दीपावली पर धन बाधा योग दूर करने के उपाय डाॅ. संजय बु(िराजा दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व पवित्र त्यौहार। भगवान राम के आयोध्या लौटने का शुभ दिन! सभी देवताओं की प्रसन्नता का दिन! यंत्र-मंत्र पूजन व साधना द्वारा देवताओं से मनोकानाएं पूर्ण करवाने का शुभ दिन! सुख, धन, सौभाग्य, सिद्धि व आरोग्य जीवन प्राप्त करने का दिन! शास्त्रों में दीपावली के त्यौहार को जनमानस के लिए सिद्धि का दिन कहा गया है।
आज कलयुग मंे प्रत्येक जन की मनोकामना अधिक से अधिक धन अर्जित करने की है। आज ऐसा कौन है जो धनी नहीं बनना चाहता है? शास्त्रों में भी चार प्रकार के पुरुषार्थ बतलाए गए हैं- धर्म, मोक्ष, काम व अर्थ। इनमें से देखा जाए तो अर्थ या धन की इच्छा रोगी, भोगी, योगी सभी में प्रबलता से विद्यमान रहती है, परंतु सभी पर धन की देवी मां लक्ष्मी मेहरबान नहीं रहतीं।
लेकिन दीपावली एक ऐसा पर्व है कि निर्धन भी इस दिन पूजा करके लक्ष्मी की प्राप्ति कर सकते हैं। दीपावली धनबाधा योग से पीड़ित जातकों को भी धनी बनने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। लग्नानुसार धनबाधा योग के निवारण का उपाय जन्मकुंडली में लग्न के अनुसार निम्नलिखित उपाय करने से धनबाधा योग दूर होता है।
मेष लग्न: मेष लग्न वाले जातकों का धनेश शुक्र व लाभेश शनि होता है। इस लग्न वाले जातकों को निम्न प्रकार पूजादि करनी चाहिए। दीपावली के दिन रजत पत्र पर शुक्र व शनि यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः जरकन व नीलम अथवा नीली लगवा लें। फिर उक्त ग्रहों के मंत्रों से उन्हंे अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दशर्न व पजू न कर।ंे इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है। दीपावली के दिन से शुरू कर ‘‘¬ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदये नमः’’ मंत्र का गणेश यंत्र के सम्मुख पांच माला जप रोजाना करें, धनबाधा योग का परिहार होगा। दीपावली के दिन चांदी का ‘‘श्री’’ बनवाकर उसके चारों ओर सफेद व नीले जरकन जड़वाकर श्री लक्ष्मी के मंत्रों से पूरित कर गले में धारण करें, धनलाभ होगा। ‘‘श्री गणेश यंत्र’’ के दीवाली के दिन पूजन स्थल पर प्राण प्रतिष्ठित कर स्थापित करें व नित्य दर्शन पूजन कर ‘‘श्री गणपत्यथर्वशीर्षम्’’ का नित्य पाठ करें, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। वृष लग्न: वृष लग्न में धनेश बुध व लाभेश गुरु होता है। दीपावली के दिन चांदी के पत्र पर बुध यंत्र व गुरु यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः ओनेक्स व पीला पुखराज अथवा सुनहला जड़वा लंे। फिर इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें। इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। ‘‘लक्ष्मी यंत्र’’ या ‘‘गजलक्ष्मी यंत्र’’ के सम्मुख दीपावली से शुरू कर ‘‘श्री सूक्त’’ का नित्य पाठ करें, धनबाधा योग दूर होगा। सोने या चांदी मंे ‘‘श्रीं’’ या ‘‘ह्रीं’’ बनवाकर उसे हरे हकीक या हरे ओनेक्स पर जड़वा लें। फिर उसे भुवनेश्वरी देवी के मंत्रों से सिद्ध क र व ा क र दीपावली के दिन गले में धारण करें तो, धन लाभ होगा। दीपावली के दिन या शुक्रवार को शुरूकर हर शुक्रवार को श्री विष्णु लक्ष्मी का पूजन करें। धन की हानि रुकेगी और लाभ होने लगेगा।
‘‘¬ गोपालाय उतरध्वजाय नमः’’ मंत्र की एक माला जप नियमित रूप से करें। इससे धन का आगमन होता है।
मिथुन लग्न: मिथुन लग्न में धनेश चंद्र व लाभेश मंगल होता है। दीपावली के दिन सिद्धि किए हुए‘‘श्री महालक्ष्मी यंत्र’’ को घर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें। माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर चंद्र व मंगल यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः मोती व मूंगा लगवा लें। फिर इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर उनका नित्य दर्शन व पूजन करंे, धनबाधा योग का निवारण होगा और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। मंगल यंत्र के सम्मुख दीपावली से शुरू कर नित्य ‘‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’’ का पाठ करें। इससे शीघ्र ही ऋण उतरने लगता है।
