सुखमय जीवन हर व्यक्ति की पहली आकांक्षा होती है। इस हेतु पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है, इसीलिए आज के इस भौतिकवादी युग में लोग कम से कम समय में अधिक से अधिक धन कमा लेना चाहते हैं। किंतु,हर तरह के प्रयास के बावजूद बहुत से लोगों को वांछित धन की प्राप्ति नहीं हो पाती। ऐसे में दीपावली के अवसर पर विभिन्न राशियों के अनुरूप नीचे बताए गए कुछ उपायों को अपनाने से लोगों की धन प्राप्ति की कामना पूरी हो सकती है।
मेष - (चू चे चो ला ली लू ले लो आ) शुक्र यंत्र पर जरकन व शनि यंत्र पर नीली जड़वा कर क्रमषः दोनों ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के पूजास्थल पर स्थापित कर नित्य दर्षन व पूजन करना चाहिए। श्वेतार्क की जड़, जो श्री गणेष का प्रतिरूप समझी जाती है, की पूजा स्थल पर निष्ठापूर्वक प्राण प्रतिष्ठा कर नित्य महालक्ष्मी जी के निम्न मंत्रों का जप करते हुए उनकी व महालक्ष्मी जी की पूजा करें, लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
मंत्र: ¬ ह्रीं अष्टलक्ष्म्यै दारिद््रय विनाषिनी सर्व सुख समृद्धिं देहि देहि ह्रीं नमः’’ गणेष यंत्र के सम्मुख गणेश मंत्र ¬ श्रीं ”ीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदये नमः’’ का पांच माला जप करें और फिर यह क्रिया नित्य प्रति करते रहें, वांछित यष व धन की प्राप्ति होगी। धनलाभ के लिए दीपावली के दिन चांदी की धातु का ‘श्रीं’ बनवाकर उसके चारों ओर सफेद व नीले जरकन जड़वाकर और श्री लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर गले में धारण करें।
वृष - (ई उ ए ओ वा वी वू वे वो) बुध यंत्र पर ओनेक्स और गुरु यंत्र पर सुनहला लगवा कर क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से उन्हें अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करें। फिर नित्य निष्ठापूर्वक उनके दर्षन व पूजन करें, मां लक्ष्मी की कृ पा प्राप्त होगी। श्रीयंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कर प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का जप कर पूजा करनी चाहिए। इससे दुख, रोग व दरिद्रता से मुक्ति और भौतिक सुख, शांति व आनंद की प्राप्ति होती है।
मंत्र: श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। धन व यष की प्राप्ति के लिए दीपावली के दिन श्री यंत्र या गज लक्ष्मी यंत्र के सम्मुख श्री सूक्त का पाठ शुरू करें और नित्य निष्ठापूर्वक करते रहें। दीपावली के दिन श्री विष्णु लक्ष्मी का पूजन शुरू करें और फिर हर शुक्रवार को करते रहें, धन व यश की प्राप्ति होगी।
मिथुन - (का की कू घ ड छ के को हा) घर में लक्ष्मी के स्थायी वास के लिए दीपावली के दिन सिद्ध श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित कर उसका नित्य दर्षन व पूजन करें। दीपावली के अवसर पर दिन में तुलसी की पूजा करें और रात में कच्चे सूत को शुद्ध केसर से रंग कर निम्नलिखित मंत्र का 5 माला जप करने के पष्चात कार्यस्थल में रखकर उसका दर्षन व पूजा करें।
‘‘¬ श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ऐष्वर्य महालक्ष्म्यै पूर्ण सिद्धिं देहि देहि नमः’’ चंद्र व मंगल यंत्रों पर क्रमषः मोती व मूंगा लगवा कर दोनों को क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के पूजास्थल पर स्थापित करें। फिर उनका नित्य दर्षन व पूजन करें, लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। दीपावली के दिन मंगल यंत्र के सम्मुख ‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’ का पाठ शुरू करें और फिर नित्य करते रहें, ऋण से मुक्ति और धन की बरकत होने लगेगी।
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कर्क - (ही हू हे हो डा डी डू डे डा) दीपावली के दिन सूर्य व शुक्र यंत्रों पर क्रमषः माणिक्य व जरकन लगवा कर दोनों को क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के पूजास्थल पर स्थापित करें। फिर नित्य दोनों का दर्षन व पूजन करें, देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। वांछित धन की प्राप्ति के लिए दीपावली के दिन शुरू कर निम्नलिखित मंत्र का 72 दिनों तक धूप दीपादि के साथ सवा लाख जप करें।
¬ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन पालिन्य महालक्ष्म्यै अस्माकं। दारिद्रय नाषय नाषय प्रचुरं धनं देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ¬ गाय की चांदी निर्मित दो प्रतिमाओं को दीपावली के दिन अभिमंत्रित कराकर एक किसी विद्वान ब्राह्मण को दान दें और दूसरी का ‘कामधेनु’ की भांति घर के पूजन स्थल पर रखकर नित्य दर्षन व पूजन करें, धनागमन बना रहेगा। दीपावली के दिन सिद्ध व प्राण प्रतिष्ठित ‘श्री यंत्र’ को घर में स्थापित कर नित्य ‘श्री सूक्त’ का पाठ करें, धन की वृद्धि होगी।
सिंह - (मा मी मू मी टा टी टू ट) बुध यंत्र बनवा कर उस पर ओनेक्स लगवा कर तथा बुध के मंत्रों से उसे अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर उसका नित्य दर्षन व पूजन करें, लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। सूर्योदय से दो घंटे की भीतर एक नारियल का गोला लेकर उसका मुंह काट लें। फिर घर के सभी सदस्य उसमें चीनी का बूरा, मेवे और देसी घी मिला कर भर दें। फिर उसे पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे इस प्रकार गाड़ दें कि उसका मुंह जमीन से कुछ ऊपर दिखता रहे। गोले के चारों तरफ चीनी का थोड़ा बूरा बिखेर दें ताकि चींटियां गोले में जल्दी प्रवेष कर सकें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होगा। वांछित धन की प्राप्ति के लिए दीपावली के दिन देवी दुर्गा के सम्मुख देवी के 108 नामों का स्मरण करें और फिर यह क्रिया नित्य करते रहें। दीपावली से आरंभ कर नित्य प्रातः कुछ भी खाने से पहले तुलसी के पत्र का सेवन करें, शुभ फल की प्राप्ति होगी।
कन्या - (टो पा पी पू श ण ठ पे पा) दीपावली की रात चांदी की ढक्कन वाली डिबिया में नाग केसर व शहद भर कर अपनी तिजोरी या गल्ले में रख दें और अगली दीपावली तक उसे इसी स्थिति में रहने दें। इसके समक्ष नित्य दीपक जलाकर श्री सूक्त या विष्णु सहस्रनाम का का पाठ करें, तिजोरी वर्ष भर धन से भरी रहेगी। दीपावली के दिन चंद्र व शुक्र यंत्र बनवा कर दोनों पर क्रमषः मोती व जरकन लगवा कर उन्हें क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित करें और घर के पूजास्थल पर स्थापित करें। फिर उनका नित्य दर्षन व पूजन करें, धनागमन होगा और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। कूर्मपृष्ठ पर बने श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र के सम्मुख दीपावली के दिन से आरंभ कर नित्य श्री सूक्त का पाठ करें, धनागमन बना रहेगा। सफेद गुंजा को लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर शहद में डुबोकर पूजन स्थल या तिजोरी में रखें, धन की रक्षा होगी।
तुला - (रा री रू रे रो ता ती तू त) दीपावली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा के समय मां को एक इत्र की शीषी चढाएं। उसमें से एक फुलेल लेकर मां को अर्पित करें। फिर पूजा के पष्चात उसी शीषी में से थोड़ा इत्र स्वयं लगा लें। इसके बाद रोज इसी इत्र में से थोड़ा सा लगा कर कार्य स्थल पर जाएं, रोजगार में वृद्धि होगी। सूर्य व मंगल यंत्र बनवा कर दोनों पर क्रमषः माणिक्य व मूंगा लगवा कर उन्हें क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करें। फिर नित्य उनका दर्षन व पूजन करें, मां लक्ष्मी की कृपा व यष की प्राप्ति होगी। दीपावली के दिन से आरंभ कर प्रत्येक रविवार को गायत्री व मंगलवार को मंगल मंत्र का रुद्राक्ष की माला पर जप करें, धनागमन बना रहेगा। दीपावली के दिन श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित कर नित्य इन्द्रकृत महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र का पाठ करें, धन की वृद्धि होगी।
