अभिषेक-ऐश्वर्या का विवाह क्यों चुना गया अक्षय तृतीया का दिन
अभिषेक-ऐश्वर्या का विवाह क्यों चुना गया अक्षय तृतीया का दिन

अभिषेक-ऐश्वर्या का विवाह क्यों चुना गया अक्षय तृतीया का दिन  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 7402 | मई 2007

अभिषेक-ऐश्वर्या के विवाह के लिए अक्षय तृतीया का विशेष दिन चुना गया। कहा जाता है इस दिन किए गए कार्यों का पुण्य अक्षय होता है। ऐश्वर्या की कुंडली का मंगल दोष उनके दाम्पत्य पर कुप्रभाव न डाले इसीलिए ऐसा किया गया है।

धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों की निर्विघ्न रूप से संपन्नता के लिए मुहूर्त का अपना विशेष महत्व होता है। शुभ तथा सिद्ध मुहूर्त में किए गए कार्यों का फल शुभ होता है। अच्छा मुहूर्त अमंगल को मंगलमय बना देता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हिंदु संस्कृति का विवाह संस्कार है जिसमें मुहूर्त का विशेष ध्यान दिया जाता है।

यही कारण है कि संसार के अन्य देशों की अपेक्षा भारतीय समाज में वैवाहिक संबंध अधिक स्थायी होते हैं। ऐश्वर्या राय मांगलिक हैं। किंतु अभिषेक बच्चन नहीं। दोनों की कुंडलियों के सप्तम अर्थात विवाह स्थान पाप दृष्टि तथा पाप ग्रहों से ग्रस्त हैं।

ऐश्वर्या की कुंडली में मंगल की चतुर्थ दृष्टि सप्तम स्थान पर है जबकि अभिषेक की कुंडली में सप्तम स्थान में राहु है और उस पर केतु की भी पूर्ण दृष्टि है। इन सभी अशुभ ग्रहों के अशुभत्व को कम करने के लिए अक्षय तृतीया जैसे शुभ एवं सिद्ध मुहूर्त को इन दोनों के विवाह के लिए चुना गया। यह मुहूर्त सोच समझकर ही निश्चित किया गया है।

अक्षय तृतीया का महत्व :

वैशाखे शुक्लपक्षे तु तृतीयामुपोषितः।

अक्षय्यं फलमाप्नोति सर्वस्य सुकृतस्य च।।

तत्र जप्तं हुतं दत्तं सर्वमक्षय्युमुच्यते।

अक्षय्यं सा तिथिस्तस्मात्तस्यां सुकृतमक्षयम्।।

वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, श्री रामनवमी, विजयादशमी, दीपावली, बसंत पंचमी आदि स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में अक्षय तृतीया का अपना विशेष शास्त्रीय महत्व है। इस दिन नर नारायण, हयग्रीव एवं परशुराम अवतरित हुए थे, इसलिए इस दिन उन सबकी जयन्ती भी मनाई जाती है।

त्रेता युग का आरंभ भी इसी दिन हुआ था। यह परम पुनीत एवं अक्षय पुण्यदायिनी तिथि है। इस दिन विशेष रूप से परशुराम जी की जयंती मनाई जाती ह।ै परशरु ाम जी का सप्त चिरजं ीवियां े में स्थान है। वह आज भी इस ब्रह्मांड में विचरण करते हैं। कहा भी गया है कि-

अश्वत्थाभा वलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषणः।

कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविनः।।

जिस समय इनका जन्म हुआ था, उस समय छह ग्रह उच्च के थे, यह सभी को विदित है कि वह कितने प्रतापी हुए। उनके विषय में कहा जाता है वह बड़े मातृ-पितृ भक्त थे।

एक बार उनके पिता ने उन्हें अपनी माता का गला काटने की आज्ञा दी, उन्होंने पिता की आज्ञा को शिरोधार्य कर अपने परशु से अपनी माता का गला काट दिया। रामचरित मानस में कहा भी गया है कि परशुराम पितु आज्ञा राखी। मारिमातु लोक सब साखी।।

इस पर बहुत प्रसन्न होकर उनके पिता ने उनसे वरदान मांगने को कहा ‘हे पुत्र! मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं तुम्हारे जैसा आज्ञा पालक पुत्र पाकर मैं आज धन्य हो गया। जो मांगना हो मांगो। मंै तुम्हारी इच्छा अवश्य पूर्ण करूंगा।’

परशुराम जी ने अपने पिता से विनयपूर्वक कहा कि ‘हे पिताजी ! यदि आप मुझ पर अनुग्रह करना चाहते हैं, तो मैं यही मांगता हूं कि मेरी माता पुनः जीवित हो जाए।’ पुत्र की मातृ-पितृ भक्ति से प्रसन्न होकर उनके पिता ने माता को पुनः जीवित कर दिया, जिससे उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई।

पिता की भी आज्ञा का पालन हो गया और माता के प्राणों की भी रक्षा हो गई। भविष्य पुराण में कहा गया है

तत्रैव वैशाख तृतीया अक्षय्य तृतीया।

सा च पूर्वाह्नव्यापिनी ग्राह्या।

दिनद्वये व तदुव्याप्तौ परैवेति।

अर्थात अक्षय तृतीया को पूर्वाह्नव्यापिनी लेना चाहिए। यदि दोनों ही दिन पूर्वाह्नव्यापिनी हो तो दूसरे दिन वाली पूर्वाह्नव्यापिनी तिथि ग्रहण करनी चाहिए। वैशाख शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया के दिन ग्रहराज सूर्य भी इस तिथि में अपनी उच्च राशि मेष में स्थित रहते हैं। वैशाख मास बहुत पवित्र एवं शुभ माना जाता है।

शुक्ल पक्ष को शुभ तृतीया तिथि को जया तिथि माना जाता है। इस दिन सूर्य अपनी उच्च राशि में स्थित होता है। इन सब शुभ एवं सिद्ध योगों के कारण इस अक्षय तिथि के मुहूर्त को इतना शुभ माना जाता है। वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता है।

इसमें किए हुए जप, दान, हवन, मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों का अनंत फल प्राप्त होता है। इसी कारण इस दिन विवाह, चूड़ाकर्म आदि शुभ कार्यों को करने के लिए विशेष मुहूर्त आदि देखने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

इस तिथि में व्रत रखने से भी महापुण्य अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस तिथि से नया कार्य व्यवसाय प्रारंभ करने से भी अच्छी सफलता प्राप्त होती है। इस अक्षय तृतीया तिथि की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।

If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.