कर्क लग्न: कर्क लग्न में धनेश सूर्य व लाभेश शुक्र होता है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर सूर्य व शुक्र यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः माणिक्य व जरकन लगवा लें। फिर इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से उन्हंे अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें, धनबाधा योग का निवारण होगा और मां लक्ष्मी की कृपा होगी। चांदी से निर्मित दो गायों को दीपावली के दिन अभिमंत्रित करा लें। एक गाय किसी विद्वान ब्राह्मण को दान कर दें व दूसरी को ‘‘कामधेनु’’ की भांति घर के पूजन स्थल पर रखकर नित्य दर्शन व पूजन करें । इससे धनागमन बना रहता है। दीपावली के दिन सिद्ध व प्राण प्रतिष्ठित ‘‘श्रीयंत्र’’ को घर में स्थापित कर नित्य ‘‘श्रीसूक्त’’ का पाठ करें, धनबाधा दूर होता है।
सिंह लग्न: सिंह लग्न में धनेश शुक्र व लाभेश चंद्र है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर चंद्र व शुक्र यंत्र बनवा कर उन पर ओनेक्स लगवा लें तथा बुध के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर, नित्य दर्शन व पूजन करें। इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। देवी दुर्गा के सम्मुख उनके 108 नामों का नित्य पाठ दीपावली से शुरू करें, लाभ होगा। हरे हकीक या ओनेक्स से बने हरे गणपति को घर के पूजन स्थल पर दीवाली के दिन रखकर नित्य ‘‘ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र’’ का पाठ करें, धनबाधा योग दूर होगा। दीपावली से आरंभ कर नित्य प्रातः कुछ भी खाने से पहले तुलसी के पत्र का सेवन करें, शुभ होगा।
कन्या लग्न: कन्या लग्न में धनेश शुक्र व लाभेश होता चंद्र है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर चंद्र व शुक्र यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः मोती व जरकन लगवा लें तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से उन्हें अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें। इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। कूर्म पृष्ठ पर बने ‘‘श्रीयंत्र’’ या ‘‘महालक्ष्मी यंत्र’’ के सम्मुख दीवाली के दिन से आरंभ कर नित्य ‘‘श्रीसूक्त’’ का पाठ करें, धनबाधा समाप्त होगी। दीपावली के दिन ‘‘सफेद गुज्जा’’ को लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर शहद में डुबोकर पूजन स्थल या तिजोरी में रखें, धन की रक्षा होगी।
तुला लग्न: तुला लग्न में धनेश मंगल व लाभेश सूर्य होता है। दीपावली के दिन रतज पत्र पर सूर्य व मंगल यंत्र बनवा कर उनपर क्रमशः माणिक्य व मंूगा लगवा लें तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से उन्हें अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें। इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है। दीपावली से शुरू कर ‘‘¬ नमो नारायणाय’’ मंत्र का श्री विष्णु जी के सम्मुख नित्य जप करें, धन लाभ होगा। देवी दुर्गा के सम्मुख ‘‘देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखं रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि’’ मंत्र का जप दीपावली से शुरू कर नित्य करें, सुख-संपŸिा में वृद्धि होगी।
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धनु लग्न: धनु लग्न में धनेश शनि व लाभेश शुक्र होता है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर शनि व शुक्र यंत्र बनवा कर उनपर क्रमशः नीलम या नीली व जरकन लगवा लें तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से उन्हंे अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करंे। इससे धनबाधा योग का निवारण होता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के दिन लाजवर्त को चांदी में जड़वा कर लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर मध्यमा अंगुली में धारण करंे, धन की वृद्धि होगी। ‘‘¬ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः ’’ मंत्र का जप श्री लक्ष्मी के चित्र या यंत्र के सम्मुख दीपावली के दिन से शुरू कर नित्य पांच माला करने से धनबाधा योग दूर होता है।
मकर लग्न: मकर लग्न में धनेश शनि व लाभेश मंगल होता है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर शनि व मंगल यंत्र बनवा कर उनपर क्रमशः नीलम व मूंगा लगवा लें, फिर उन्हें इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर लें और नित्य दर्शन व पूजन करें, धनबाधा दोष से मुक्ति मिलेगी और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। दीपावली के दिन शनि यंत्र को घर की पश्चिम दिशा में नीले कपड़े के आसन पर स्थापित कर नित्य शनि के मत्रं ा ंे का जप करं े और तले का दीपक जलाएं, धनबाधा दोष दूर होगा। दीपावली से शुरू कर, हर मंगलवार को ‘‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’’ का पाठ करें, इससे धनलाभ होता है।