वृष्चिक - (तो ना नी नू ने नो या यी यू) गणेष जी ऋद्धि सिद्धि के दाता और लक्ष्मी जी धन की देवी हैं। दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है। दीपावली के दिन इस यंत्र की पूजादि करने के पष्चात उसे गल्ले या तिजोरी में रखें, धन का भंडार भरा रहेगा तथा परिवार सुखी रहेगा। दीपावली के दिन गुरु व बुध यंत्र बनवा कर दोनों पर क्रमषः सुनहला व ओनेक्स लगवा कर उन्हें क्रमिक रूप से दोनों ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के पूजास्थल पर स्थापित करें। फिर उनका नित्य दर्षन व पूजन करें, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। दीपावली के दिन श्री विष्णु की प्रतिमा के सम्मुख ¬ नमो नारायणाय मंत्र का जप शुरू करें और फिर नित्य निष्ठापूर्वक करते रहें, धनलाभ होगा। देवी दुर्गा के सम्मुख ‘‘देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यषो देहि द्विषो जहि।’’ मंत्र का जप दीपावली के दिन शुरू करें और फिर नित्य निष्ठापूर्वक करते रहें, धन बना रहेगा।
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धनु - (ये यो भा भी भू धा फा ढा भे) दीपावली के दिन शनि यंत्र व शुक्र यंत्र बनवा कर क्रमषः नीली व जरकन लगवा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्षन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के दिन 11 हल्दी की गांठों को पीले कपडे में रख कर निम्न मंत्र का 11 माला जाप कर तिजोरी में रख दिया जाये और रोजाना वहां दिया जलाया जाये तो व्यापार की उन्नति होने लगती है ‘‘¬ वक्रतुण्डाय हुं’’। दीवाली को लाजवर्त नग को चांदी में जडवाकर लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर मध्यमा अंगुली में धारण करने से जातक धनवान बनता है। ‘‘¬ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र का श्री लक्ष्मी की तस्वीर या यंत्र के सम्मुख दीपावली से शुरु कर नित्य 5 माला जाप करने से धन आगमन होता है।
मकर राषि- (भे जा जी खी खू खे खो गा गी) दीवाली के दिन शनि व मंगल यंत्र बनवा कर क्रमषः नीली व मूंगा लगवा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्षन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। दीपावली की शाम को एक सुपारी व एक ही तांबें का सिक्का लेकर किसी पीपल के पेड के नीचे रख दें। रविवार को उसी पीपल के पेड का पत्ता लाकर कार्यस्थल पर गद्दी के नीचे रख देने से ग्राहक बने रहते हैं और धन आने लगता है। दीवाली के दिन शनि यंत्र को घर के पष्चिम दिषा में नीले कपडे के आसन पर स्थापित कर नित्य शनि के मंत्रों से जप करें व तेल का दीपक भी जलायें, तो जातक धनी बनता है। दीवाली से शुरु कर, हर मंगलवार को ‘‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’’ का पाठ करने से धनलाभ होता है।
कंुभ राषि- (गू गे गो सा सी सू से सो दा) दीपावली के दिन गुरु यंत्र बनवा कर उस पर सुनहला लगवा लें तथा गुरु के मंत्रों से उसे अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करें। फिर उसका नित्य दर्षन व पूजन करें, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। दीवाली की रात से पहले आने वाले शनिवार से घर की साफ सफाई शुरू कर दें। शाम के समय घर के सभी बल्ब कम से कम 20 मिनट के लिए रोज रोषन करें। साथ ही निम्न मंत्र से लक्ष्मी जी की उपासना रोज करें, सुख व समृद्धि की प्राप्ति होगी।
मंत्रा: ¬ ऐं ”ीं श्रीं सं सि(ि दां साधय साधय स्वाहा दीपावली के दिन सोने का गुरु यंत्र बनवा कर और अभिमंत्रित कर गले में धारण करें, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। श्री लक्ष्मी नारायण यंत्र को दीपावली के दिन घर के पूजन स्थल पर स्थापित कर उसका पूजन दर्षन नियमित रूप करें, धनागमन बना रहेगा।
मीन - (दी दू थ झ दे देा चा ची) दीपावली के दिन शनि व मंगल यंत्र बनवा कर दोनों पर क्रमषः नीलम व मूंगा लगवा कर उन्हें क्रमिक रूप से ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के पूजास्थल पर स्थापित करें। फिर उनका नित्य दर्षन व पूजन करें, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। घर के पूजनस्थल पर श्री यंत्र, कुबेर यंत्र या दक्षिणावर्ती शंख रखकर नित्य उसका नित्य दर्षन व पूजा करें, चमत्कारी परिणाम होंगे। दीपावली के दिन गणपति की मंूगे की प्रतिमा स्थापित कर ’¬ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात’ मंत्र का जप करें, धनलाभ होगी। दीपावली के दिन से श्री वषिष्ठ मुनिकृत दारिद्र्यदहनषिव स्तोत्र का पाठ शुरू करें और फिर नित्य निष्ठापूर्वक करते रहें, वांछित धन की प्राप्ति होगी।
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