ग्रह पीड़ा निवारण हेतु - शक्ति उपासना
ग्रह पीड़ा निवारण हेतु - शक्ति उपासना

ग्रह पीड़ा निवारण हेतु - शक्ति उपासना  

प्रेम शंकर शर्मा
व्यूस : 12448 | अकतूबर 2010

ग्रह पीड़ा निवारण हेतु - शक्ति उपासना पं. प्रेम शंकर शर्मा ग्रह योगों में अभीष्ट और अनिष्ट स्थितियां इस शक्ति के अनुकूल एवं प्रतिकूल कारणों से ही बनती है, अतः आद्याशक्ति की उपासना ग्रहों के अनिष्ट परिणामों से रक्षा कर सकती है।

सभी लोगों तथा विशेषकर ज्योतिष फलादेश देने वालों को तो शक्ति उपासना बहुत शक्ति प्रदान करती है। आद्या शक्ति की उपासना महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, नवदुर्गा, दशविद्या, गायत्री आदि अनेक रूपों में की जाती है। नवरात्रि के समय शक्ति उपासना का महत्व सभी भारतीय पौराणिक ग्रंथों में बतलाया गया है। जन्म से मृत्युपर्यन्त की स्थिति का अवलोकन करें तो शिव संहार का कार्य करते हैं तथा शक्ति की प्रधानता सृष्टि कार्य के लिए स्वीकारी गई है। वह ऊर्जा जो गति में निरंतरता बनाए रखती है शक्ति कहलाती है तथा यह व्यक्तिगत तथा लौकिक सामर्थ्य तक विद्यमान रहती है।

Book Navratri Special Puja Online

ज्योतिष शास्त्र का आधार ग्रह, नक्षत्र, राशियां तथा अनंत ब्रह्मांड है। ब्रह्मांड में मौजूद पिंड, पृथ्वी के जीवन पिंडों को अपनी ऊर्जा अर्थात् शक्ति प्रदान कर गतिशील बनाए रखते हैं। इन ग्रह पिंडों की शक्ति मानव पिंडों को प्रभावित करती है। मानव पिंडों को जो शक्ति ग्रह पिंडों से मिलती है, आदिकाल से उसी को आद्याशक्ति के नाम से जाना जाता है। शक्ति के बिना प्राणी शव के समान होता है। आराधना करने वाले आराधकों ने गुण-कार्य-भेद के कारण उसे महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती कहा है जबकि शक्ति एक ही है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश ये समान धर्म रूप हैं। दुर्गा सप्तशती में लिखा है। या

देवि सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता॥

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रत्येक मनुष्य में दो तरह की शक्तियां, शारीरिक एवं मानसिक रूप से मौजूद रहती हैं, इन्हें धन, ऋण, शिव-शक्ति, नर-मादा के नाम से जाना जाता है। बारह राशियों, नवग्रहों तथा 28 नक्षत्रों में ये योगात्मिका तथा क्षयात्मिका शक्तियां मौजूद रहती हैं और यही सृष्टि को निरंतरता देती हुई हमें प्रगति या अवनति का अहसास कराती है। ज्योतिषीय फलादेश चाहे ग्रह नक्षत्रों (जन्म पत्रिका) को देखकर दिया जाए अथवा अंक शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र को आधार मानकर। दोनों में ही निर्माणात्मक तथा संहारात्मक शक्तियों का आधार होता है। ये ही शिव-शक्ति स्वरूप माने जाते हैं। जन्मकुंडली में लग्न से सप्तम भाव तक शक्ति खंड है तथा सप्तम से लग्न तक शिव खंड है।

स्त्री ग्रह पुरुष भाग में तथा पुरुष ग्रह स्त्री भाव में मौजूद होने पर शक्ति संपन्न देखे गये है। ग्रह योगों में अभीष्ट और अनिष्ट स्थितियां इस शक्ति के अनुकूल एवं प्रतिकूल कारणों से ही बनती है, अतः आद्याशक्ति की उपासना ग्रहों के अनिष्ट परिणामों से रक्षा कर सकती है। सभी लोगों तथा विशेषकर ज्योतिष फलादेश देने वालों को तो शक्ति उपासना बहुत शक्ति प्रदान करती है।

Book Online Nav Durga Puja this Navratri

शक्ति को भारतीय पुराणों, शास्त्रों में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, काली, चामुण्डा शैलपुत्री दुर्गा आदि अनेक नामों से जाना जाता है, परंतु वास्तव में यह सब एक ही है जो अपने विभिन्न स्वरूपों को आवश्यकतानुसार धारण करती हैं। हम उपासना, पूजा किसी चित्र या प्रतिमा को प्रतीक मानकर करते हैं, परंतु वास्तविकता यह है कि वह शक्ति हम में ही मौजूद होती है।