कुंभ लग्न: कुंभ लग्न में धनेश व लाभेश गुरु होता है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर गुरु यंत्र बनवा कर उस पर पीला पुखराज या सुनहला लगवा लें। फिर उसे गुरु के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करें, धनबाधा दोष दूर होगा और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। दीपावली के दिन सोने में ‘‘गुरु यंत्र’’ को अभिमंत्रित कर गले में धारण करें, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। ‘‘श्री लक्ष्मी नारायण यंत्र’’ को दीपावली के दिन घर के पूजन स्थल पर स्थापित कर पूजन दर्शन करने से धनागमन होता रहता है।
मीन लग्न: मीन लग्न में धनेश मंगल व लाभेश शनि होता है। दीपावली के दिन रजत पत्र पर शनि व मंगल यंत्र बनवा कर उन पर क्रमशः नीलम व मूंगा लगवा कर उन्हें इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से अभिमंत्रित कर लें। फिर घर के मंदिर में स्थापित कर उनका नित्य दर्शन व पूजन करें धनबाधा दोष से मुक्ति मिलेगी और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। मूंगे के गणपति दीपावली के दिन स्थापित कर ‘‘¬ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्’’ मंत्र का जप करें। इससे धनलाभ होता है।
दीपावली से शुरू कर श्री वशिष्ठ मुनिकृत ‘‘दारिद््रयदहनशिव स्तोत्र’’ का नित्य पाठ करें धनबाधा दोष दूर होगा। यदि जन्म-लग्न मालूम नहीं हो या शुभ नहीं हो तो जातक निम्नलिखित 11 उपायों द्वारा मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि पा सकते हैं। ये धनबाधा, ऋण व दरिद्रता से मुक्ति दिला सकते हैं।
दीपावली के दिन श्वेतार्क की जड़, जो श्री गणेश का प्रतिरूप समझी जाती है, की सम्मान सहित पूजा स्थल पर प्राण-प्रतिष्ठा करें और उसके समक्ष नित्य महालक्ष्मी जी की निम्न मंत्र के साथ पूजा करें - ‘‘¬ ह्रीं अष्टलक्ष्म्यै दारिद््रय विनाशिनी सर्व सुख समृद्धिं देहि देहि ह्रीं ¬ नमः’’ दीपावली के दिन श्रीयंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कर प्रतिदिन निम्नोक्त यंत्र से पूजा करें - ‘‘¬ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ¬ महालक्ष्म्यै नमः।’’
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दीपावली के दिन तुलसी की पूजा व रात्रि में कच्चे सूत को शुद्ध केसर से रंग कर निम्न मंत्र का 5 माला जप करने के पश्चात् कार्य स्थल में रखकर रोजाना दर्शन व पूजा करें - ‘‘¬ श्रीं ह्रीं ह्रीं ऐश्वर्य महालक्ष्म्यै पूर्ण सिद्धिं देहि देहि नमः।‘’ दीपावली के दिन हल्दी की 11 गांठों को पीले कपड़े में रखकर ‘‘¬ वक्रतुण्डाय हुं’’ मंत्र का 11 माला जप कर तिजोरी में रख दें और वहां नित्य दीप जलाएं।
दीपावली के दिन शुरू कर 72 दिनों तक निम्न मंत्र का धूप दीपादि का उपयोग कर सवा लाख बार जप करें। ‘‘¬ श्रीं ह्रीं क्लीं धन महालक्ष्म्यै अस्माकं, दारिद्र्य नाशय प्रचुरं धनं देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ¬।’’ दीपावली के दिन सूर्योदय से दो घंटे के भीतर एक नारियल का गोला लेकर उसका मुंह काट लें। फिर घर के सभी सदस्य उसमें चीनी का बूरा, मेवे और देसी घी मिलाकर भर दें और पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे इस प्रकार गाड़ दें कि उसका मुंह जमीन के ऊपर कुछ दिखायी देता रहे।
गोले के चारों तरफ चीनी का थोड़ा बूरा बिखेर दें ताकि चींटियां गोले में जल्दी प्रवेश कर सकें। दीपावली की रात में चांदी के ढक्कन वाली डिबिया में नाग केसर व शहद भर कर अपनी तिजोरी या गल्ले में रख दें। इसे अगली दीपावली तक ऐसे ही रहने दें। तब तक दीपक जलाकर नित्य श्रीसूक्त का पाठ या विष्णुसहस्रनाम का जप करें।
दीपावली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा के समय इत्र की एक शीशी चढ़ाएं और उसमें से एक फुलेल लेकर मा ं का े अपिर्त कर।ंे फिर पजू ा क े पश्चात् उसी शीशी में से थोड़ा इत्र स्वयं को लगा लें। इसके बाद नित्य इसी में से थोड़ा सा इत्र लगाकर कार्य स्थल पर जाएं। गणेश जी ऋद्धि-सिद्ध के दाता हैं और लक्ष्मी जी धन की देवी हैं। दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है।
दीपावली के दिन इस यंत्र की पूजादि करने के पश्चात् उसे गल्ले या तिजोरी में रख दें। दीपावली की शाम को एक सुपारी व एक ही तांबे का सिक्का लेकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें और रविवार को उसी पीपल के पेड़ का पŸाा लाकर कार्य स्थल पर गद्दी के नीचे रखें। श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र या दक्षिणावर्ती शंख को पूजनस्थल पर रखकर नित्य दर्शन व पूजा करें।
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