नाखूनों के अंदर झांकने के लिए नाखून आईने का काम करते हैं। इसलिए हस्तरेखाविद को चाहिए कि वे नाखूनों को बहुत धीरज व ध्यान से देखें। नेल पाॅलिश रिमूवर अपने पास अवश्य रखें ताकि औरतों के नाखून आसानी से देख सकें। नाखूनों के अध्ययन में उनकी लंबाई, चैड़ाई, मोटाई, रंग व बनावट पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
सुंदर नाखून: सुंदर नाखूनों से तात्पर्य उन नाखूनों से है जो कछुए की पीठ की तरह गोल, सीप की तरह चिकने व आभायुक्त, गुलाबी, चैकोर, न पतले न मोटे, आकर्षक, न मांस में धंसे हुए, न उसे छोड़े हुए, और उंगली के अग्रभाग के आधे पोर से शुरू हों।
असुंदर नाखून: बहुत अधिक लाल, दो या तीन रंगों के, नीले या सफेद, बहुत मोटे या बहुत पतले, टेढ़े-मेढ़े, बहुत ज्यादा चैड़े, बहुत छोटे, मांस में पूरी तरह धंसे हुए, रेखाओं से युक्त और काले धब्बे या काली रेखाओं वाले नाखून रोग, शोक तथा निर्धनता के सूचक होते हैं।
लाल रंग के नाखून: जिन लोगों के नाखून लाल होते हैं, वे क्रोधी होते हैं और उनमें पित्त का प्रभाव अधिक रहता है। अगर वे भोजन में अधिक खट्टी या उत्तेजक वस्तुएं खाएं, तो उन्हें गुस्सा बहुत आता है। अधिक सिगरेट पीने पर या अधिक दवाइयां खाने पर नाखूनों का रंग भूरा या नीला हो जाता है। उन्हें कोई भी गलत आदत नहीं डालनी चाहिए।
पीले नाखून: ये नाखून नपुंसकता के द्योतक होते हैं। अगर ऊबड़-खाबड़ हों, तो दरिद्रता के भी सूचक होते हैं।
नीले नाखून: कछुए की पीठ की तरह गोल या बीच में से उठे हुए नीले या हल्के सफेद नाखून स्नायु या हृदय रोग के द्योतक होते हैं।
सफेद नाखून: सफेद नाखून उन लोगों में होते हंै जो किसी प्रेत बाधा से ग्रस्त हों या अनिद्रा के रोगी हों। जाइनके नाखून सुंदर तो होते हैं लेकिन दूसरी आत्मा के प्रवेश करने पर सफेद हो जाते हैं। यह लक्षण हृदय रोगी का भी है लेकिन उनके नाखून ऊबड़- खाबड़ होते हैं।
लंबे नाखून: पहले पोर के आधे से अधिक भाग को घेरे हुए नाखूनों को लंबे नाखून कहते हैं। ऐसे नाखून रखने वाले जातक भावुक नहीं होते। व े सीध े हाते े ह।ंै उन्ह ंे बुखार बार-बार आता है और कमर में दर्द बना रहता है। भाग्य रेखा खराब व गहरी होने पर उन्हें कैंसर या ट्यूमर अथवा गाॅलब्लैडर में पथरी की संभावना रहती है।
छोटे नाखून: इनका गला बचपन में खराब रहता है। ये जल्दबाज, बुद्धि मान व सतर्क होते हैं। इनमें किसी भी कार्य को अच्छी प्रकार से करने की योग्यता होती है। लेकिन बहुत छोटे व ऊबड़-खाबड़ नाखून व्यक्ति के जीवन में बहुत लंबे समय तक परेशानियां देते रहते हैं।
चैड़े नाखून: अगर नाखून लंबे कम, चैड़े अधिक हों, तो व्यक्ति दूसरों की आलोचना करने वाला, व्यर्थ बहस करने वाला, बुद्धिमान, सतर्क व खुले दिल का होता है। ऐसे लोगों की छाती व रीढ़ की हड्डी में दर्द होने की संभावना रहती है।
पतले व मोटे नाखून: मोटे व न टूटने वाले नाखून अच्छे स्वास्थ्य के द्योतक होते हैं। लेकिन इनका ऊबड़-खाबड़ होना निर्धनता का सूचक होता है। नाखूनों का बहुत पतला व कमजोर होना व्यक्ति को आलसी बनाता है। उसके संपूर्ण शरीर में दर्द रहता है और नींद कम आती है।
नाखूनों पर दाग व रेखाएं: नाखूनों पर सफेद दाग स्नायु दुर्बलता के लक्षण हैं। अगर ये दाग किसी एक उंगली पर पड़े हों, तो उसे उंगली के ग्रह से लाभ प्राप्त होता है। नाखूनों पर नीले या काले निशान दुर्घटना या किसी हानि के कारक होते हैं। ये जिस उंगली पर होते हैं उससे संबंधित नुकसान पहुंचता है। नाखूनों पर लंबी रेखाएं पेट की खराबी की द्योतक होती हैं। अगर ये धारियां सभी नाखूनों पर हांे, तो व्यक्ति को कई बीमारियां होती हैं।
