प्राचीन काल से ही मनुष्य किसी न किसी रूप में परमेश्वर की आराधना करते आए हैं। अलग-अलग समय और कठिनाईयों के अनुसार अलग-अलग रूपों में भगवान की पूजा की जाती है जैसे पर्याप्त मात्रा में वर्षा या अधिक वर्षा से निवारण के लिए इन्द्र देव की पूजा। इसी अनुसार हम जब ये मानते हैं कि ज्योतिष में कुंडलियों को लग्न/राशियों के अनुसार 12 प्रकारों में विभाजित किया गया है, तब यह भी जानने की इच्छा होती है कि हमें प्रायः किस देवी देवता का नियमित रूप से भजन पूजन करना चाहिए। आज की इस शृंखला में हम जानेंगे कि आपकी कुंडली के अनुसार आपके इष्टदेव कौन हैं अतः आपको किनकी साधना करनी चाहिए।
मेष:
आपको सूर्य भगवान को नियमित रूप से जल प्रदान करना चाहिए, इससे आपकी तरक्की और ऊर्जा दोनों प्रगति करेगी। आपके भाग्येश बृहस्पति भगवान है इसलिए भाग्य की वृद्धि और वित्त संबंधी विषय के लिए भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। आत्म विश्वास और संपूर्ण प्रकार के कष्टों से निवारण के लिए बजरंगबली महाराज अर्थात् हनुमान जी को नमन करना चाहिए।
मंत्र: ऊं हं हनुमते नमः।
वृष:
आपके लग्न/राशि के स्वामी शुक्र भगवान हैं। आपको धन-पैसे की वृद्धि और काम-काज, नौकरी इत्यादि के लिए देवी मां की आराधना करनी चाहिए। इन्हें आप पार्वती जी और संतोषी माता दोनों ही रूपों में पूज सकते हैं। कष्टों के निवारण के लिए शनि महाराज का नमन करें ओर संकटमोचन हनुमानजी को याद करते रहें।
सर्वोपयोगी मंत्र: सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन् भविष्यति न संशयः।।
मिथुन:
आपके लग्न/राशि के स्वामी भगवान बुध हैं। धन, पैसे और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के लिए गणेश जी की आराधना करें। कार्य, व्यवसाय, नौकरी संबंधी समस्या निवारण हेतु विष्णु भगवान की पूजा-आराधना करें और पारिवारिक सुख शांति और अन्य कष्ट निवारण हेतु शनि महाराज को नमन करें।
मंत्र: ऊं गं गणपतये नमः। गणेश गायत्री मंत्र: ऊं एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।
कर्क:
आपके लग्न/राशि के स्वामी चंद्रमा हंै और इसलिए आपको मुख्य रूप से भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। मानसिक शांति के लिए रुद्राक्ष की माला पर ऊँ नमः शिवाय का मंत्र जाप करना चाहिए। मंगल आपके योगकारक ग्रह हैं इसलिए धन-धान्य की संपन्नता के लिए आपको हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। भाग्य वृद्धि के लिए श्री राम की आराधना करें।
मंत्र: ऊं नमः शिवाय।
सिंह:
सूर्य भगवान आपके लग्न/राशि के स्वामी हंै इसलिए आपको नियमित रूप से सूर्य भगवान का मंत्र जाप, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे न केवल आपका सेहत और स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा बल्कि आप ऊर्जावान और विश्वस्त भी महसूस करेंगे। भाग्य की वृद्धि और घरेलू सुख-शांति के लिए हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। आपको व्यावसायिक सफलता और अच्छे करियर के लिए दुर्गा माता की पूजा करनी चाहिए।
सर्वोपयोगी मंत्र: ऊं घृणि सूर्याय नमः।
कन्या:
आपके लग्न/राशि के स्वामी भगवान बुध हैं। आपको व्यवसाय, वित्त और भाग्य की वृद्धि के लिए देवी मां के किसी भी एक रूप की आराधना करनी चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के लिए गणेश जी की पूजा और मंत्र जाप उत्तम है। इससे न केवल आपको रोगों से मुक्ति मिलेगी बल्कि आप विश्वस्त और आत्मशांति का आभास करेंगे। घरेलू सुख-शांति के लिए भगवान राम की स्तुति करें।
सर्वोपयोगी मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु महालक्ष्मीरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
