271 पदक मिले।


अपनी कुंडली में राजयोगों की जानकारी पाएं बृहत कुंडली रिपोर्ट में


यह तो बात हुई काॅमन वेल्थ गेम्स के इतिहास की। आइये अब देखते हैं कि वर्ष 2010 अक्तूबर माह में इस ख्ेाल महाकुंभ में, भारत की स्थिति ज्योतिषीय आधार पर क्या रहेगी? खेलों का कारक ग्रह, मंगल होता है। भारत की कुंडली में मंगल द्वितीय स्थान में स्थित है और वर्तमान में चतुर्थेश सूर्य की महादशा में मंगल का अंतर चल रहा है। सूर्य जो कि अपने घर का मालिक है, भारत की कुंडली में तृतीय भाव (कर्क राशि) में स्थित है तथा गोचर में पंचम भाव पर अर्थात् तृतीय से तृतीय में है। अतः खेलों के आयोजन में चाहे जितना भी विरोधाभास हो, भारत अपनी धरती पर सर्वोŸाम व प्रभावशाली ढंग से संपन्न कराने में सफल होगा। बृहस्पति कि भारत की कुंडली में ग्यारहवें भाव का स्वामी है। भारत ने अब तक सबसे अधिक सफलता सन् 2002 में पाई थी उस समय बृहस्पति कर्क राशि यानी उच्च राशि में स्थित था। इसके ठीक पहले सन् 1990 में भी बृहस्पति कर्क राशि में था, तब भी भारत को खेलों में आशातीत सफलता मिली।

लेकिन सन् 1974 व 1998 में जब बृहस्पति कुंभ/मीन राशि में था तब भारत को इतनी अच्छी सफलता नहीं मिली। खेलों का कारक मंगल (जिसकी अंतर्दशा भी चल रही है और वह द्वादशेश व सप्तमेश भी है,) अपने से द्वादश यानी द्वितीय भाव में है तथा गोचर में छठे भाव (तुला राशि) में भ्रमण कर रहा है। यह इस बात का संकेत है कि इन खेलों में पदकों के नाम पर इस वर्ष भारत, कोई विशेष सफलता नहीं मिलने वाली है। लेकिन शनि के पंचम भाव से गोचर सफलता को निम्न स्तर पर नहीं जाने देगा। दूसरा गोचर के आधार पर भारत का लग्नेश शुक्र और व्ययेश मंगल दोनों का एक साथ तुला राशि में विचरण करने से हमारे देश को सुरक्षा पर अत्यधिक व्यय करना होगा। क्योंकि मंगल तुला राशि में स्थित होकर अपनी आठवीं दृष्टि से वृष राशि को देख रहा है, अतः अपनी इस सुरक्षा को निभाने में पूर्णरूप से सक्षम रहेगा।

तृतीय भाव का स्वामी चंद्रमा, उद्घाटन समारोह वाले दिन अपनी ही राशि में स्थित होगा। अतः इस कारण से उद्घाटन के दिन के कार्यक्रम तो ठीक से संपन्न हो जाएंगे लेकिन चंद्रमा का स्वभाव घटता बढ़ता रहने का है और चंद्रमा जल का भी कारक है, अतः यह भी हो सकता है कि उद्घाटन के दिन या उसके आसपास वर्षा का भी संकेत मिलता है लेकिन कार्यक्रम में बाधा आने के विशेष आसार नहीं हैं। इन खेलों के समय गोचर में सूर्य व शनि का एक ही राशि कन्या में स्थित होना यह संकेत देता है कि इस बार इन खेलों में जो पदक आयेंगे वह पदक नामी खिलाड़ियों की अपेक्षा नवोदित खिलाड़ियों को अधिक मिलेंगे। अंततः सारांश यह है कि भारत छोटी-मोटी बाधाओं के पश्चात् भी यह आयोजन सफलतापूर्वक आयोजित कर खेल जगत् में अपनी प्रतिष्ठा कायम रखेगा। उसके संपूर्ण पदकों की संख्या ज्योतिषीय संकेत से 40 से 60 के बीच होगी। साथ ही भारत को नये खिलाड़ी भी प्राप्त होंगे।


For Immediate Problem Solving and Queries, Talk to Astrologer Now




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.