नाखूनों में विकार: जिन लोगों के नाखून ऊबड़ खाबड़ हों या अकसर किसी न किसी कारण टूटते रहते हों या फिर अलग-अलग ढंग के हों, उन्हें मूत्राशय व गुर्दे के रोग की संभावना रहती है। कई लोगों के नाखूनों में काली धुंधली धारियां होती हैं। ऐसे लोग दिल के कमजोर होते हैं।
चैकोर नाखून: जिनके नाखून चैकोर होते हैं, उनकी मनोवृत्ति अच्छी होती है। किंतु प्रेम या क्रोध में वे आगा-पीछा नहीं देखते। उन्हें गले की बीमारी या नजले की संभावना रहती है।
त्रिकोणाकार नाखून: जिन लोगों के नाखून त्रिकोणाकार होते हैं, वे हंसमुख, बुद्धिमान, हर काम में जल्दी करने वाले और दिमाग से कार्य लेने वाले होते हैं। उन्हें गले, नाक व कान के रोग होने की संभावना रहती है।
बृहस्पति का नाखून: हाथ में बृहस्पति की दोनों उंगलियों के नाखून लंबाई चैड़ाई में बराबर हों, तो व्यक्ति परिवार की परंपरा के अनुसार चलता है। अगर दाहिने हाथ का नाखून छोटा हो, तो व्यक्ति की बुद्धि हर बात को जल्द ग्रहण करती है। अगर यह नाखून त्रिकोणाकार हो, तो और भी शुभ होता है। अगर बायें हाथ का नाखून छोटा और दायें का बड़ा हो, तो व्यक्ति बहुत धीरे-धीरे तरक्की करता है। अगर बृहस्पति के नाखून में खराबी हो, तो व्यक्ति को सांस या गले की बीमारी हो सकती है। बायें हाथ के आधे नाखून तक यदि अर्द्धचंद्राकार सफेदी हो, तो व्यक्ति को हृदयाघात की संभावना रहती है। अगर इस पर सफेद रंग के छींटे हों, तो वे प्रेम के सूचक होते हैं।
शनि का नाखून: शनि का नाखून व्यक्ति के मानवतावादी विचारों और तंत्र मंत्र में उसकी रुचि का द्योतक होता है। अगर इस नाखून पर काले धब्बे हों, तो व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है या उस पर अचानक मुसीबतें आती हैं। अगर धब्बे सफेद हों, तो उसे बगैर मेहनत के भी लाभ होता है। त्रिकोणाकार नाखून तंत्र-मंत्र या अध्यात्म की बारीकियों को समझने में मदद करता है। अगर इस पर काली रेखाएं हांे या जाल सा बना हो, तो व्यक्ति किसी जादू टोने का शिकार हो सकता है। इस नाखून के खराब होने पर हरेक कार्य में रुकावट आती है।
सूर्य का नाखून: सूर्य का नाखून चैकोर, त्रिकोणाकार व सुंदर हो, तो व्यक्ति के गुणों में वृद्धि करता है। चैड़ा नाखून साहित्य में रुचि बताता है। नाखून पर सफेद छींटे व्यक्ति को समाज व सरकार की तरफ से सम्मान दिलाते हैं जबकि काले धब्बे या काली रेखाएं या उसके ऊबड़ खाबड़ व भद्दे होने पर व्यक्ति समाज में अपमान पाता है व तनाव और अवसाद में रहता है। बुध का नाखून: यह नाखून व्यक्ति के मन व चरित्र का द्योतक होता है। अगर यह छोटा व चैकोर हो, तो व्यक्ति समझदार होता है। अगर लंबा व सुंदर हो, तो वह अच्छा वक्ता व शोधकार्य करने वाला होता है। चैकोर हो, तो उसकी कानून में रुचि होती है। इसका टेढ़ा होना, व्यक्ति के राजनीति में सफल होने का द्योतक होता है। इसका लंबा चैकोर व सुंदर होना व्यक्ति के सफल व्यवसायी होने का सूचक होता है।
अंगूठे का नाखून: अंगूठे के नाखून का महत्व भी बहुत अधिक है। इस पर सफेद अर्द्धचंद्राकार निशान व्यक्ति को धन व पद प्राप्त होने का संकेत देता है। इस पर काली रेखाएं मानसिक उलझनों के कारण सिरदर्द, अवसाद आदि का संकेत देती हैं। दोनों हाथों के नाखून बराबर होने पर व्यक्ति रूढ़िवादी होता है।
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