- दीपावली पर्व के दिन सात कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंग कर पीले वस्त्र में बांध लें तथा फिर उसे धन स्थान पर रखें, धन की कभी कमी नहीं होगी। - पांच गोमती चक्र को दीपावली पर्व के दिन अभिमंत्रित करके धन स्थान पर रखें, धन समृद्धि बनी रहेगी।
- दीपावली पर्व की संध्या तुलसी के पौधे के समक्ष दीपक प्रज्ज्वलित करें। ऐसा करने से दुष्प्रभावों, पापी व बुरी शक्तियों का नाश होगा। - दीपावली पर्व की संध्या पीपल वृक्ष के समक्ष घी के दीपक प्रज्ज्वलित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा पितर प्रसन्न होते हैं।
- दीपावली पर्व की संध्या एक ता ंब े क े सिक्क े व एक स ुपारी का े किसी पीपल के वृक्ष के समक्ष रख दें फिर अगले दिन उस पीपल के वृक्ष के पत्ते को लाकर अपने दुकान या कार्य स्थल के किसी पवित्र स्थान पर स्थापित करें। ग्राहक सर्वदा बने रहेंगे।
- दीपावली पर्व के दिन ग्यारह हल्दी की गांठों को अभिमंत्रित करें तथा फिर उसे पीले कपड़े में रखकर तिजोरी या धन स्थान पर स्थापित करें, व्यापार की सर्वदा उन्नति बनी रहेगी।
- दीपावली पर्व के प्रातः एक नारियल के गोले के मुंह को काटकर या छेद कर के उसे चीनी, बूरा, मेवे व देसी घी से भर लें तथा फिर उसे पीपल अथवा बरगद के पेड़ के नीचे इस प ्रकार गाड ़ ं े ताकि उसक े म ु ंह का ऊपरी हिस्सा थोड़ा खुला रहे। घर की सुख समृद्धि सर्वदा बनी रहेगी।
- पीपल के पांच पत्तों पर पनीर या दूध से निर्मित किसी मिष्टान्न को रखकर दीपावली पर्व के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे रखें। कार्य अवश्य सिद्ध होंगे।
- अपने हाथों से छोटी दीपावली के प्रातः हाथी को गन्ना अथवा कोई मीठी वस्तु खिलाएं, आर्थिक समृद्धि बनी रहेगी।
- दीपावली पर्व की रात्रि अपने घर के मुख्य द्वार पर गेहूं की ढेरी बनाकर उसके ऊपर घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें, आर्थिक उन्नति बनी रहेगी।
-सुख-समृद्धि हेतु दीपावली पर्व के प्रातः पीपल के वृक्ष को जल दें व इस प्रक्रिया को नित्य रोज दोहराया करें।
- काली उड़द के दो साबुत पापड़ के ऊपर थोड़ा दही व सिंदूर रखकर दीपावली पर्व की रात्रि किसी पीपल के वृक्ष के नीचे रखें। शीघ ्र ही आर्थि क लाभ की प ्राप्ति होगी।
-दीपावली पर्व के दिन नया झाड़ू खरीदकर उससे घर की सफाई करें तथा आने वाले अन्य सभी दिनों में सफाई हेतु उसी झाडू़ का प्रयोग करें, घर की बरकत बनी रहेगी।
-दीपावली पर्व क े अवसर पर हिजड़े को कुछ रूपये दान में देकर उससे उपहार के रूप में एक सिक्का ले लें व फिर उस सिक्के को अपनी तिजोरी या धन स्थान में रखें। धन-समृद्धि बनी रहेगी।
- दीपावली पर्व के दिन न किसी से कर्ज लें न दें। ऐसा करने से दरिद्रता का आगमन होता है।
- दीपावली पर्व की रात्रि इक्कीस पत्थरों को अपनी तिजोरी से सात बार उसारकर अपने गृह के मध्य स्थान पर गाड़ दें, शीघ्र ही आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी।
- एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल का े दीपावली पर्व क े प ्रातः अपनी तिजोरी या धन स्थान के ऊपर से सात बार उसार कर दरिया की जलधारा म े ं प ्रवाहित कर े ं, सर्व दा आर्थिक लाभ होता रहेगा।
- दीपावली पर्व के आने के पूर्व ही किसी के किए हुए एहसान या दिए हुए कर्ज को शीघ्रता से अदा कर दें। ऐसा करने से घर की बरकत बनी रहती है।
- दीपावली पर्व के दिन से प्रारंभ करके प्रत्येक अमावस्या के दिन किसी अपंग या विकलांग अथवा असहाय व्यक्ति को भोजन कराएं, आर्थिक समृद्धि का विकास होता रहेगा।
- दीपावली पर्व की संध्या से प्रारंभ करके नित्य सात रात्रि अशोक वृक्ष के समक्ष घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें, धन समृद्धि का विकास होगा व कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
- दीपावली पर्व की संध्या एक पीली कौड़ी व हरसिंगार के जड़ को पीले वस्त्र में लपेटकर ताबीज स्वरूप गले में या दाहिनी भुजा में धारण करें। शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
-दीपावली पर्व की रात्रि एक मुट्ठी नागकेसर, एक मुट्ठी गेहूं, एक हल्दी की गांठ, एक तांबे के सिक्के, एक साबुत नमक की डली व एक जोड़ी तांबे की चरण पादुका को हल्दी से रंग लें तथा फिर इसे पीले वस्त्र में लपेट कर इसे अपने व्यावसायिक स्थल या दुकान के मुख्य द्वार के ऊपर टांग दें, सर्वदा आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी।
- एक पीली कौड़ी, एक कमलगट्टा, एक साबुत सुपारी व पान के पत्ते को लाल कपड़े में रखकर दीपावली पर्व की स ंध्या अपनी तिजा ेरी या धन-स्थान पर स्थापित करें, आर्थिक समृद्धि का क्रम चलता रहेगा।
- उल्लू के पंख व थोड़े गोरोचन को दीपावली पर्व की रात्रि तांबे के ताबीज में भरकर अपनी जेब या धन स्थान में रखें, वो सर्वदा अर्थ से भरी रहेगी।
-दीपावली पर्व की रात्रि अपने घर के सभी कमरों को धूप व अगरबत्ती से सुगंधित करें तथा उसमें शंख व डमरू बजाएं, नकारात्मक ऊर्जा के अशुभ प्रभाव दूर होंगे व सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
- मोर व उल्लू के पंख को दीपावली पर्व की रात्रि लाल धागे में बांधकर अपने घर के मुख्य द्वार पर टांगें, बुद्धि, विद्या व अर्थ समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती रहेगी।
- दीपावली पर्व की रात्रि शमी के पौधे के नीचे थोड़े काले तिल को रखकर उसके समक्ष कपास की बत्ती से बने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि ग्रह से उत्पन्न दोष दूर होंगे।
- दीपावली पर्व की संध्या अपने घर के सभी कमरों में गुग्गुल का धुआं दें। नकारात्मक व बुरी आत्माओं का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।