विश्व में हमें जो दिखाई देता है, हम उसी का अस्तित्व स्वीकार करते हैं जबकि विश्व में ऐसी कोई वस्तु नहीं है, जिसमें कोई न कोई शक्ति न हो। वस्तुओं का अनुभव इंद्रियों से होता है, जबकि शक्ति का अनुभव इंद्रियों से नहीं हो सकता जैसे आग हमें आंखों से दिखाई देती है, परंतु उस आग में जलाने की शक्ति है यह अनुभव वस्तु के जलने पर ही पता चलता है। भविष्यवक्ताओं को फलादेश के लिए एक विशेष पराशक्ति की आवश्यकता होती है और वह पराशक्ति, गुरु कृपा, मातृकृपा, साधना से ही प्राप्त होती है। शक्ति उपासना के बिना इनमें सफलता कूूष्मांडा स्कंदमाता कात्यायनी मिलना संदिग्ध होता है।

भविष्य बतलाने में तीन काल समाहित होते हैं, भूत, वर्तमान एवं भविष्य। इनको भली-भांति जानने के लिए ज्योतिषी के पास तीन शक्तियां अवश्य होनी चाहिए। इन तीन शक्तियों की साधना की जाए तो भूत, वर्तमान, भविष्य ज्योतिषी को प्रत्यक्ष दिखाई देगा। लेकिन यदि एक ही साधना सफल होती है तो एक भाग ही प्रत्यक्ष दिखाई देगा।

आपने कई बार देखा होगा कि कोई भविष्य वक्ता, भूतकाल की सभी घटनाओं को बता देता है तो कोई वर्तमान को ही सटीकता से बता पाता है और यदि कोई भविष्य अच्छा बता पा रहा है तो उसकी भूत-वर्तमान काल के फलादेश पर पकड़ कमजोर हो जाती है, अतः सफल ज्योतिषी को आद्या, मध्या तथा पराशक्ति की साधना से ही चमत्कार संभव है अतः शारदीय नवरात्र में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती स्वरूप त्रिशक्तियों की आराधना कर सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए।

विश्व में दो सप्तशती प्रसिद्ध है

(1) गीता-मोक्षदायनी

(2) दुर्गा सप्तशती-धर्म, अर्थ, काम प्रदाता।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से तथा ब्रह्मचर्य पालन से किसी भी प्रकार की शक्ति प्राप्त की जा सकती है। हम यहां स्पष्ट कर दें कि रावण को पराजित करने की इच्छा से भगवान राम ने नवरात्र काल में शक्ति का संचय कर विजयादशमी के दिन रावण का वध किया। महाभारत काल में युद्ध से पूर्व भगवान भी कृष्ण कालरात्रि सिद्धिदात्रि ने अर्जुन को पीताम्बरा शक्ति की उपासना की प्रेरणा दी थी।

शारदीय नवरात्र प्रायः कन्या-तुला की संक्रांति पर आती है। नवग्रह में कोई भी ग्रह अनिष्ट फल देने जा रहा हो तो शक्ति उपासना एक विशेष फल प्रदान करती है। शक्ति उपासना में स्थापना मुहूर्त से करनी चाहिए ताकि उपासना में कोई विघ्न न आए। सूर्य कमजोर हो तो स्वास्थ्य के लिए शैलपुत्री की उपासना से लाभ मिलेगा। चंद्रमा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए कूष्माण्डा देवी की विधि विधान से नवरात्रि में साधना करें।

मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए स्कंद माता, बुध ग्रह की शांति तथा अर्थव्यस्था के उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए कात्यायनी देवी, गुरु ग्रह की अनुकूलता के लिए महागौरी, शुक्र के शुभत्व के लिए सिद्धिदात्री तथा शनि के दुष्प्रभाव को दूर कर, शुभता पाने लिए कालरात्रि की उपासना सार्थक रहती है।

राहु की महादशा या नीचस्थ राहु (वर्तमान गोचर में राहु नीच राशि का धनु राशि में भ्रमण कर रहा है।) होने पर ब्रह्मचारिणी की उपासना से शक्ति मिलती है। केतु के विपरीत प्रभाव को दूर करने के लिए चंद्रघंटा की साधना अनुकूलता देती है। इस काल (शारदीय नवरात्रि) में सत्य मन से किये गये कार्य एवं विचार शुभ फल प्रदान करते हैं। नव दुर्गा के अतिरिक्त दश महाविद्याओं की उपासना ग्रहों की शुभता की अभिवृद्धि के उद्देश्य से भी की जाती है।

If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.