तुला:
आपके लग्न/राशि के स्वामी शुक्र महाराज हैं अतः आपको विशेषकर देवी जी की आराधना करनी चाहिए। आपके योगकारक ग्रह शनि हैं इसीलिए उनका मंत्र जाप करने से पारिवारिक सुख-शांति और संतान पक्ष की ओर से निश्चिंतता का आभास होगा। जीवनसाथी के साथ सामंजस्य के लिए सुंदरकांड का पाठ करें। व्यवसाय, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास के लिए गौरी देवी का मंत्र जाप अति उत्तम है।
सर्वोपयोगी मंत्र: सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि, नारायणि नमोऽस्तुते।।
वृश्चिक:
आपके लग्न/राशि के स्वामी मंगल भगवान हैं इसलिए स्वास्थ्य, मानसिक शांति और प्रगति के लिए आपको हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए जितना हो सके हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण और संकटमोचक हनुमानाष्टक, हनुमान आरती और हनुमानजी का मंत्रजाप करें। भाग्य की वृद्धि के लिए शिवजी की आराधना करें। धन-पैसे की वृद्धि के लिए गुरुवार को विष्णु जी को केले चढ़ाएं।
मंत्र: हनुमान गायत्री मंत्र - ऊं आंजनेयाय विद्महे वायु पुत्राय धीमहि तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।
धनु:
गुरु आपके लग्न/राशि के स्वामी हैं, आपके स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, रोग प्रतिरोधक क्षमता और पारिवारिक सुख शांति एवं संपत्ति के कारक भी यही हैं, इसलिए आपको भगवान विष्णुजी/कृष्णजी की आराधना करनी चाहिए। यह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। भाग्य की वृद्धि के लिए नियमित रूप से सूर्य को जल दें। व्यवसाय में वृद्धि और जीवनसाथी के साथ सामंजस्य के लिए गणेश जी का बुधवार को ध्यान करें।
कृष्ण गायत्री मंत्र -ऊँ देवकी नन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्।
मकर:
आपके लग्न/राशि के स्वामी भगवान शनि हैं इसलिए स्वास्थ्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता, आत्मविश्वास, धन, पैसे की वृद्धि और भावनात्मक संतुलन के लिए आपको शनि भगवान का मंत्र जाप करना चाहिए और कोशिश करके जितना हो सके शनि भगवान का दर्शन शनिवार को करना चाहिए। मंगल आपके योगकारक ग्रह हैं। प्रगति, कष्ट निवारण और घरेलू सुख शांति के लिए हनुमान जी की आराधना उत्तम है। व्यवसाय में प्रगति और स्थायित्व के लिए देवी जी की स्तुति करनी चाहिए। पौराणिक शनि मंत्र नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
कुंभ:
आपके भी लग्न राशि के स्वामी शनि देव हैं। इनकी आराधना करने से आपको विश्वास, आरोग्य और आंतरिक शक्ति प्राप्त होगी। भाग्य की वृद्धि और घरेलू सुख शांति के लिए देवी जी की आराधना करनी चाहिए। व्यवसाय में प्रगति और अच्छी वाक् क्षमता के लिए हनुमान जी का मंत्र जाप सर्वोपयोगी है। मूलतः आपको शनि भगवान की ही आराधना करनी चाहिए।
मंत्र: शनि वैदिक मंत्र शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु प्रीतये। शं योरभि सवन्तु नः।
मीन:
गुरु आपके लग्न/राशि के स्वामी हंै, इसलिए श्रीराम की नियमित आराधना से आपको अच्छा स्वास्थ्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता, आत्मविश्वास और व्यवसाय में वृद्धि का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा। आपके भाग्येश मंगल हैं इसलिए धन, पैसे की वृद्धि और भाग्य की वृद्धि के लिए हनुमान जी की पूजा करें। आपके लिए मुख्यतया श्रीराम का मंत्र जाप और रामस्तुति हर प्रकार के कष्ट निवारण के लिए अति उत्तम है।
सर्वोपयोगी मंत्र: नीलाम्बुजश्यामलकोमलांगं सीतासमारोपितवामभागम् पाणौ महासायकचारुपं नमामि रामं रघुवंशनाथम्।