सीप कछुआ एक शांत स्वभाव का दीर्घजीवी प्राणी है। सनातन धर्म में श्री हरि के दशावतारों में कच्छप अवतार भी एक है इसलिए उसकी पूजा अर्चना की जाती है। और उसे शुभ माना जाता है। सीप कछुए को घर में रखने से घर परिवार में सुख, सौहार्द बढ़ता है परस्पर तालमेल में वृद्धि होती है।
परिवार के सदस्यों में परिवार की सुरक्षा की भावना विकसित होती है। इसे अपने व्यवसाय स्थल, फैक्टरी, कार्यालय, आदि में रखने से कार्य व्यवसाय में वृद्धि होती है और बुरी नजर आदि से बचाव होता है। व्यापार में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। सीप कछुए के अंदर चावल भरकर घर की उत्तर दिशा में रखने से धन की बरकत, आयु दीर्घ होती है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। इसे घर में अथवा व्यवसाय स्थल में रखने से वास्तुदोष की भी शांति होती है।
किसी भी शुभ दिन, बुध, बृहस्पति या शुक्रवार को इसे स्थापित कर सकते हैं। उपयोग सीप कछुआ को अपने घर में रखने से परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है। शीप कछुए को घर में रखकर नित्य उसके दर्शन करने से आयु लंबी होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
सीप कछुए के अंदर साबुत चावल एवं हल्दी भरकर रखने से धन की वृद्धि होती है। रोली में चावल रंगकर सीप कछुए के अंदर भरकर रखने से धन व यश में वृद्धि होती है। सीप कछुआ घर की दक्षिण पूर्व दिशा में रखने से घर के वास्तु संबंधी दोष दूर होते हैं।
धातु का कछुआ: लंबी गर्दन वाला धातु का कछुआ मन की एकाग्रता को बढ़ाता है एवं वातावरण को शांत और सुखमय बनाता है। जहां धातु का कछुआ होता है, वहां कई प्रकार के रोग, दोष आदि नष्ट हो जाते हैं। कई पौराणिक कथाओं में कछुए को ईश्वर का अवतार माना गया है। अतः इसे सभी धर्म संप्रदाय के लोग रख सकते हैं।
इसे व्यवसाय स्थल, कार्यालय या घर में उत्तरी क्षेत्र में किसी मेज आदि पर रख सकते हैं। जिन व्यक्तियों को प्रतिदिन अनेक लोगों से मिलना होता है, वे कछुए को अपनी मेज पर रखकर कार्य करें, तो उत्तम फल प्राप्त होगा तथा मन प्रसन्न रहेगा। यह कछुआ धातु होता है।
इस कछुए को कार्यालय या अध्ययन कक्ष में अपनी मेज पर रखकर कार्य करने से सफलता मिलती है। पारद, कछुआ, श्रीयंत्र: पारद, कछुआ और श्रीयंत्र का अपना विशेष महत्व है। पारद धातु में कछुए की आकृति पर बना श्रीयंत्र बहुत शुभ माना जाता है।
कूर्म पृष्ठीय श्री यंत्र की पूजा अर्चना से दरिद्रता का नाश होता है और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। व्यवसाय में वृद्धि होती है। बुरी नजर दोष आदि से भी रक्षा होती है। घर के पूर्व-दक्षिण (आग्नेय कोण) में स्थापित करने से वास्तु दोष की शांति होती है और घर का वातावरण सुखमय रहता है।
इसे घर के पूर्व-उत्तर में ईशान कोण में स्थापित करके नित्य दर्शन एवं पूजन करने से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसे घर, कार्यालय, फैक्टरी आदि में स्थापित करने से सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है।
If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi